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इंद्रा नूयी जीवनी - Biography of Indra Nooyi in Hindi Jivani

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        इंदिरा कृष्णमूर्ति नुई (जन्म: 28 अक्टूबर 1955) वर्तमान में पेप्सिको कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. दुनिया की प्रभावशाली महिलाओं में उनका नाम शुमार है. वे येल निगम के उत्तराधिकारी सदस्य हैं. साथ ही वे न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व के निदेशक बोर्ड की स्तर बी की निदेशक भी हैं. इसके अलावा वे अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति, कैट्लिस्ट, के बोर्ड और लिंकन प्रदर्शन कला केंद्र की एक सदस्य हैं. वे एइसेन्होवेर फैलोशिप के न्यासी बोर्ड की सदस्य भी हैं और वर्तमान में यू एस-भारत व्यापार परिषद में सभाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही हैं.


प्रारंभिक जीवन :


        इंदिरा कृष्णमूर्ति नूई का जन्म 28 अक्टूबर 1955 में तमिल नाडु के मद्रास शहर (वर्तमान में चेन्नई) में एक तमिल परिवार में हुआ था. उनके पिता ‘स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद’ में कार्यरत थे और उनके दादा जिला न्यायाधीश थे. नूई की प्रारंभिक शिक्षा मद्रास के होली एन्जिल्स एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई इसके बाद उन्होने सन 1974 में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता, में दाखिला लिया जहाँ से सन 1976 में उन्होंने प्रबंधन में स्नात्त्कोत्तर किया.


        भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता (आई.आई.एम. कोलकाता) से स्नात्त्कोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद इंद्रा नूई ने भारत में अपना करियर जॉनसन एंड जॉनसन के साथ प्रारंभ किया और प्रोडक्ट मेनेजर के तौर पर कंपनी को अपनी सेवाएं दीं. उन्होंने टेक्सटाइल फर्म ‘मेत्टर बर्डसेल’ के साथ भी कार्य किया. इसके बाद इंद्रा ने सन 1978 में अमेरिका स्थित प्रसिद्ध येल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने ‘पब्लिक और प्राइवेट मैनेजमेंट’ का अध्ययन किया.


        नूई मद्रास, तमिलनाडु, भारत (वर्तमान में चेन्नई) में पैदा हुई थी. उनकी प्रारंभिक शिक्षा होली एन्जिल्स एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल मद्रास मेन हुई. तत्पश्चात उन्होने 1974 में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता से 1976 में प्रबंधन में स्नात्त्कोत्तर किया. भारत में पली-बढ़ी नूई ने बचपन में अनेकों कठिनाइयां झेलते हुए भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता से मास्टर डिग्री कीं. इसके बाद अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी से पब्लिक और प्राइवेट मैनेजमेंट का अध्ययन किया


        इस दौरान उन्हें अमेरिका से कुछ खास लगाव हो गया और उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद बोस्टन कंसल्टेशन फार्म ज्वाइन कर लिया और टेक्सटाइल व कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में मुवक्किलों की सेवा करने लगीं. नूयी ने अपना करियर भारत में ही शुरू किया, शुरुवात में वे जॉनसन & जॉनसन टेक्सटाइल में प्रोडक्ट मेनेजर के पद पर विराजमान हुई. इसके बाद अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी से पब्लिक और प्राइवेट मैनेजमेंट का अध्ययन किया.


        इस दौरान उन्हें अमेरिका से कुछ खास लगाव हो गया और उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद बोस्टन कंसल्टेशन फार्म ज्वाइन कर लिया. और टेक्सटाइल व कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में मुवक्किलों की सेवा करने लगी. नूयी की दो बेटिया है, जो ग्रीनविच, कनेक्टिकट में रहती है. उनकी बेटियों में से एक वर्तमान में येल में प्रबंधन स्कूल में पढ़ रही है. फ़ोर्ब्स ने दुनिया की सबसे प्रभावशाली माँ की सूचि में नूयी की तीसरे स्थान पर रखा है.


        फिजिक्‍स, केमिस्‍ट्री और मैथ्‍स में बैचलर डिग्री ली. फिर IIM कोलकाता से MBA किया. इसके बाद उन्‍होंने दो साल भारत में काम किया. येल स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ाई के दौरान वे अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए काम करती थीं. रात से सुबह तक की रिसेप्‍शनिस्‍ट की शिफ्ट इसलिए की जिससे वे अपने पहले जॉब इंटरव्‍यू के दिन पहनने के लिए ड्रेस खरीद सकें. तीन नौकरियां बदलने के बाद इंद्रा नूयी आखिरकार पेपिस्‍को में गईं और वहीं सेटल हो गईं. 2001 में उन्‍हें प्रमोट कर प्रेजिडेंट बनाया गया और 2006 में वे पहली फीमेल CEO चुनी गईं. 2007 में इंद्रा नूयी को पद्म भूषण अवार्ड से सम्‍मानित किया गया था. आज भी वे हजारों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्‍त्रोत हैं.


        पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है. वहीं नोटों की उपलब्धता को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा- भारतीय रिजर्व बैंक के नोट छपाई कारखानों में मुद्रा की कोई कमी नहीं, भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने नोटबंदी के बाद कुछ हफ्तों में ही सामान्य स्थिति सुनिश्चित की है.


        उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा. पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.


        पेप्सीको की अध्यक्ष और सीईओ इन्द्रा नूयी ने शनिवार को कहा कि भारत की चुनौतियां आपस में जुड़ी हुई हैं और उन्हें समाधान तथा नेतृत्व की जरूरत है। आईआईएम कलकत्ता के 50वें दीक्षांत समारोह में नूयी ने कहा, 'हम अभी भी असमानता, जलवायु परिवर्तन, संसाधनों की कमी जैसी जटिल चुनौतियों से जूझ रहे हैं और वे समाधान तथा नेतृत्व चाहती हैं। इन सभी का आपस में एक दूसरे से जुड़ा होना, इन्हें और जटिल बना देता है। आप एक मुद्दे को छुए बगैर दूसरे को नहीं छू सकते।' उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले चार दशकों में बहुत प्रगति की है, लेकिन देश को अभी लंबी दूरी तय करनी है।


        पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है। दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, ‘‘नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं। अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है।’ उनसे पूछा गया था कि नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर क्या असर पड़ा है, इस पर नूई ने कहा कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अब तक जारी है।


        उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी भी निश्चित नहीं हैं कि संकट का दौर खत्म हो चुका है या नहीं। उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा। पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है। हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।


रोचक तथ्य :


• पहली बार जब इंदिरा नूयी ब्रिटेन में इंटरव्यू देने गई तो उन्होंने वेस्टर्न सूट पहना जिसमें उन्हें आरामदायक महसूस नहीं हो रहा था। ऎसे में वह रिजेक्ट कर दी गईं। इसके बाद उन्होंने अपने प्रोफेसर की सलाह पर अगले इंटरव्यू में साड़ी पहनी जिसमें वह काफी आरामदायक अनुभव करती थी और सहज ही सलेक्ट कर ली गईं।

• उनकी मां बचपन में कहा करती थी, "मैं तुम्हारी 18 वर्ष की होने पर शादी कर दूंगी। लेकिन तुम सपने देखना मत छोड़ना। उम्र के कि सी भी मोड़ पर सपने पूरे किए जा सकते हैं बशर्ते ईमानदारी और लगन से मेहनत की जाए।" इस बात को इंदिरा नूयी ने गांठ बांध लिया और एक मामूली एक्जीक्यूटिव की पोस्ट से वर्तमान में पेप्सी कंपनी की सीईओ बनीं।

• बचपन में उनकी मां उनसे एक प्रश्न पूछा करती थी, "तुम संसार को बदलने के लिए क्या करोगी?" इंदिरा नूयी ने इस प्रश्न का जवाब देने के लिए एक ऎसी कंपनी से जुड़ने की ठानी जो लोगों की भलाई के लिए काम करती हो ताकि अधिक से अधिक लोगों का हित किया जा सके।

• इंदिरा नूयी का मानना है अच्छे एम्प्लॉई को कंपनी से जोड़ने के लिए कंपनी में अच्छा माहौल होना चाहिए। वहां पर स्टॉफ की तरक्की होनी चाहिए, तभी लोग काम करने के लिए मोटीवेट होते हैं।

• हमें कभी भी कठिन यात्रा को नहीं देखना चाहिए बल्कि हमें यात्रा के पूरा होने पर मिलने वाले लक्ष्य और खुशी को देखना चाहिए। इससे कठिनाईयों से पार जाने की ताकत मिलती है।


पुरस्कार :


• सन 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, और 2014 में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें ‘100 सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति’ की सूचि में रखा. सन 2006, 2007, 2008, 2009 और 2010 में फार्च्यून पत्रिका ने इंद्रा नूई को ‘व्यवसाय के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली महिला’ के सूचि में स्थान दिया. सन 2008 में ‘यू.एस. न्यूज़ एंड वर्ल्ड रिपोर्ट’ ने उन्हें ‘अमेरिका के सबसे बेहतरीन नेताओं’ की सूचि में रखा.

• सन 2008 में उन्हें ‘अमेरिकन एकेडेमी ओद आर्ट्स एंड साइंसेज’ के फ़ेलोशिप के लिए चुना गया. जनुअरी 2008 में उन्हें अमेरिका–इंडिया बिज़नस कौंसिल का अध्यक्ष चुना गया.

• सन 2009 में लीडर्स ग्रुप ने उन्हें ‘सी.इ.ओ. ऑफ़ द इयर चुना. सन 2009 में सलाहकार संस्था ‘ब्रेंडन वुड इंटरनेशनल’ ने उन्हें ‘द टॉपगन ‘सी.इ.ओ.’ माना.

• सन 2007 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया.