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विजय माल्या (जन्म 18 दिसम्बर, 1955) एक भारतीय व्यापारी और राज्य सभा से सांसद भी हैं। वे यूबी समूह और किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष व उद्योगपति विट्ठल माल्या के बेटे हैं। वर्ष 2008 में लगभग ₹72 अरब रुपये के संपत्ति के साथ यह विश्व के 962वें सबसे धनी लोगों में शामिल हुए। इसी समय इनका भारत में सबसे धनी लोगों में 42वां स्थान था। दुनिया भर के अमीर लोगों में शुमार किंग ऑफ गुड टाइम के नाम से मशहूर विजय माल्या का बैड टाइम चल रहा है।
माल्या के बुरे वक्त का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके ऊपर 17 बैंकों का 7800 करोड़ कर्ज है। आलीशान जिंदगी के लिए मशहूर विजय माल्या कई बैंकों के डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं। विजय माल्या को डेट रिकवरी ट्रि्ब्यूनल ने बड़ा झटका देते हुए डिआजियो से उन्हें मिलने वाली तकरीबन 515 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज कर दी है।
विजय माल्या का जन्म 18 दिसंबर 1955 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। विजय माल्या की स्कूली पढ़ाई कोलकाता के लॉ मास्टीने स्कूल से हुई और सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान वे घरेलू बिजनेस में भी हाथ बंटाने लगे।माल्या ने यूएएस के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पिता की मौत के बाद विजय माल्या यूनाइटेड ब्रेवरीज कंपनी के मालिक बन गए।
इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी का विस्तार करते हुए देश-विदेश में कई कंपनियां स्थापित कीं। इनका मुख्य बिजनेस ब्रेवरेज अलकोहल इन्हीं कंपनियों के साथ मिक्स हो गया। विजय माल्या ने पहली शादी समीरा से की जिसके उनका एक बेटा सिद्धार्थ है। कुछ ही सालों के बाद माल्या ने समीरा से तलाक लेकर बैंगलोर में उनके पड़ोस में रहने वाली रेख माल्या से शादी कर ली, जिससे उनकी दो बेटियां पुत्री लीना और तान्या माल्या हैं।
विजय माल्या एक भारतीय व्यवसायी और राजनेता हैं। वे यू बी ग्रुप के अध्यक्ष हैं जिसका कारोबार शराब, उड्डयन, उर्वरक और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। माल्या राज्य सभा से सांसद भी हैं। वो फार्मूला वन के सहारा फ़ोर्स इंडिया टीम के साझा मालिक हैं। इस टीम के दूसरे मालिक सुब्रत रॉय सहारा हैं। इसके साथ-साथ माल्या इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के ‘रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर”, I-League टीमों जैसे मोहन बागान AC और ईस्ट बंगाल FC के भी मालिक हैं। अपने रंगीले और बेबाक जीवन शैली के लिए प्रसिद्द विजय माल्या के धन का मुख्य श्रोत शराब का कारोबार ही है।
अपने पिता की मृत्यु के बाद 28 साल की आयु में 1983 में माल्या यूनाइटेड ब्रेअरिस ग्रुप के चेयरमैन बने. तब से, उनका यह समूह वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है और इस समूह की लगभग आज 60 कंपनिया है, जिनका वार्षिक टर्नओवर 64% बढ़कर 1998-1999 को 11 बिलियन US डॉलर हुआ था. अपने दुसरे ग्रुप UB ग्रुप के तहत माल्या ने बहोत सी दूसरी कंपनियों को भी अधिग्रहित कर लिया था. और अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान वे अपने सबसे सफल व्यवसाय शराब के व्यवसाय पर देने लगे.
सालो बाद उनकी पहचान बदलने और सफलता उनके कदम चूमने लगी थी तभी 1988 में उन्होंने बर्गेर पेंट्स, बेस्ट और क्रोम्पटन को भी हासिल कर लिया था. इसके बाद उन्होंने 1990 में मंगलोर केमिकल और फ़र्टिलाइज़र को भी हासिल कर लिया और बाद में एशियाई अखबार और फिल्म पब्लिशर पत्रिका, सिने बिट्स को भी उन्होंने 2001 में हथिया लिया था.
