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पूंडुरी वेंकट रमण राव की जीवनी - Biography of Punduri Venkata Raman Rao in hindi jivani

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नाम : पूंडुरी वेंकट रमण राव

जन्म : 03 अप्रैल 1917

ठिकाण : ओंगोल, भारत

व्यावसाय : सुक्ष्मा जिवविज्ञानी


प्रारंभिक जीवनी :


        पुडूरीवेंकट रमणराव एक भारतीय सुक्ष्मा जीवविज्ञानी थै | उनका जन्म 3 अप्रैल 1917 मे भारत के ओंगेाल जिले क राजुपालम मे हुआ था | उन्होंने सन 1937 मे गवर्नमेंट आर्टस कॉलेज राजामुंदरी से बीएससी कि उपाधि प्राप्ता कि थी | सन 1944 मे उन्हेांने आंध्र मेडिकल कॉलेज, विशाखापत्तनम से बैचलर ऑफ सर्जरी कि उपाधि प्राप्ता कि थी |


        सन 1948 मे पुंडूरी ने ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ कोलकत्ता से पल्बिक हेल्थ मे डिप्लोमा प्राप्ता किया था | उसके बाद उन्हेांने आंध्र मेडिकल कॉलेज से बैक्टेरियोलॉजी मे एमडी क‍ि उपाधि पूरी कि थी | 


कार्य :


        पुंडूरी ने सन 1944 से 1947 के दौरान आर्मी मेडिकल मे सर्वसि कोई थी | व्दितीय विश्वा मे उनहेांने रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर और फिल्डा एम्बुलेंस सेना अधिकारी के रुप मे कार्य किया था | सन 1953 मे पुंडूरी ने उस्मानिया मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद मे बैक्टिरीया विज्ञान मे व्याख्याता के रुप मे काम किया था |


        वहाँ सन 1957 मे वे प्रोफेसर बन गऐ थै | उन्हेांने लगभग 14 साल तक कॉलेज मे सेवा कि है | उस दौरान उन्हेांने माइक्रोबायोलॉजी विभाग का आयोजन करणे का कार्य भी किया था | जिससे व्यापक शोध के साथ एक पूर्ण स्त्रातकोत्तार पाठयाक्रम के रुप मे विकसित हुआ था |


        पुंडूरी ने 1958 से 1959 मे एटीसीएम फैलोशिप पर यात्रा कि थी | उनहोंने अल्वेनी, न्यूयॉर्क अमेरिका के सिराक्यूज न्यूयॉर्क और पायरस लैब्स मे यात्रा कि है, जहाँ उन्हेाने रॉय एंडीमिक वाइफस और हैजा पर काम किया था |पुंडूरी ने सन 1967 से 1973 तक हैदराबाद मे इंस्टीटयूट ऑफ प्रिवेटिंव मेडिसन के निदेशक के रुप मे कार्य किया था |


        उनहेांने नचरम मे 50 एकड भूमिक को प्रिमियर वैक्सीन इकाई मे विकसित करने मे महत्वा पूर्ण भूमिका निभाई है | उनहेांने युगोस्लाविया यूनाइटेड किंगडम और यूएसएसआर मे विभिन्ना संस्थानों का दौरा किया था | वहाँ पर उन्होंने डब्लूएचओ के साथी के रुप मे लियाफिलिन्ड चेचक के टीके के उत्पादन का निरीक्षण किया था | उनहेांने भारत सरकार और दक्षिण बिहार मे राष्ट्रीय चेचक के उन्मूलन कार्यक्रम पर डब्ल्यूएचओ के लिए परामर्श किया था | सन 1975 मे चेचक को अंतत: मिटा दिया गया था |


उपलब्धि :


पूरस्कार और सम्मान : 


1) पुंडूरी ने बारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संधी के सदस्या रुप मे कार्य किया था |

2) पुंडूरी को उनक सार्वजनिक स्वास्थ के क्षेत्र के काम के लिए अमेरिकन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन फेलो चुना था |

3) पुंडूरी कई आईसीएमआर समितीयों और वैज्ञानकि सलाहकार बोर्डो मे शामिल रहे थे |


ग्रंथ :


1) राव डॉ पी पी रमना व्दारा लिखित पुसतक इसेनशिल्यू ऑफ मायक्रोबायालॉजी सन 2005 मे प्रकाशित हुआ था |

2) डॅा पीपी रमना राव का 13 अप्रैल 2005 मे निधन हुआ था |