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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

दिपंकर दास सरमा की जीवनी - Biography of Dipankar Das Sarma in hindi jivani

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नाम : दिपंकर दास सरमा

जन्म तिथी : 15 सितंबर 1955

ठिकाण : कोलकता, पश्चिम बंगाल

व्यावसाय : ठोस रा्जया और संरचनात्माक रसायनतज्ञ

पत्नी : आभा दास सरमा


प्रारंभिक जीवनी :


        दिपंकर सरमा का जन्म 15 सितंबर 1955 को पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता मे हुआ था | उन्हेांने भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान, कानपूर से भौतिक विज्ञान मे पॉच वर्षीय एकीकृत स्त्रातकोत्तार पाठयाक्रम किया था | और भारतीय विज्ञान संस्थान आईआईरससी बेगलुरु मे शोध के लिए दाखिला लिया था | जहाँ से उन्हेांने अपना स्थान हासिल किया था | उनहेांने 1982 मे पीएचडी प्रसिध्दा ठोस राजया रसायनतज्ञ सीएनआर राव के संरक्षण मे डिग्री हासिल कि थी |


कार्य :


        दीपक दास सरमा जिन्हे डी डी सरमा के नाम से जाना जाता है | वह एक भारतीय वैज्ञानिक और स्ट्रक्चरल केमिस्टा है | जिन्हें सॉलिड स्टेट केमिस्ट्री स्पेक्ट्रौस्कोपी, कंडेस्ड मैटर फिजिक्सा मैटेरियल्सा साइंस और नेनोसाइंस के क्षेत्र मे उनके शोध के लिए जाना जाता है | वह भौतिकी के पूर्व एमएलएस चेयर प्रोफेसर है |


        उन्हेांने एक वर्षे के लिए आयआयएससी मे एक शोध के रुप मे काम किया था | 1984 मे अतिथि वैज्ञानिक के रुप मे जर्मनी चले गए थे |और 1986 मे व्याख्याता के रुप मे आयआयएसएएस मे वापस गए थे | वह आयआयएससी मे रहे, जहां वे 1989 मे सहायक प्रोफेसर 1999 मे एसोसिएट प्रोफेसर और 1999 मे प्रोफेसर बने थे | वह संस्थान मे एक प्रोफेसर और सॉलिड स्टेट एंड स्ट्रक्चरल केमिस्ट्रि यूनिट के अध्याक्ष बने रहे थे | उन्होंने टोक्यो विश्वाविघ्यालय मे विजिटिंग प्रेाफेसर के रुप मे भी काम किया था | 


        सरमा भारत और विदेशो मे कई अकादमिक पदों पर है | वर्तमान मे, वह भारतीय विज्ञान संस्थान के सॉलिड स्टेट और स्ट्रक्चरल केमिस्ट्री यूनिट मे जे एन टाटा के अध्याक्ष है | उन्हेांने उप्साला विश्वाविघ्यालय, स्वीडन मे अतथि प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया है | इंडियन एसोसिएश्ंन फॉर द कल्टिवेश्ंन ऑफ साइंस, कोलकता मे एक प्रतिष्ठित विजिटिंग प्रोफेसर है | वह टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई मे एक सहायक प्रोफेसर भी राहे है |


        वह विज्ञान ओर प्रौघोगिकी विभाग और वैज्ञानिक और औघोगिक अनुसंधान परिषद कि विभिन्ना समितीयों मे बैठता है | उन्हेांने नेशनल केमिकल लेबोरेटरी पूणे की रिसर्च कांउसिल कि अध्याक्ष का कार्यभार संभाला है | उन्हेांने यूजीसी कि वैज्ञानिक सलाहकार समिती डीएई कंसोर्टियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च कि अध्याक्षता कि है | उन्हेांने शासी निकाय और शासी परिषद के सदस्या के रुप मे भी कार्य किया है |


        सरमा एसीएस एनर्जी लेटर्स के वरिष्ठा संपादक है | उन्हें इलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी और संबंधित घटना जैसे कोई सहकर्मी क‍ि समीक्षात्मक पत्रिकाओं के सदस्या है | वह एक्सेपेरिमेंटल नेनोसाइंस के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संपादक और एप्लाइड भौतिकी के एसेसिएट एडिटर है | विभिन्ना पियर समीक्षा वाली पत्रिकाओं मे प्रकाशित कई लेखों के माध्याम से उनके शोधो को प्रलेखित किया गया है |


        गुगल स्कॉलर, वैज्ञानिक लेखो के एक ऑनलाइन रिपॉजिटरी मे सरमा के लेखो मे से 521 को सूचीबध्दा किया है | और उसे बीएच का एच इंडेक्सा 2010 से और 120 का आई 10 इंडेक्सा दिया है | और उनके लेखो को 13300 से अधिक बार उदूधत किया गया है | उनके पास कई पेटेंट है |


        और जस्टिया पेटेंट मे उनमे से 16 का ऑनलाइन रिकॉर्ड है | उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सेमिनारों और सम्मेलनों मे भाग लिया जहाँ उनहेांने मुख्या भाषण दिए थे | उन्होंने अपने पीएचडी शोध के लिए कई शोध छात्रों के भी उल्लेख किया है |


पूरस्कार और सम्मान :


1) सरमा ने 1981 मे सर जेसी बोष पदक और 1983 मे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी से युवा वैज्ञानिक पदक प्राप्ता किया था |

2) यूनेस्को ने उन्हें 1989 मे व्दिवार्षिक जावेद हुसेन पूरस्कार से सम्मानति किया |

3) उनहें 2004 मे तीन पूरस्कार मिले, विश्वाविघ्यालय अनुदान आयोग व्दारा हरिओम आश्रम ट्रस्ट पूरस्कार, जी बिडला पूरस्कार और भारतीय विज्ञान संस्थान से अनुसंधान मे उत्कूष्टता के लिए पूर्व छात्र पुरस्कार 

4) उन्हें 2006 मे एफ आयसीसीआय अवार्ड से सम्मानित 

5) उन्हे भौतिक विज्ञान मे टीडब्यूएएस पूरस्कार से सम्मानित

6) उन्हें नाइट ऑफ से सम्मानित किया गया था |

7) 2014 मे इटली के स्टार का आदेश और 2015 मे उप्साला विश्वाविघ्यालय मे विज्ञान और प्रौघोगिकी संकाय से एक मानद डॉक्टरेट थे |

8) 2006 मे डॉ जगदीश शंकर मेमोरियल अवार्ड लेक्चर प्रोफेसर आपी मित्रा मेमोरियल अवार्ड लेक्चर ओर एवी रामा राव फाउंडेशन व्याख्यान मे तीन आईएनएसए व्याख्यान दिए थे |