Advertisement
नाम : मुंडानात लीलावथी
जन्म : 16 सितंबर 1927
ठिकाण : कोटटापडी, त्रिशूर मद्रास रा्जया
पिता : काजुकंपिल्ली कुंजूत्रि नॉबिदि
व्यावसाय : आलोचक साहित्या समीक्षक शिक्षक
प्रारंभिक जीवन :
मुंडानात लीलावथी एक मलयालम लेखक साहित्यीक आलोचक और शिक्षाविद है | लीलावती का जन्म 16 सितंबर 1927 को त्रिशूर जिेले कोटटापडी मे हुआ था | उनके पिता का नाम काजुनकंपिल्ली कंजूत्रि नंबिदि था | उनके दो बेटे है उनका नाम वीनयकुमार और जय कुमार है | लीलावथी कुलमकुलम के स्कूल मे पढती थी | जो की, कोटटापडी गुरुवायूर और कुत्रमकुलम के बीच मे है |
उन्होंने अपनी बीए बी डिग्री महाराजा के कॉलेज, एर्जाकुलम से प्राप्ता की है | उसके बाद उन्होंने मद्रास विश्वाविघ्यालय से एम ए की डिग्री प्राप्ता कि थी | सन 1949 मे लीलावथी ने सेंट मैरी कॉलेज त्रिशूर मे एक व्याख्याता के रुप मे अपना शिक्षण करिअर की शुरुवात की थी |
कार्य :
लिलावती ने चेन्नाई के स्टैला मैरिल कॉलेज मे संक्षिप्ता रुप मे कार्य किया है | लीलावथी सन 1952 मे विक्टोरिया कॉलेज, पुलक्कड मे शामिल हो गई और बाद मे उन्होंने थलसेनरी के सरकारी ब्रेननन कॉलेज मे पढाया था | लीलावती ने कलीस्टा विश्वाविध्यालय मे विजिटीग प्रोफेसर के रुप मे भी कार्य किया है |
1) लीलावती ने केरल के विभिन्ना कॉलेजो मे थैलासेरी के गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज मे सेवानिवृत्ती से पूर्व प्रिसिंपल के रुप मे भी कार्य किया है|
2) लीलावथी ने भारतीय भाषाओं के साहित्या मे उल्लेखनीय कार्य किया है
3) लीलावथी ने नाही केवल शिक्षक के रुप मे कार्य किया है बल्की वे एक प्रसिध्दा लेखक भी रही है|
उपलब्धि :
पुरस्कार और सम्मान :
लीलावथि ने अपने साहित्यीक कार्य के योगदान मे अनेकविध सम्मान और पूरस्कार जीते है |
1) सन1978 को लीलावती को उनके मलयालम भाषा साहित्या मे विशेष कार्य के लिए ओडक्कूजल पूरस्कार प्राप्ता हुआ था |
2) सन 1980 मे उन्हें केरल साहित्या आकादमी व्दारा उत्कूष्टा पुस्ताकों के लिए केरल साहित्या आकादमी पूरस्कार मिला है |