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लेखक

अशोक चक्रधर जीवनी - Biography of Ashok Chakradhar in Hindi Jivani

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अशोक चक्रधर के पिता का नाम डॉ. राधेश्याम 'प्रगल्भ' और माता का नाम श्रीमती कुसुम 'प्रगल्भ' हैं। अशोक चक्रधर का जन्म 8 फ़रवरी, सन् 1951 में खु्र्जा, उत्तर प्रदेश के अहीरपाड़ा मौहल्ले में हुआ। अशोक चक्रधर ने होश सम्भाला तो अपने चारों ओर विशुद्ध निम्नवर्गीय और मध्यमवर्गीय माहौल को महसूस किया। घर के ठीक सामने एक तेली का घर था, पर मज़े की बात यह है कि उसका दरवाज़ा इस गली में नहीं बल्कि तेलियों वाली गली में दूसरी ओर खुलता था। गली के एक छोर पर अहीर बसते थे, जिनका गाय-भैंस और घी-दूध का कारोबार था। तेल की धानी, भैंसों की सानी और गोबर की महक उस वातावरण की पहचान बन गई थी। नन्हें अशोक चक्रधर ने आदमियों और पशुओं को साथ-साथ रहते देखा, जीते देखा। एक-दूसरे के लिए दोनों की उपयोगिता को महसूस किया। कोल्हू के बैलों को आँखों पर बंधी पट्टियों से पीड़ित होते हुए। यही नहीं निम्नमध्यवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवारों की त्रासदियों को भी महसूस किया। संयुक्त परिवार के संकटों को पहचाना।


सबसे पहली अपनी कविता 1960 में देश के रक्षामंत्री 'कृष्णा मेनन' को सुनाई. और उन्हें इस कविता पर काफी सराहा गया.


और इसी के साथ 1962 में एक कवि के रूप में अपनी मंचीय जीवन की पहली कविता पढ़कर सुनाई.. वो दिन अशोक चक्रधर जी के लिए महत्वपूर्ण दिन था. अपनी कविता का पाठ पढ़ कर "पं.सोहनलाल द्विवेदी" जी का आशीर्वाद भी प्राप्त किया. और यह कवी सम्मलेन उनके पिता जी द्वारा आयोजित किया गया था जिसकी अध्यक्षता पं.सोहनलाल द्विवेदी जी ने की थी. और उसके बाद कभी पीछे मुड कर नहीं देखा. और वो लगातार आगे बढ़ते रहे... 


बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ॰ अशोक चक्रधर केवल कविता लेखन के कार्य में ही आगे नहीं थे साथ साथ वो धारावाहिक लेखक, कलाकार , वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, टेलीफ़िल्म लेखक, निर्देशक, अभिनेता, के रूप में कार्यरत हैं एसे कम ही विशिष्ट प्रतिभा के लोग होते हैं.


संयुक्त परिवार


संयुक्त परिवार में बड़ों के दबदबे के कारण, पिता की लाचारियों और माँ की मजबूरियों को उन्होंने जिस उम्र में महसूस किया, उससे वह अपनी उम्र से ज़्यादा परिपक्व हो गये। छोटे भाई और बहन के मुक़ाबले वह स्वयं को पूरा बड़ा समझने लगे थे और यह बड़े होने का अहसास उनमें इस क़दर पनपा कि जब दूसरे उन्हें 'बच्चा' कहते थे तो वह कड़वाहट से भर जाते थे।


शिक्षा: एम.ए., एम.लिट., पी-एच.डी. (हिंदी), 'कैरिअर अवार्ड' उत्तर पी-एच.डी. शोध-कार्य (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)


संप्रति: समंवयक (हिंदी), जीवनपर्यंत शिक्षण संस्थान, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली 110007 प्रकाशित रचनाएँ: बूढ़े बच्चे, भोले भाले, तमाशा, चुटपुटकुले, सो तो है, हँसो और मर जाओ, ए जी सुनिए, इसलिए बौड़म जी इसलिए, खिड़कियाँ, बोल-गप्पे, जाने क्या टपके, देश धन्या पंच कन्या, चुनी चुनाई, सोची समझी।


