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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

पॉल रत्नस्वामी की जीवनी - Biography of Paul Ratnaswamy in hindi jivani

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नाम : पॉल रत्नस्वामी

जन्म दि : 11 जून 1942

ठिकाण : चेन्नाई, तामिलनाडू, भारत 

व्यावसाय : प्रोफेसर


प्रारंभिक जीवनी :


        पॉल रत्नस्वामी एक भारतीय उत्प्रेरक वैज्ञानिक थे | वह INSA श्रीनिवास सामानुजन रिसर्च प्रोफेसर और वैज्ञानिक और औघोगिक अनुसंधान परिषद SIR के राष्ट्रीय रसायनिक प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक भी है | पॉल रत्नस्वामी का जन्म 11 जून 1942 को भारत मे तामिलनाडू राजया के चेन्नाई शहर मे हुआ है पॉल ने सन 1961 मे लायोला कॉलेज चेन्नाई से रसायन शास्त्र बीएससी मे स्त्रातक किया है |


        सन 1967 मे एल्यूमिना आधारित सामग्रियों के कैटेलिटिक गुणो पर पीएचडी कि उपाधि प्राप्ता कि है | उन्हेांने अपना पोस्ट डॉक्टोरोल रिसर्च क्लार्कसन कॅालेज ऑफ टेक्नोलॉजी से किया है | इसके लिए उन्हें न्यूयॉर्क मे 1967 से 1969 प्रो रोसेन्थल को मार्गदर्शन मिला है | उन्होंने सन 1975 मे ब्रिटीश वाणिजया संस्थान से औधोगिक प्रशासन और प्रबंधन मे स्त्रातकोत्तार डिप्लोमा प्राप्ता किया है |


कार्य :


        रत्नस्वामी ने जे जे के शोध सहयोगी के रुप मे बेल्जियम के कैथोलिक विश्वाविघ्यालय के लेवेन मे 1972 तक काम किया है | उसके बाद उन्होंने सन 1979 तक इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ पेट्रोलियम आयआपी मे काम किया है | रत्नस्वामी सन 1980 मे नेशनल केमिकल लेबोरेटरी एनसीसी मे शामिल हुए वहाँ वे कैटेलिसिस डिवीजन के प्रमूख के रुप मे कार्यरित रहे |


        सन 1995 मे वे संस्था के निदेशक बने और सन 2002 तक अपनी सेवानिवृत्ती तक कार्यरित रहे है | प्रो रत्नस्वामी सन 2009 से 2011 तक लुईविले विश्वाविघ्यालय के जे बी स्पीड स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग मे जैव ईंधन के प्रोफेसर के रुप मे काम किया है | उन्हेांने अपना बहूमल्या योगदान नेशनल सेंटर फॉर कैटेलिसि रिसर्च चेन्नाई कि स्थापना मे दीया है |


        डॉ रत्नस्वामी ने उपन्यास जिओलाइट उत्प्रेरणे कि खोज कि है | जिनमे हाइड्रोकार्बन के उत्पादन के लिए प्रमूख प्रक्रियाओं मे अनुप्रयोग होते है | जैसे कि वैरा जाइलीन, एथिल बेंजीन और हल्के ओलेकिन उन्हे बारह आणविक बहनोके संश्लेषण्ं औरलक्षण वर्णन का श्रेय दिया जाता है | रत्नस्वामी ने सन 2004 से 2006 के दौान आंतर्राष्ट्रीय जिओलाइट एसोसिएशन के बडे सदस्या परिषद के पूर्व सदस्या के रुप मे कार्य किया है | रत्नस्वामी इंडो पैसिफिक केटलिसिस एसोसिएशन के संस्थापक सदस्या और अध्याक्ष है |


उपलब्धि :


सम्मान/पूरस्कार :


1) प्रो रत्नस्वामी को 1982मे VASVIK औधोगिक अनुसंधान पुरस्कार प्राप्ता हुआ है |

2) सन 1984 मे उन्हे भारत सरकार व्दारा शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है | 

3) सन 1989 मे उन्हें महाराज सयाजीराव युनिवर्सिटी ऑफ बडौदा से के जी नाईक गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है |

4) सन 1992 मे उन्हें ओम प्रकाश भीसन अवार्ड मिला है |

5) सन 1994 मे उनहें आयएनएसए व्दारा विश्वाकर्मा मेडल प्रप्ता हुआ है |

6) सन 1994 मे ही रत्नस्वामी को टीडब्ल्यूएएस तकनीक पुरस्कार मिला है |

7) सन 2001 मे रत्नस्वामी को भारत सरकार व्दारा पघश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है |

8) डॉ. रत्नस्वामी को फेडरेशन ऑफ इंडियन नेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री अवार्ड भी मिला है |

9) उॉ रत्नस्वामी आयएनएसए टीडब्ल्यूएएस और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया, और इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजिनियरिंग के एक निर्वाचित फेलो रहे है |

10) सन 2016 मे डॉ रत्नस्वामी को पेट्रोटेक फाउंडेशन ने अपना लाहफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड प्रदान किया है |


पूस्तक/ग्रंथ :


1) पॉल रत्नस्वामी 35अमेरिकी पेटेंट सहित 150 पेटेंटो के धारक और उन्हेांने 200 से अधिक शोध पत्र को प्रकाशित कियाहै| जिनमे अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं की समीक्षा कि गई है |