वर्ष 1973 में अपने पिता की अकस्मात् मृत्यु के बाद विजय मात्र 28 साल के उम्र में UB ग्रुप के अध्यक्ष बन गए। तब से लेकर अब तक UB ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय समूह की तरह उभरा है जिसके अंतर्गत लगभग 60 कंपनियां हैं। 1973 से लेकर 1999 तक ग्रुप का टर्नओवर लगभग 64 प्रतिशत बढ़ा। विजय ने समूह के तमाम कंपनियों को मजबूत बनाया और घाटे में चल रही कंपनियों को या तो बेच दिया या बंद कर दिया।
उन्होंने अपना पूरा ध्यान ग्रुप के मुख्य व्यवसाय शराब पर लगाया। उन्होंने अपने मुख्य धंधे को न सिर्फ कंसोलिडेट किया बल्कि कई कंपनियों का अधिग्रहण कर अपने व्यवसाय को और डाइवर्सिफाई किया। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के कई कंपनियों का अधिग्रहण किया। इनमें प्रमुख हैं बर्जर पेंट, बेस्ट, क्रॉम्पटन, मालाबार कैमिकल्स एंड फर्टिलाइज़र्स। उन्होंने मीडिया क्षेत्र में भी कुछ अधिग्रहण किये जिनमे प्रमुख हैं ‘द एशियाई एज’ और ‘सिने ब्लिट्ज’।
2005 में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की स्थापना की, शुरू के तीन-चार साल सबकुछ ठीकठाक चला, लेकिन 2009 में एयरलाइंस को 418.77 करोड़ का घाटा हुआ। इसके चलते 100 पायलट को निकाला गया। सिल्वरस्टोन की ग्रांड प्रिक्स टीम को 2007 में विजय माल्या ने 88 मिलियन पौंड में खरीदा। 2014 आते-आते किंगफिशर की उड़ान पर पूरी तरह ब्रेक लगा गया। विजय माल्या का किंगफिशर विला नीलामी की तीन असफल कोशिशों के बाद आखिरकार बिक गया.
इस विला को बिजनेसमैन और अभिनेता सचिन जोशी ने खरीदा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बंगले को तय राशि से काफी नीचे 73 करोड़ रुपये में बेचा गया. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले कंसोर्टियम ने किंगफिशर को लगभग 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज़ दिया था. माल्या के देश छोड़कर भाग जाने के बाद बैंक अब इन संपत्तियों की नीलामी कर वसूली करना चाहते हैं. गोवा में स्थित किंगफिशर विला के नए मालिक अभिनेता और कारोबारी सचिन जोशी को बहुत कम लोग ही जानते हैं.
दरअसल वह ऐसे तो खबरों में नहीं रहते लेकिन सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर जरूर सक्रिय दिखते हैं.विजय माल्या को पार्टी एनिमल यानी पार्टी का दीवाना भी कहा जाता है. बड़ी-बड़ी पार्टियां देने का उन्हें बेहद शौक है. माल्या की आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स की जब कभी जीत होती माल्या पार्टी देने को तैयार होते. अपनी आईपीएल टीम के सदस्यों के साथ विजय माल्या की तस्वीरें खूब चर्चित हुईं.
विजय माल्या ने एक इंटरव्यू में कहा था कि स्टाइल से रहना उन्होंने अपने दादा से सीखा है जो कि डिनर करने से पहले भी सूट बूट पहनकर तैयार होते थे. विजय माल्या कहते हैं कि उनके पिता मर्सडीज में बैठकर पान खाने जाया करते थे. उन्हें देख कर ही 18 साल की उम्र में उन्होंने खुद भी एम्बेसडर में जाकर पान खाना शुरू कर दिया था. विजय माल्या को राजाओं महाराजाओं की तरह रहने का शौक है. यही शौक उन्हें दुनिया की सबसे पुरानी सवारी तक खिंच कर ले जाती है.
यूनाइटेड ब्रुअरीज समूह के मालिक रह चुके माल्या को घुड़दौड़ का बहुत शौक है और वो 21 साल की उम्र से ही इसमें भाग लेते रहे हैं. उनके पास 450 एकड़ का एक बहुत बड़ा और पुराना अस्तबल बेंगुलुरू के पास है जहां घोड़ों की परवरिश होती है. कहा जाता है कि ये अस्तबल मैसूर के राजा टीपू सुल्तान ने बनवाया था. यहां उनके पसंदीदा घोड़े रखे और ट्रेन किए जाते हैं. विजय माल्या बैंकों का कर्जा चुकाने के लिए एक-एक पाई के जब मोहताज थे तब उन्होंने 4 करोड़ रुपये में रेस के लिए एयर सपोर्ट नाम का घोड़ा खरीदा था.
