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वैज्ञानिक

टाथमंगलम अनंतनारायणन वेंकटसुब्रमण्यान की जीवनी - Biography of Tathamangalam Ananthanarayanan Venkatasubramanian in hindi jivani

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नाम : टाथमंगलम अनंतनारायणन वेंकटसुब्रमण्यान

जन्म दि : 1 जनवरी 1924

ठिकाण : त्रिशूर, केरल, भारत

मॉ : नारायणी अम्मा

पत्नी : सारदा

व्यावसाय : जैव रसायनविद

मृत्यू : 8 नवंबर 2003


प्रारंभिक जिवनी :


        टाथमंगलम अनंतनारायणन वेंकटसुब्रमण्यान का जन्म 1 जनवरी 1924 को हुवा था | उनका जन्म दक्षिण भारतीय राजया केरल के त्रिशूर जिले मे हुवा था | उनके पिता टिपी अनंतनारायण्ं अयर था और मॉ का नाम नारायणी था | वेंकटसुब्रमण्यान ने महाराज के कॉलेज एर्नाकुलम से अपनी स्त्रातक बीएसी पूरी किया था | और मास्टार डिग्री एमएससी कि डिग्री हासिल कि थी | उन्होंने पहले एक स्थानीय स्कुल मे अपनी सुरुआती पढाई कि थी | उन्होने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु मे अपना करियर शुरु क‍िया था |


        1951 मे बायोकेमिस्ट्री मे पीएचडी करने के लिए मद्रास विश्वाविघ्यालय मे डॉक्टरेट अनुसंधान किया था | उनहेांने अगले चार साल अमेरिका मे डॉक्टर के बाद साथी के रुप मे बिताए गए थे | वेंकटसुब्रमण्याम का विवाह एक जैव रसायनविदू एल सारदा से हुवा था | और उनकी दो बेटियां विवेका और दिव्या थी |


कार्य :


        टाथमंगलम अनंतनारायणन वेंकटसुब्रमण्यान एक भारतीय जैव रसायनविद थे | जिन्हें लोकप्रिय रुप से टीएवी के रुप मे जाना जाता है | जो तपोदिक और बेसिलस के जैव रसायन विज्ञान पर अपने शोध के लिए जाने जाते थे | वे दिल्ली के वल्लभभाई पटेल चेस्टा इंस्टीटयूट मे एक प्रोफेसर थे |और जैव रसायन विभाग के प्रमूख थे | उन्होंने 1994 तक इंस्टीटयूट ऑफ जीनोमिक्सा एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी मे एक प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया था | उन्होंने कैंसर पैदा करने वाले रसायनों के जैवसंश्लेषण मे भी कार्य किया है |


        वेंकटसुब्रमण्यान ने टयूबरकल बेसिली और उनकी जैव रसायन विज्ञान पर अग्रणी शोध करने के लिए जाना जाता था | शोधो ने सुसंस्कूत माइकोबैक्ट्रिरिया और प्रयोगशालात्माक तपेदिक मॉडल मे मध्यास्था चायपचय कि बेहतर समझा मे सहायता कि थी | उनहोने अपने शेाध निष्कर्षा का विवरण देने हुए 250 से अधिक लेखों कि समिक्षा कि है | और उस मे से 247 को सुचीबध्दा किया गया है |


उपलब्धि :


• 1968 मे शांती स्वरुप भटनागर पूरस्कार|