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श्री बी सत्य नारायण रेड्डी का जन्म 21 अगस्त, 1927 को आन्ध्र प्रदेष में महबूब नगर जिले के शादनगर अन्नारम गांव में एक कृषक परिवार में हुआ । प्रारम्भिक षिक्षा रंगारेड्डी जिले के एडुलाबाद गांव में तथा उसके बाद कायस्थ पाठषाला, नागपल्ली स्कूल एवं केषव मेमोरियल स्कूल, हैदराबाद में ग्रहण की । हाई स्कूल की षिक्षा विवेकवर्धनी हाईस्कूल, हैदराबाद में तथा कालेज षिक्षा निजाम कालेज, हैदराबाद में ग्रहण करने के पष्चात विख्यात उस्मानिया विष्वविद्यालय, हैदराबाद से कानून की डिग्री हासिल की ।
श्री रेड्डी एक जाने माने स्वतंत्रता सेनानी हैं जो गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर केवल चैदह वर्ष की अल्प अवस्था में सन् 1942 के ‘‘भारत छोड़ों’’ आन्दोलन में कूद पड़े तथा उस समय बंदी बना लिये गये जब वह गांधी जी की गिरफ्तारी के विरूद्ध विद्यार्थियों के एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे।
श्री रेड्डी ने समाजवादी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हैदराबाद स्टेट कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष, श्री स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में छात्र नेता के रूप में सन् 1947 के ‘‘हैदराबाद जन-आन्दोलन’’ में भाग लिया । इन्होंने गांधी जी, आचार्य नरेन्द्र देव, डा0 राम मनोहर लोहिया एवं जय प्रकाष नारायण जैसी महान महान विभूतियों से प्रेरणा प्राप्त की तथा डा0 राम मनोहर लोहिया के प्रेरणापद नेतृत्व में ‘‘ समाजवादी आन्दोलन’’ में भी सक्रिय भाग लिया। उनकी निजाम केे शासक के खिलाफ सत्याग्रह आन्दोलन में भूमिका भी उल्लेखनीय है। सन् 1947 में हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय के लिये जो आन्दोलन चला, उसके फलरूवरूप तत्कालीन निजाम सरकार सन् 1948 में इन्हें बन्दी बनाकर केन्द्रीय जेल, चंचलगुडा, हैदराबाद में डाल दिया गया जहां ये छः माह तक रहे ।
स्वतंत्रता सेनानी
रेड्डी एक जाने माने स्वतंत्रता सेनानी थे, जो गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर केवल चैदह वर्ष की अल्प अवस्था में सन 1942 के ‘‘भारत छोड़ो आन्दोलन’’ में कूद पड़े तथा उस समय बंदी बना लिये गये जब वह गांधी जी की गिरफ़्तारी के विरुद्ध विद्यार्थियों के एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे।
इन्होंने समाजवादी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हैदराबाद स्टेट कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष, श्री स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में छात्र नेता के रूप में सन 1947 के ‘‘हैदराबाद जन-आन्दोलन’’ में भाग लिया। इन्होंने गांधी जी, आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राम मनोहर लोहिया एवं जय प्रकाश नारायण जैसी महान् विभूतियों से प्रेरणा प्राप्त की तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया के प्रेरणापद नेतृत्व में ‘‘समाजवादी आन्दोलन’’ में भी सक्रिय भाग लिया। उनकी निजाम केे शासक के खिलाफ 'सत्याग्रह आन्दोलन' में भूमिका भी उल्लेखनीय है। सन 1947 में हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय के लिये जो आन्दोलन चला, उसके फलस्वरूप तत्कालीन निजाम सरकार सन 1948 में इन्हें बन्दी बनाकर केन्द्रीय जेल, चंचलगुडा, हैदराबाद में डाल दिया गया, जहां ये छः माह तक रहे। जेल में रहते हुये इन्होंने उर्दू साप्ताहिक ‘‘पयाम-ए-नव’’ का सम्पादन किया जिसे ये अपने बन्दी साथियों में वितरित किया करते थे उससे पूर्व जब यह छठवीं कक्षा में पढ़ते थे तब हिन्दी पाक्षिक ‘‘मुकुल’’ का सम्पादन किया करते थे।
1 अगस्त, 1975 को इमरजेन्सी के दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा ‘‘मीसा’’ के तहत अठ्ठारह माह तक बंदी बनाये रखा। रेड्डी ने आचार्य विनोबा भावे तथा जयप्रकाश नारायण के ‘‘भूदान-आन्दोलन’’ में भी सक्रिय भूमिका निभाई। .