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नाम : नुग्गेहल्ली रघूवीर मौदगल
जन्म दि : 4 मार्च 1931
ठिकाण : मैसून राजया, भारत
पिता : एन नरसिम्हा मौदगल
व्यावसाय : प्रजनन जीवविज्ञानी
प्रांरभिक जीवन :
नुग्गेहल्ली रघूवीर मौदगल एक भारतीय प्रजनन जीवविज्ञानी थे | वह एंडोक्रिनोलॉजिस्टा और जैव रसायन विभाग के अध्याक्ष और भारतीय विज्ञान संस्थान मे विज्ञान संकाय के डीन थे | गौनेडोर्टोपिन पर अपने शोधो के लिए उन्हें जाना जाता था | नुग्गेहल्ली रघूवीर मौदगल का जन्म 4 मार्च 1931 मे भारत मे कर्नाटक राजया के मैसूर शहर मे हुआ था | उनका जन्म हिंदू परिवार मे हुआ था | उनके पिता का नाम एन नरसिम्हा और मात का नाम वैदेही था |
उनके पिता राजया विदयूत बोर्ड के एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे | रघूवीर ने सन 1957 मे बिलीगिरी राव नी प्रफूल्ला से शादी कि थी | उनके दो बेटे प्रदीप और मदन है | और एक बेटी प्रिया है | रघूवीर कि स्कूल शिक्षा बैंगलूरु के शेषाद्रिपूरम हाई स्कूल से हुई थी | 1950 मे उन्हेांने बॉम्बे विश्वाविघ्यालय से स्त्रातक कि शिक्षा पूरी कि थी |
उन्हांने मद्रास विश्वाविघ्यालय से थायराइड हार्मोन के जैव रसायन मे एमएससी स्त्रातकोत्तर अध्यायन किया उन्होने पी एस सरमा के मार्ग्दर्शन मे 1957 मे पीएचडी कि उपाधि प्राप्ता कि थी | उन्होंने अपनी पोस्टा बर्कले से प्रापताउसके बाद उन्होंने पोस्टा डॉक्टरल साथी के रुप मे चोह होली कि प्रयोगशाला मे काम किया था |
कार्य :
रघूवीर ने रॉडनी रॉबर्ट पोर्टोर की प्रयोगशला मे काम किया है | उन्हेाने आखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान, दिल्ली मे सीएसआईआर पूल अधिकारी के रुप मे कार्य किया है | उन्होने आआयससी मे फोर्ड फाउंडेशन से अनुदान कि सहायता से अपना शोध कार्य किया था \ उन्हेांने लगभग दो साल तक हार्वर्ड विश्वाविघ्यालय मे ग्रीपसा ग्रूप के काम कि देखरेख कि है |
उन्होंने आइआईएससी मे प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया था | रघूवीर 1967 से 1968 तक सोसायटी ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्टस के सचिव के रुप मे कार्यरित थे | एफएओबी के सक्रेटरी जनरल के रुप मे थी उन्होने कार्य किया है | उन्हेाने गोनैडोट्रॉपिस पर एक अंतरॉष्ट्रीय संगोष्टी का आयोजन किया था | जिसमे प्रजननन जीव विज्ञान के क्षेत्र मे कुछ प्रमूखनामेां से भाग लिया गया था |
उपलब्धि :
1) रघूवीर केा सन 1975 मे पूर्व गुहा पूरसकार मीला था |
2) सन 1976 मे भारत सरकारव्दारा उन्हें शांती स्वरुप भटनागर पूरस्कार प्राप्ता हुआ था |
3) एसबीसीआय श्रीनिवासन मेमोरियल अवार्ड भी उनहें प्रापता हुआ था |
4) सन 1984 मे रधूवीर को प्रौघोगिकी के लिए संजय गांधी पूरस्कार से सम्मानित किया गया |
5) प्रो एन आर मौदगल यंग साइंटिस्टा अवार्डस को उनके सम्मान मे स्थापित किया गया है |
6) प्रो रघूवीर के जीवनी को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्याताओं के जीवनी संस्मारणो के खंड 40 मे शामिल किया गया है |
7) 1979 मे उन्हें इंडिय नेशनल साइंस एकेडमी ने उनहें अपने साथी के रुप मे चुना था |
पूस्तक/ग्रंथ :
1) 1974 मे प्रकाशित : गौनैडोट्रोपिन और गौनेडेल फंक्शन
2) 1991 मे प्रकाशित प्राण जीवविज्ञान मे परिप्रेक्ष्या
3) 1971 मे प्रकाशित लेख ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन कि क्यूटनिाइजिग टयूमर कोशिकाओं के लिए बाइंडिंग का विवरण
4) 1973 मे प्रकाशित गौनडोट्रॉपिस एंउ देयर एंटीबॉडिज
प्रो रधूवीर का 8 मई 2011 मे अमेरिका मे डबलिन कैलिफोर्निया मे निधन हुआ था |