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नाम : अन्वर अहमद खान
जन्म दि : 04 जुलाई 1947
ठिकाण : नौहटटा सहरसा, बिहार
व्यावसाय : प्रोफेसर
प्रारंभिक जीवन :
ए. ए. खान इनका जन्म 1947 मे नौहटटा, जिला सहरसा मे हुआ था | अन्वर अहमद खान, जिन्हे डॉ.खान के नाम से जाना जाता है | वे एक भारतीय भौतिक विज्ञानी है | ए ए खान 2006:2011 तक रांची विश्वाविघालय के कुलपति रहे है | उन्होंने 1968 मे पटना विश्वाविघालय से एम एस सी और 1977 मे इलेक्ट्रानिक्सा मे पीएचडी की उपाधी प्राप्ता की | खान ने 1969 मे मगध विश्वाविध्यालय मे इलेक्ट्रॉनिक्सा व्याख्याता के रुप मे अपने शैक्षणिक जिवन की शुरुआत की |
ए ए खान 1978 मे वह रांची विश्वाविघ्यालय मे शामिल हो गए जहाँ उन्होने अपने अधिकाशे शैक्षणिक करिअर को बिताया, जो की भौतिक विभाग के प्रमूख के पद तक पहूँचे और फिर 2004 मे प्रोफेसर कुलपति रहे | स्थान 2006 से 2011 तक कुलपति रहे |
उन्होने भी किंग साऊद विश्वाविघालय मे इलेक्ट्रीकल इंजिनियरिंग विभाग मे दस वर्षे 1983 से 1988 तक और 1990 से 1995 तक बिताया ए ए खान सीनेट के सदस्या रहे ओर वे रांची विश्वाविघालय के स्थायी 36 वें कुलपति रहे 2006:2011 तक इसके व्दारा सफल एम एन भगत कुलपति रहे है| और इसके पहले एस एस कुशवाहा रहे है इसके अलावा वह जुलाई 2009 से जून 2012 तक सेंट्रल युनिवर्सिटी ऑफ झाारखंड सीयुजे की अकादमिक परिषद के लिए एक विजिटर नॉमिनी थे | कुछ उल्लेखनिय पुरस्कारों मे शामिल है |
कार्य :
प्रोफेसर अन्वर ए खान रांची विश्वाविघालय रांची इंस्टीटयूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्सा एंड टेली कम्यूनिकेशन इंस्टीटयूटर्स इंडिया के सीनीयर मेंबर भारत मे इलेक्ट्रॉनिक्सा मे रीडर के रुप मे पदोन्नत किया गया | उन्हे भारत मे इलेक्ट्रॉनिक्सा मे व्याख्याता के रुप मे काम किया | प्रोफेसर खान ने आईईईई और आईईई पत्रिकाओं मे 17 शेाध प्रकाशनों सहीत अंतरराष्ट्रीय ख्याती की रेफरी पत्रिकाओं ने 72 से अधिक वैज्ञानिक पत्रों के लेखक और सहलेखक हे |
खाने ने सितंबर 2006 मे प्रेटिस हॉल ऑफ इंडिया व्दारा प्रकाशित ए स्फर्स्ट कोर्स इन इलेक्ट्रॉनिक्सा नामक पुस्तक का सह लेखक भी बनाया है | प्रोफेसर खान इंस्टीटयूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्सा एंड टेलिकम्यूनिकेशन इंजीनियर्स इंडिया के फेलो ऑर वरिष्ठा सदस्या है | इलेक्ट्रीकल और इलेक्ट्रॉनिक्सा इंजीनीयर्स संस्थान, यूएसए के प्रोफेसर खान, रांची विश्वाविघ्यालय अगस्ता 1995 से जून 2003 तक विश्वाविघालय के विभागाध्याक्ष रहे और जनवरी 2000 से दिसंबर 2001 तक विज्ञान संकाय के डीन रहे प्रोफेसर खान को अकादमिक मे तीन साल 199:2002 के लिए नामांकित किया गया |
रांची विश्वाविघ्यालय के कुलपति के रुप मे प्रोफेसर खाने कई नौकरी उन्मुख पाठयक्रम और कई नवीन शैक्षिक योजनांए शुरु की जिसमे मुक्त स्ववित्तपोषित व्यावसायीक पाठयाक्रम प्रदान करने की योजनाएं शामिल है | BPL गरीबी रेखा से नीचे श्रेणी से सबंधित योग्या छात्रों के लिए उपयुक्त अवधि के दौरान निर्मीत भौतिक अवसंरचना जिसमे कुछ का नाम शामिल है | जुलाई 2018 से पांच वर्षा के लिए पंसकुरा बनमाली कॉलेज स्वायत्ता कॉलेज जुलाई 2017 से झारखंउ राय विश्वाविघालय रांची के सलाहकार शासी परिषद के सदस्या | प्रोफेसर खान को उच्चा शिक्षा के क्षेत्र मे अपने अभिनव नेतृत्वा के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले है |
उपलब्धी :
1) डॉ मेघानंद साहा पुरस्कार 2009 मे इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ओरिएंटल हेरिटेज, कोलकता भारत व्दारा |
2) 2010 मे इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ आरिएंटल हेरिटेज, कोलकता भारत व्दारा भारतीय उत्कृष्टता पुरस्कार|
3) दिसंबर 2009 मे राष्ट्रीय कैडेट कोर एनसीसी मे कोलोज का रैंक|
4) लोक सेवा समिती रांची व्दारा फरवरी 2010 मे झारखंड रत्न पुरस्कार नवंबर 2010 मे देवांग मेहता शिक्षा मे उत्कृष्टा योगदान लिए पूरस्कार|
5) नईदिलली मे वर्ल्ड मैनेजमेंट काँग्रेस व्दारा दिसंबर 2011 मे लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड|
6) शिलांग के अकादमिक परिषद के सदस्या 2009 मे इंडियन इंस्टीटयूट ऑपु ओरिएंटल हेरिटेज कोलकता भारत व्दारा इंडियन एक्सीलेंस अवार्ड|
7) 2009 मे इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ओरिएंटल हेरिटेज, कोलकत्ता भारत व्दारा डॉ मेघानेद साहा पूरस्कार|