समझा जाता है कि बेंगलुरू में ये सबसे महंगा घोड़ा है. इसने अब तक पांच बड़ी दौड़ें जीती हैं. इस घोड़े का खास इस्तेमाल ब्रीडिंग के लिए होता है और इसे एक ऐसे बाड़े में रखा गया है जहां 100 घोड़ियां हैं. उम्दा किस्म के घोड़े ही ब्रीडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेस समीरा रेड्डी का कन्यादान किया है। एक्ट्रेस समीरा उनकी रिश्तेदार हैं।
बिजनेसमैन माल्या को समीरा अंकल कहकर पुकारती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉलीवुड एक्ट्रेस की शादी के वक्त लड़की की ओर से कोई मौजूद नहीं था। उनके रिलेटिव्स में सिर्फ विजय माल्या मौजूद थे। उन्होंने ही कन्यादान की रस्म निभाई थी। समीरा माल्या फैमिली में बहुत क्लोज हैं। उन्हें अक्सर माल्या फैमिली के प्रोग्राम में देखा जाता है। विजय का कई स्टार्स के साथ करीबी दोस्ती है। वे अक्सर उनकी पार्टी में नजर भी आते रहते हैं।
माल्या का जीवन और कारोबारी सफर इस बात का गवाह है कि कैसे कुछ रसूखवाले लोग देश की जनता के पैसे हड़प कर अरबपति बनते हैं और ऐश करते हैं. एक तरफ किंगफिशर एयरलाइंस दम तोड़ती रही, उसके कर्मचारी वेतन के लिए तरसते रहे, दूसरी तरफ माल्या किंगफिशर कैलेंडर के लिए अपनी आलीशान नौकाओं में खूबसूरत मॉडलों के साथ फोटो खिंचाते, मौजमस्ती करते नजर आते रहे. जो बैंक मामूली कर्ज के लिए भी गारंटर और रेहन रखने की मांग करते हैं, उन्होंने किंगफिशर को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर करने से पहले कंपनी की माली हालत और मुनाफे की संभावनाओं की गहन पड़ताल की जरूरत नहीं समझी.
माल्या को कार, घोड़े और रंगीन जगहों पर विला पसंद हैं. उनके पास अपना एक निजी विमान भी है, जिससे वे दुनियाभर की सैर करते हैं. दक्षिण अफ्रीका में एक बार क्रिकेट प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने अनेक नेताओं व रसूखवालों को वहां की सैर करायी थी. पानी में उनकी सवारी है 450 करोड़ रुपये की लक्जरी यॉट, जिस पर एकसाथ करीब 500 लोग सैर कर सकते हैं. उनके खेल प्रेम को आइपीएल टीम रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु से भी आंका जा सकता है. पावर पसंद माल्या अपनी कारोबारी ताकत के बूते राजनीति में आये और राज्यसभा तक पहुंचने में कामयाब रहे.
उपलब्धियाँ :
• माल्या अस्पताल की बंगलूर में स्थापना . अस्पताल, उनके पिता पर नामित, विट्ठल माल्या सड़क पर स्थित है।
• बंगलौर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल (Mallya Aditi International School), की आर्थिक मदद की.
• एक नीलामी में टीपू सुलतान की तलवार का २००४ में लन्दन में सफलतापूर्वक बोली लगाया और इसे भारत वापस लाया.
• बंगलूर के दिल में स्थित यूबी शहर (UB city), में पुरष्कृत अचल संपत्ति के विकास को प्रारम्भ किया। यह परियोजना कार्पोरेट कार्यालय, खुदरा और सेवा अपार्टमेट्स की मेजबानी करता है
• जब मार्च २००९ में से सम्बन्धित वस्तुओं को माडिसन एवेन्यू में ५९५ नम्बर में अमेरिका के जेम्स ओटिस ने बापू के सामानों की नीलामी की तो विजय माल्या ने इसे भारत की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए बापू की सभी उपलब्ध वस्तुओं को ११ करोड़ में खरीदा। इसके पहले भी वो टीपू सुलतान की तलवार भारत ला चुके है।
• 1997 में दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय ने बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ फिलोसोफी के लिये उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि का सम्मान दिया गया.
• फ्रांस का सबसे प्रसिद्ध अवार्ड “Officer De La Legion D’Honneur” दिया गया.
• वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने उन्हें “कल का वैश्विक नेता” बताया.
• 2010 के द एशियाई अवार्ड्स में उन्हें “साल का सर्वश्रेष्ट उद्योगपति” का सम्मान दिया गया.