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शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में मध्यप्रदेश प्रांत के मुख्यमंत्री हैं। शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता हैं। वे 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। जन्म 5 मार्च 1959, पिताश्री प्रेमसिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान। वर्ष 1992 में श्रीमती साधना सिंह के साथ विवाह। स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा। सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष। आपात काल का विरोध और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन और जेल यात्राएं। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक।
सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के संगठन मंत्री। सन् 1978 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वे 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। श्री चौहान 1991-92 मे अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। सन् 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त। सन् 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
श्री चौहान 11 वीं लोक सभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12 वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।
सन् 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। श्री शिवराज सिंह चौहान पॉचवी बार विदिशा से 14वीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे। श्री चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये।
श्री चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। श्री चौहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसमति से नेता चुना। श्री चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
मॉडल स्कूल रिटायर्ड शिक्षक के के सी जैन बताते हैं कि स्कूल की एक ट्रिप बॉम्बे और गोवा के लिए निकली थी। जब हम गोवा से लौट रहे थे तो पहाड़ी ढलान पर जैसे ही बस आई तो ड्राइवर ने जोर से चिल्लाकर कहा, बस का ब्रेक फेल हो गया है। आप लोग कूद जाइए। सब सोचने लगे। जितनी देर में लोग सोचते इतने में शिवराज ने गेट खोला और बस से बाहर चले गए। गिरे और उठकर चले। फिर कुछ लड़के और कूदे। ड्राइवर ने बस धीमी की। फिर इन लड़कों ने मिलकर बस के आगे पत्थर रखे। फिर बस रुक गई।
राजनीतिक करियर :
सन् १९७७-७८ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। सन् १९७५ से १९८० तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् १९८० से १९८२ तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, १९८२-८३ में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, १९८४-८५ में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, १९८५ से १९८८ तक महासचिव तथा १९८८ से १९९१ तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
लोकसभा सदस्य :
ग्यारहवीं लोक सभा में वर्ष 1996 में शिवराज सिंह विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-1997 में 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति', 'मानव संसाधन विकास विभाग' की परामर्शदात्री समिति तथा 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति' के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार बारहवीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-1999 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह 1999 में विदिशा से ही चौथी बार तेरहवीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।
अन्य महत्त्वपूर्ण पद :
सन 2000 से 2003 तक शिवराज सिंह 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह पाँचवी बार विदिशा से चौदहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोक सभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे। उन्हें वर्ष 2005 में 'भारतीय जनता पार्टी' का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री के रूप में :
श्री चौहान वर्ष २००५ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। श्री चौहान को २९ नवम्बर २००५ को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। श्री चौहान को १० दिसम्बर २००८ को भारतीय जनता पार्टी के १४३ सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। श्री चौहान ने १२ दिसम्बर २००८ को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।