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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

वियारा सिंह गिल की जीवनी - Biography of Viara Singh Gill in hindi jivani

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नाम : वियारा सिंह गिल

जन्म दि : 28 अक्टूबर 1911

ठिकाण : होशियारपूर जिला पंजाब, भारत

व्यावसाय : परमाणू भौतिक विज्ञानी


प्रारंभिक जीवनी :


        वियारा सिंह गिल एक भारती परमाणू भौतिक विज्ञानी थे | वह कॉस्मिक किरण परमाणू भौतिक मे अग्रणी थे | उन्हेांने अमेरिकि मैनहट्रटन परियोजना पर काम किया था | पियारा सिंह गिल का जन्म 28 अक्टूबर 1911 को भारत मे पंजाब राजया के होशियापूर जिले मे हुआ था | वह एक जट पविवार से थे |


        उन्हेोंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा महिलापूर के खालसा हाई स्कूल मे कि थी | उसके बाद वे सन 1929 मे अमेरिका चले गऐ थे | वहाँ उन्हेांने दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्श्वाविघ्यालय से स्त्रातक और मास्टार कि डिग्री प्राप्ता कि थी | उन्होंने सन 1940 मे भौतिकी मे शिकागो विश्वाविघ्यालय से पीएचडी कि उपाधि प्राप्ता कि थी | वहाँ उन्हे नोबे पूरस्कार विजेता आर्थर कॉम्पटन का मार्गदर्शन मिला था |


कार्य :


        पियारा सिंह गिल ने भारत के केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरन संगठन सीएसआयओ के निदेशक के रुप मे कार्य किया था | इतना ही नही बल्की पियारा गील सन 1950 से 1960 के दशक मे भारत कि परमाणू इतियार गणनिती पर नेहरु के प्रमूख सलाहकार थे | वियारा ने सन 1940 से 1947 तक फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज के भौतिकी विभाग मे व्याख्याता के रुप मे कार्य किया है | वह टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बॉम्बे मे सन 1947 से 48 तक प्रयोगिक भौतिकी के प्राफेसर रहे है | 1948 से 1949 के बीच वह परमाणू ऊर्जा आयोग मे अधिकारी विशेष डयूटी थे |


        पियारा ने अलीगढ मुस्लिम विश्वाविघ्यालय अलीगढ मे भौतिकी विभाग के प्रमूख और प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया था | वहाँ पर वे विज्ञान संकाय के डीन भी रहे है | उन्हेांने सन 1951 से 1971 तक गुलमर्ग रिसर्च ऑब्जर्विटरी मे निर्देशक के रुप मे कार्य किया था | सन 1963 से 1971 तक वे केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन सीएसआयओ चंदीगढ के निदेशक थे |


        1972 से 1982 तक उन्होंने पंजाब कृषि विश्वाविघ्यालय मे प्रोफेसर एमेरिटस के रुप मे काम किया है पीयारा पंजाब विश्वाविघ्यालय और जम्मू विश्वाविघ्यालय और कश्मीर विश्वाविघ्यालय के भौतिकी विभाग के मानद प्रोफेसर थे | पीयारा ने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय विज्ञान कांग्रेस भौतिकी के , भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और इंडियन फिजीकल सोसायटी कि अध्याक्षता कि थी |


        वह इंडियन साइंस काँग्रेस ऐसासिएशन और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सचिव के रुप मे कार्यरी रहे थे | पीयारा युपी वैज्ञानिक अनुसंधान समितीऔर युपी विश्वाविघ्यालय अनुदान समिती के सदस्या के रुप मे भी कार्यरित थे | वह लखनउु विश्वाविघ्यालय बनारस ओर इलाहाबाद के संकायो के सदस्या भी रहे थे | 


उपलब्धि :


पूरस्कार और सम्मान :


1) 1947 मे पीयारा टीआयएफआर के प्रोफेसर रहे है |

2) पीयारा अमेरिकन फिजिकल सोसायटी के फेलो थे |

3) वह इंडियन फिजीकल सोसाइटी और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया के फेलो थे |

4) सन 1954 मे वह भारतीय विज्ञान काँग्रेस के भौतिकी के अध्याक्ष रहे है |

5) सन 1957 से 58 मे वह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्याक्ष थे |

6) भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी कि परिषद के सदस्या थे |

7) व्यापक चिकित्सा संस्थान के राष्ट्रीय वैज्ञानिक सलाहकार परिष्ंद के सदस्या और इंटके संपादकिया बोर्ड भी थे |


पुस्तक/ग्रंथ :


1) 1992 मे प्रकाशित अप अग्रेन्स्टा ऑड्रस ओटोबायोग्राफी ऑफ ऑन इंडियन साइंटीस्टा|

2) पीयारा का 23 मार्च 2002 मे अमेरिका के अटलंटा मे निधन हुआ था |