नाटक –


 रंग जमा लो, बिटिया की सिसकी, बंदरिया चली ससुराल, जब रहा न कोई चारा, लल्लेश्वरी।


इसके अतिरिक्त बाल साहित्य, प्रौढ़ एवं नवसाक्षर साहित्य, समीक्षा, अनुवाद, काव्यानुवाद, पटकथा आदि अनेकों विधाओं में लेखन। फ़िल्म, टेलीफिल्म, वृत्तचित्र, धारावाहिक, फीचर फ़िल्म व दूरदर्शन में लेखन, निर्देशन व अभिनय के साथ साथ कविसम्मेलनों के अत्यंत लोकप्रिय व्यक्तित्व।


      सिडनी यूनिवर्सिटी, सिडनी, आस्ट्रेलिया में विज़िटिंग स्कॉलर, संचालन समिति, हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार, गवर्निंग बॉडी, शहीद भगत सिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली व सांस्कृतिक सचिव, ब्रज कला केंद्र, दिल्ली के सदस्य, काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट, हाथरस के ट्रस्टी तथा हिंदी सलाहकार समिति, ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, हिमाचल कला संस्कृति और भाषा अकादमी, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला के भूतपूर्व सदस्य के पदों को सुशोभित कर चुके हैं।


पुरस्कार और सम्मान


        मुक्तिबोध की काव्यप्रक्रिया - वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक (किसी युवा लेखक द्वारा रचित), जोधपुर वि.वि., राजस्थान, 'ठिठोली पुरस्कार', दिल्ली, 'हास्य-रत्न' उपाधि 'काका हाथरसी हास्य पुरस्कार', आकाशवाणी पुरस्कार 'प्रौढ़ बच्चे' सर्वश्रेष्ठ आकाशवाणी रूपक लेखन-निर्देशन पुरस्कार, दिल्ली, 'टी.ओ.वाई.पी. अवार्ड', (टैन आउटस्टैंडिंग यंग परसन ऑफ इंडिया), जेसीज़ क्लब, बम्बई, 'समाज रत्न' उपाधि साथी संगठन, दिल्ली, 'पं.जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय एकता अवार्ड', गीतांजलि, लखनऊ, 'मनहर पुरस्कार', साहित्य कला मंच, बम्बई, धारावाहिक 'ढाई आखर' लेखन-निर्देशन के लिए भूतपूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह द्वारा सम्मानित, 'बाल साहित्य पुरस्कार', हिन्दी अकादमी, दिल्ली, 'पंगु गिरि लंघै' सर्वश्रेष्ठ विकलांग आधारित फ़िल्म, लेखन-निर्देशन-निर्माण, राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव, भारत सरकार, 'कैरियर अवार्ड', विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली, 'आल राउण्ड पर्सनैलिटी', दिल्ली, 'आउटस्टैंडिंग परसन अवार्ड' रोटरी क्लब, दिल्ली, 'टेपा पुरस्कार', उज्जैन, 'राष्ट्रीय सद्भाव कवि' सम्मान, जागृति मंच, दिल्ली, 'राष्ट्रभाषा समृद्धि सम्मान', साई दास कला अकादमी, दिल्ली, 'कीर्तिमान पुरस्कार', मैहर, 'ये हैं ब्रज के गौरव' सम्मान, मथुरा, राष्ट्रपति डॉ॰ शंकरदयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति भवन में काव्य पाठ के लिए सम्मानित, 'रोज़ अवार्ड' रोज़ फाइन आर्ट्स क्लब, दिल्ली, 'काका हाथरसी सम्मान', हिन्दी अकादमी, दिल्ली, 'हिन्दी उर्दू साहित्य अवार्ड', लखनऊ, राज्यपाल, उ.प्र. द्वारा सम्मानित, 'दिल्ली के गौरव' सम्मान, दिल्ली सरकार,'राष्ट्रीय पर्यावरण सेवा सम्मान', षष्ठम्‌ विश्व पर्यावरण महासम्मेलन, दिल्ली, 'सुमन सम्मान', भारती परिषद एवं निराला शिक्षा निधि उन्नाव, उत्तर प्रदेश, 'सद्भावना पुरस्कार', आल इंडिया ज्ञानी ज़ैल सिंह मैमोरियल सोसाइटी, दिल्ली, भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ शंकरदयाल शर्मा द्वारा प्रदत्त, 'चौपाल सम्मान', मद्रास, 'काव्य-गौरव पुरस्कार', सागर, मध्य प्रदेश, 'डॉ॰ मंशाउर्रहमान मंशा सम्मान', नागपुर, 'राजभाषा सम्मान', भारतीय स्टेट बैंक, प्रधान कार्यालय, भोपाल (म.प्र.) इत्यादि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित