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राजनेता

लालकृष्ण आडवाणी जीवनी - Biography of L. K. Advani in Hindi Jivani

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 लालकृष्ण आडवाणी, (जन्म: 8 नवम्बर 1927) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी २००८ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एन डी ए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी।


        भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी।


        आठ नवंबर, 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था। उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं। विभाजन के बाद भारत आ गए आडवाणी ने 25 फ़रवरी 1965 को 'कमला आडवाणी' को अपनी अर्धांगिनी बनाया। आडवाणी के दो बच्चे हैं। लालकृष्ण आडवाणी की शुरुआती शिक्षा लाहौर में ही हुई पर बाद में भारत आकर उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। आज वे भारतीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। गांधी के बाद वो दूसरे जननायक हैं जिन्होंने हिन्दू आंदोलन का नेतृत्व किया और पहली बार बीजेपी की सरकार बनावाई।


कैरियर और राजनैतिक जीवन :


        एल के आडवाणी ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी। मॉडल हाईस्कूल, करांची, में वह अंग्रेजी, गणित, इतिहास और विज्ञान जैसे विषय पढाते थे। उन के राजनैतिक सफ़र की शुरुआत तब हुई जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव चुने गए। कुछ सालों बाद उन्हें भारतीय जनसंघ का सदस्य चुना गया। विभिन्न जिम्मेदारियां निभाने के बाद उन्हें आख़िरकार अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। इसी दौरान जन संघ अन्य राजनैतिक पार्टियों के करीब आया और जनता पार्टी का निर्माण हुआ।


        पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में आपातकालीन शासन की अलोकप्रियता ने जनता पार्टी के सत्ता में आने के रास्ते खोल दिए। इस सरकार में आडवानी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय सौंपा गया। आतंरिक कलह और एकजुटता की कमी के कारण जनता पार्टी सरकार ज्यादा लम्बे समय तक कार्य नहीं कर पाई। इसके पश्चात भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ और एल के आडवाणी इस पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य थे। एल के आडवाणी ने राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।


        1986 में एल के आडवाणी को भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आडवाणी ने आक्रामक हिंदुत्व नीति अपनाकर बीजेपी को नयी दिशा दी और बीजेपी धीरे-धीरे लोगों के बीच जगह बनाने में कामयाब हुई। सन 1989 के चुनावों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 89 सीटों पर कब्ज़ा किया और नेशनल फ्रंट को सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन दिया। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे. वर्तमान में भी वो गुजरात के गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सांसद हैं.


        वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला. आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री रहे. लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटलबिहारी वाजपेयी के नेत़ृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून, 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया. भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए.


भारतीय जनसंघ :

        

        1970 में वह राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 तक इस पद पर बने रहे। 1973 में उन्हे भारतीय जनसंघ को अध्यक्ष चुना गया और 1977 तक उन्होंने पार्टी का संचालन किया। जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मोरारजी देसाई की गठबंधन सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री नियुक्त होने के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ दिया। मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने प्रेस सेंसरशिप समाप्त की, आपातकाल के दौरान बनाए गए प्रेस-विरोधी क़ानूनों को निरस्त किया और मीडिया की स्वतंत्रता को बचाए रखने के लिए सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने संसद में प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) विधेयक प्रस्तुत किया, जिसमें दूरदर्शन और रेडियो को स्वायत्तता प्रदान करने का प्रावधान था।


भारतीय जनता पार्टी का गठन :


        मोरारजी देसाई सरकार के पतन के फलस्वरूप भारतीय जनसंघ का विभाजन हो गया। आडवाणी तथा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भारतीय जनसंघ के लोगों ने 1980 में एक राजनीतिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। आरंभिक वर्षों में भारतीय जनता पार्टी को नाममात्र का जन समर्थन मिला और 1984 के संसदीय चुनावों में यह लोकसभा की सिर्फ दो सीटें जी जीत पाई। पार्टी को लोकप्रिय बनाने तथा जनता को इसके कार्यक्रम से अवगत कराने के लिए आडवाणी ने 1990 के दशक में देश भर में कई रथ यात्राएं (राजनीतिक अभियान) की। इनमें से पहली यात्रा हिंदुओं के अत्यंत पूज्य भगवान राम पर केंद्रित थी।


योगदान : टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)


1. 1927: कराची में जन्म।

2. 1936-1942: सेंट पैट्रिक हाईस्कूल, कराची से शिक्षण प्राप्त किया।

3. 1942: आरएसएस से जुड़े।

4. 1944: मॉडल हाईस्कूल कराची में शिक्षक की नौकरी।

5. 1947: सिंध छोड़ कर दिल्ली आए।

6. 1947-1951: करांची शाखा में आरएसएस के सचिव होने के नाते आरएसएस के कार्यो का।

7. अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावार में प्रचार किया।

8. 1957: अटल बिहारी बाजपयी की सहायता हेतु दिल्ली आये।

9. 1958-1963: दिल्ली स्टेट जन संघ के सचिव बनाए गए।

10. 1960-1967: जन संघ की राजनैतिक पत्रिका आर्गेनाइजर में सहायक संपादक रहे।

11. 1965: कमला आडवाणी से विवाह हुआ।

12. 1970: राज्यसभा में प्रवेश।

13. 1972: भारतीय जन संघ के अध्यक्ष चुने गए।

14. 1975: आपातकाल के दौरान बंगलोर में गिरफ्तार हुए और उन्हें बाकी बीजेएस सदस्यों के साथ बंगलौर सेंट्रल जेल भेजा गया।

15. 1977-1979: सूचना और प्रसारण मंत्री बने।

16. 1986: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किये गए।

17. 1980-1986: बीजेपी के महासचिव पद पर नियुक्त किये गए।

18. 1986: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किये गए।

19. 1988: बीजेपी के पार्टी महासचिव बनाये गए।

20. 1990: सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा का आयोजन किया।

21. 1997: भारत के 50 वे स्वतंत्रता दिवस पर स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का आयोजन।

22. 1999-2004: उप-प्रधान मंत्री रहे।

23. 2004-2009: लोक सभा में विपक्ष के नेता रहे।