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वैज्ञानिक

दामोदर धर्मानंद कोसंबी की जीवनी - Biography of Damodar Dharmanand Kosambi in hindi jivani

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नाम : दामोदर धर्मानंद कोसंबी

जन्म तिथी : 31 जुलाई 1907

ठिकाण : कोसाबेन, गोवा

व्यावसाय : गणितज्ञ और मार्क्सवादी

मृत्यू : 29 जून 1966 आयू 58 वर्षे

पिता : धर्मानंद कोसंबी


प्ररंभिक जीवनी :


        दामोदर धर्मानंद कोसंबी का जन्म 31 जुलाई 1907 को पोतुर्गाली गोवा के कोसबेन मे हुआ था | भारत मे स्कूली शिक्षा के कुछ वर्षो के बाद, 1918 मे दामोदर और उनकी बडी बहन, मानिक ने अपने पिता के साथ कैम्ब्रिज, मैसाचुसेटस कि यात्रा कि थी | उन्होंने कैम्ब्रिज लैटिन स्कूल मे एक शिक्षक पद संभाला था |


        उनके पिता को हार्वर्ड विश्वाविदयालय के प्रोफेसर चार्ल्स रॉकवेल लैमन ने बोध्दा दर्शन पर एक पूस्तक विशुध्दिमग्गा के एक महत्वापूर्ण संस्कारण को पूरा करने का काम चौंपा था | जिसे मूल रुप से हेनरी क्लार्क वॉरेन ने शुरु किया था | और फिर 1920 मे कैम्ब्रिज हाई और लैटिन स्कूल मे भर्ती हुए थे | वह अमेरिकन बॉय स्काउटस कि कैम्ब्रिज शाखा के सदस्या बन गए थे |


        यह कैम्ब्रिज मे था कि वह उस समय के एक और विलक्षण दोस्ता नोर्बर्ट वीनर के मित्र थे | जिनके पिता लियो रीनर हार्वर्ड विश्वाविघ्यालय मे कोसंबी के बडे सहयोगी थे | उन्होंने 1924 मे हार्वर्ड मे दाखिला लिया, लेकिन अंतत: अपनी पढाई स्थागित कर दी, और भारत लौट आए | वह अपने पतिा के रहे जो गुजरात विश्वाविदयालय मे कार्यरत थे |


कार्य :


        दामोदर धर्मानंद कोसंबी एक भारतीय गणितज्ञ, सांख्यिकिविदू राजनितिा, इतिहासकार और नितिम थे | जिन्होंने कोसंबी के मानचित्र समारोह कि शुरुआत करके अनुवंशिकि मे योगदान दिया था | वह संख्या विज्ञान मे अपने काम के लिए और प्राचीन संस्कूत ग्रंथो के महत्वापूर्णा संस्कारणों के संकलन के लिए जाने जाते है |


        कोसंबी भी प्राचीन भारत मे विशेषज्ञता रखनेवाले मार्क्सावादी इतिहासकार थे, जिन्होंने अपने काम मे ऐतिहासिक भौतिकवादी दृष्टिकोन को नियोजित किया था | वह विशेष रुप से अपने और इसके अलावा, विश्वाशांति आंदोलन मे एक प्रमूख कार्यकर्ता थे | गोवा सरकार ने उनकी जन्म शती मनाने के लिए फरवरी 2000 से वार्षिक डीडी कोसंबी फेस्टिवल ऑफ आइडियाज कि स्थापना कि है |


        इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा डीडी कोसंबी और आरएस शर्मा ने उैनयिल थॉर्नर के साथ मिलकर पहली बार भारतीय इतिहास के अध्यायन मे किसानों को लाया था | कोसंबी नास्तिक थे | इंडिया पोस्टा ने कोसंम्बी को सम्मनित करने के लिए 31 जुलाई 2008 को एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था |


पुरस्कार और सम्मान :


1) उनहें मरणोपरांत 1980 मे भारत सरकार के विश्वाविदयालय अनुदान आयोग व्दारा हरिओम आश्रम पुरस्कार से अलंकूत किया गया था |


पूस्तके :


1) भारतीय इतिहास के अध्यायन का एक परिचय 1956|

2) एक्सेसर्प्टिंग एसेज : डायलेक्टिकल मेथे मे व्यायाम पीपल्सा बुक, हाऊस पुना|

3) मिथक और वास्तिविकता : भारतीय संस्कूति के निर्माण मे अध्यायन 1962|

4) मॉडर्न डिफरेशियल जियामेट्रीज, इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्सा 1932|

5) 2016 गणित और सांख्यीकि मे चयनित वर्क्स, एउ रामकृष्ण रामास्वामी, स्प्रिंगर मरणोपरांत प्रकाशन |