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नाम : दीपन कुमार घोष
जन्म तिथी :
ठिकाण : भारत
व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी
प्रारंभिक जीवनी :
दिपन घोष का जन्म भारत मे हुआ था | उन्हेांने एमएससी भौतिकी मे 1966 को रेनेसा कॉलेज, कटल उत्कल विश्वाविघ्यालय से पढाई कि थी | उस विश्वविदयालय के स्वर्ण पदक विजेता के रुप मे उन्हेांने अपनी पीएचडी प्राप्ता कि थी |
चंबल कूमार मजूमदार के तहत टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च बॉम्बे 1971 मे अपनी थीसीस के बल पर स्टडी ऑफ मैग्नेटिक हैमिल्टन शीर्षक से उनका शोध जारी रखा था |
उन्होंने 1971 से 1972 तक जॉन जिमन के साथ ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी मे टोर बाद मे 1972: 73 से के एस सिंगवी के साथ नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी मे डॉक्टरेट कि उपाधि प्राप्ता कि थी |
कार्य :
दिपान घोष एक भारतीय सैघ्दांतीक भौतिक विज्ञानी है | जिन्हें हाइजेनबर्ग एंटीफेरोमैग्नेट कि जमीनी स्थिति के सटीक ज्ञान के लिए जाना जाता है | जिन्हें साहीत्या मे मजूमदार घोष मॉडल के रुप मे जाना जाता है | जिस उन्होंने चंचल कुमार मजूमदार के साथ विकसित किया था |
वह 2005 से 2006 तक भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान, बॉम्बे के उपनिदेशक थे | और 2005 से 2007 तक भारतीय भौतिकी संघ के अध्याक्ष रहे है |
उनहेांने 1974 मे आयआयटी बॉम्बे मे शामिल होने से पहले कैलिफोर्निया विश्वाविघ्यालय सांता क्रूत और विश्वा भारती विश्वाविघ्यालय मे नियूक्तियाँ कि है | वह वर्तमान मे आयआयटी बॉम्बे मे प्रोफेसर एमेरिटस है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) घोष को एमएससी भौतिकी मे 1966 को रेनशॉ कॉलेज कटक उत्कल विश्वाविघ्यालय से स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था |