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वैज्ञानिक

बालासुब्रमण्यानन गोपाल की जीवनी - Biography of Balasubramanian Gopal in hindi jivani

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नाम : बालासुब्रमण्यानन गोपाल 

जन्म दि : 31 अगस्ता 1970 आयू 49 वर्षे

ठिकाण : भारत

व्यावसाय : जीवविज्ञानी


प्रारंभिक जीवनी :


        बालासुब्रमण्यानन गोपाल का जन्म 31 अगस्ता 1970 को भारत मे हुआ था | उन्होंने भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान, कानपूर मे अपनी मास्टार डिग्री पूरी कि थी | अपने अहमदाबाद स्टैशन पर टोरंट फार्मास्यूटीकल्सा मे शामिल होकर बायोकेमिस्टा के रुपमे अपना करियर शुरु किया था |


        बाद मे उन्होने अपनी नौकरी से छुटी ले ली और भारतीय विज्ञान संस्थान आयआयएससी मे शामिल हो गए थे | जहाँ से उनहेांने पीएचडी कि उपाधि प्रापता कि थी | यूके मे स्थानातरित, उन्हेांने नेशनल इंस्टीटयूट फॉर मेडिकल रिसर्च मे क्रिस्टोलोग्राफी मे पोस्टा डॉक्टरेट कि पढाई कि थी |


कार्य :


        बालासुब्रमण्यानन गोपाल एक भारतीय संरचनात्माक जीवविज्ञानी और भारतीय विज्ञान संस्थान के आणविक जैव भौतिकी इकाई मे एक प्रोफेसर है | भारत लौटकर, वह लैब सदस्या के रुपमे आईआई एससी कि आणविक बायोफिजिक्सा इकाई मे शामिल हो गया था | जहाँ वह और उनके सहयोगी अंतर कोशिका संचार, ट्रॉसक्रिपशनल विनिममन और मे शामिल हो गया था |


        जहाँ वह और उनके सहयोगी अंतर केशिका संचार, ट्रांसक्रिप्शनल विनियमन और मे शामिल जिल्ली से जुडे प्रोटीन के संरचनात्माक और यंत्रवत पहलुओ पर शोध मे लग सभी रोगाणुरोधी प्रतिरोध मध्यास्थता के लिए जाना जाता है कि गोपाल ने आणविक जैव भौतिकी मे काफी शोध किया है | और स्टैफिलोकोकस ऑरियस मे कोशिका भित्ती संश्लेषण कि हमारी समझ को व्यापक बनाने मे योगदान दिया है |


        जो मानव श्वासन पथ और त्वाचा मे पया जाने वाला एक सामान्या ग्राम पॉजिटिव जीवाणू है | उनहेांने अपने शोध निष्कर्षो को सहकर्मी समिक्षित किया है | एक ऑनलाइन लेख भांडार ने उनमे से पब्शिशड ऑफ को सुचीबघ्दा किया है | उन्होंने स्त्रातक छात्रों कि सहित कई संगोष्ठियों मे मुख्या भाषण दिए थे | और अगस्ता 2016 मे सस्त्र कार्यात्माक जीनोमिक्सा पर दुसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन था |


पूरस्कार और सम्मान :


1) जैव प्रौघागिकी विभाग ने उनहे 2010 मे कैरियर विकास के लिए राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया |

2) 2013 मे भारतीय विज्ञान अकादमी ने उनहे अपनी साथी चुना था |

3) उसी वर्षे उनहें नेशनल एकेडमी व्दारा एक साथी के रुप मे चुना गया था |

4) उनहे विज्ञान और प्रौघोगिकी के लिए शांती स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया गया था|

5) भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी कि निर्वाचित फैलोशिप उनके पास पहूंची थी 2016 मे |


पूस्तके :


1) माइक्रोबैक्टीरियम टयूबरकुलोसिस रुला कि संवेदनशीलता के लिए संरचनात्माक और जैव रासायनिक आधार 2010|

2) जीवाणू विज्ञान जर्नल 2010|

3) स्टैफिलोकोकस ऑरियस हायहाइड्रोडिपिकोलिनेट सिंथेज कि संरचनात्माक और कार्यात्माक लक्षण वर्णन 2000|

4) जिजॉल्यूशन पर माइकोबैक्टीरियम टयूबर कुलोसिस से प्रति लेखन बढाव विरोधी समाप्ति कारक एनयूएसए कि क्रिस्टल संरचना 2001|