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नाम :– सोनल मानसिंह ।
जन्म :– ३० अप्रैल, १९४४, मुंबई ।
पिता : ।
माता : ।
पत्नी/पति :– ।
प्रारम्भिक जीवन :
सोनल मानसिंह भारत सरकार ने १९९२ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। सोनल मानसिंह एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और गुरु भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य शैली हैं; जो अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली में भी कुशल है। सोनल मानसिंह का जन्म मुंबई में हुआ, तीन बच्चों में से तीन अरविंद और पूर्णिमा पाकवास, गुजरात के एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और २००४ में पद्म विभूषण विजेता थे। उनके दादा एक स्वतंत्रता सेनानी मंगल दास पाकवास थे, और भारत के पहले पांच गवर्नरों में से एक था।।
उन्होंने चार साल की उम्र में मणिपुरी नृत्य, नागपुर के एक शिक्षक से अपनी बड़ी बहन के साथ सीखना शुरू कर दिया, फिर सात साल की उम्र में उन्होंने पांडानल्लुर स्कूल के विभिन्न गुरूओं से भरतनाट्यम सीखना शुरू किया, बॉम्बे में कुमार जयकर सहित। उन्होंने भारतीय विद्या भवन और बीए से संस्कृत में "प्रवीण" और "कोविद" डिग्री दी है। एलफिन्स्टन कॉलेज, बॉम्बे से जर्मन साहित्य में(ऑनर्स)डिग्री।
सोनल ने 1962 से पेशेवर नृत्य करना शुरू किया। उन्होंने भरतनाट्यम का प्रशिक्षण प्रोफेसर यू।एस कृष्ण राव और चंद्रभगा देवी से प्राप्त किया। उन्होंने विभिन्न प्रसिद्ध गुरुओं से ओडिसी नृत्य सीखा। सोनल एक प्रसिद्ध नर्तक के साथ-साथ एक प्रशिक्षित हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक भी हैं। उन्होंने प्रोफेसर के।जी। गिन्गे से शास्त्रीय संगीत सीखा है।
इस बहुमुखी नर्तकी ने दिवंगत मैलापुर के अभिनय में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया और वह एक प्रशिक्षित कुचीपुड़ी नर्तकी भी हैं। वह छऊ और भारतीय संगीत की एक विशेषज्ञ हैं, उन्होंने कई भारतीय पौराणिक कथाओं के माध्यम से कई नृत्य कलाएं बनाई हैं। उन्होंने अपने नृत्य के माध्यम से पर्यावरण की बचत, महिलाओं की मुक्ति जैसे मामले प्रदर्शित किए और इन सामाजिक मुद्दों पर नृत्य के माध्यम से अपनी चिंता व्यक्त की।
जब इन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ नृत्य करना है तो घर वाले नाराज हो गए। उनकी नाराजगी को नजरअंदाज कर इस कलाकार ने 1963 में अपना घर छोड़ दिया और अपने गुरु के पास चली गईं। बाद में उस कलाकार ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर जबरदस्त शोहरत कमाई। जीवन में तरह तरह की चुनौतियां आईं लेकिन उन्होंने हमेशा जीत हासिल की। उन्हें पद्मभूषण, पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। यहां तक कि जब मौजूदा सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए नवरत्न चुने तो उसमें इन्हें भी जगह दी गई। चलिए अब आपको इस विश्वविख्यात कलाकार का नाम बता ही देते हैं। वो कलाकार हैं प्रख्यात भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्यांगना डॉ। सोनल मानसिंह।
महाराष्ट्र और दिल्ली दोनों ही राज्यों की मानी जाने वाली 74 वर्षीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने औपचारिक पढ़ाई की सबसे बड़ी डिग्री डी। लिट। हासिल की है। उन्होंने अपनी पढ़ाई भारतीय विद्या भवन, एलिफिंस्टन कॉलेज, मुंबई, जीबी पंत यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड और संबलपुर यूनिवर्सिटी ओडीशा से की है। छह दशक से भरतनाट्यम और ओडीसी नृत्य की प्रस्तुति करनेवाली मानसिंह ने मनिपुरी, कुचिपुरी के साथ संगीत का भी प्रशिक्षण लिया है। वह डांसर, कोरियोग्राफर, शिक्षक, वक्ता और सामाजसेवी के रूप में मशहूर हैं।
अवार्ड :
उनकी उपलब्धियों में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड (1987), राजीव गांधी एक्सिलेंस अवार्ड (1991), इंदिरा प्रियदर्शिनी अवार्ड (1994), मध्य प्रदेश सरकार का कालीदास सम्मान (2006), सबसे कम उम्र में पद्म भूषण सम्मान (1992) शामिल है। वहीं साल 2003 में पद्म विभूषण पाने वाली देश की दूसरी महिला बनीं। सोनल मानसिंह साल 2003 से 2005 तक संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं।
साल 2016 से वह इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ आट्र्स की ट्रस्टी और सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ कल्चर की मेंबर हैं। उन्होंने साल 1974 में भीषण हादसे की शिकार होने के बावजूद मंच पर वापसी की और साल 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिक डांसेस की स्थापना कर सैकड़ों प्रशिक्षुओं की लगातार मदद कर रही हैं। साल 2002 में फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने सोनल मानसिंह के चार दशकों के डांस कैरियर पर केंद्रित एक डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया था।