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नाम : निलांजन चटर्जी
जन्म : 1972
ठिकाण : कोलकत्ता
व्यावसाय : ब्लुमबर्ग प्रतिष्ठित प्रोफेसर
प्रारंभिक जीवनी :
नीलांजन चटर्जी एक ब्लुमबर्ग विशिष्टा प्रोफेसर है | वे नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट के डिविजन ऑफ कैंसर एपिडेमियोलॉजी एंड जेनिटिक्सा के बायोस्टेटिस्टिक्सा शाखा के प्रमूख रहे है | नीलांजन चटर्जी का जन्म सन 1972 मे भारत के कोलकत्ता शहर मे हुआ है | उन्हेांने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बल्लीगंज सरकारी हाई स्कुल से प्राप्ता कि है |
उन्होंने भारतीय सांख्यिकि संस्थान कलकता से स्त्रातक और स्त्रातकोत्तार कि पढाई कि है | उसके बाद उन्होंने सन 1999 मे वाशिंगटन विश्वाविघ्यालय सिएटल से सांख्यिकि मे पीएचडी कि उपाधि प्रापत कि है | थिसिस के लिए उन्हें नॉर्मन एडवर्ड ब्रेसलो और जॉन अगस्ता वेलनर से मार्गदर्शन मीला है |
कार्य :
नीलांजन का शोधकार्य विभिन्ना मात्रात्माक मुद्दो पर घ्यान केंद्रीत करता है | जो कि आधुनिक अवाणा और आनुवंशिक महामारी विज्ञान के अध्यायन के डिझाइन विश्लेषण व्याख्या और सार्वजनिक स्वास्था अनुवाद मे उत्पान्ना होते है | चटर्जी ने आनुवंशिक संधो और जीन पर्यावरण इंटररैक्शन के विश्लेषण और रोग उपप्रकरों व्दारा एटियलजि विषमता मॉडलिंग और जोखीम भविष्यावाणी के लिए मॉडल के विकास जैसे अत्याधूनिक विषयों मे प्रध्दतिगत योगदान दिया है |
चटर्जी ने विभिन्ना कैंसर के जीनोम वाइड एसोसिएशन अध्यायनों के डिझााइन और विश्लेषण मे महत्वापूर्ण्ं कार्य किया है | उन्होंने ध्रूम्रपान से संबंधित साइटों, जैसे कि फेफडे और मुत्राशय पर विशेष तौर पर जोर दिया है | चटर्जी मात्रात्माक अनुसंधान मे एक व्यापक शोध कार्यक्रम का नेतृत्वा करते है | उनके अध्यायन के वैज्ञानिक लक्ष्यों मे नए बायोमार्कर कि खोज रोग तंत्र समझाना रोग के जोखिम को कम करना और रोग कि रोकथाम के लिए जोखिम स्तरीकृत दृष्टीकोण विकसीत करना आदि शामिल है |
चटर्जी ने जीनोम वाइड एसोसिएशन अध्यायनों मे बडे पैमाने पर सहयोग किया है | डॉ चॅटर्जी ने लगभग 16 साल तक नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट मे काम किया है | उन्होंने कैंसर महामारी विज्ञान और जेनेटिक्सा डीएसईजी मे काम किया है | डॉ. चॅटर्जी अब जॉन्सा हॉपकिन्सा विश्वाविघ्यालय मे ब्लुमबर्ग विशिष्टा प्रोफेसर के रुप मे ल्बुमबर्ग स्कुल ऑफ पब्लिक हेल्थ बायोस्टैटिस्टिक्सा और सकूल ऑफ मेडिसीनन ऑन्कोलॉजी मे संयुक्त नियुक्तियों के साथ कार्य करते है | चॅटर्जी डीसीईजी के साथ एक विशेष स्वयंसेवक बने हुए है |
उपलब्धि :
1) सन 2008 मे चॅटर्जी अमेरीकन स्टेटिस्टिकल एसोसिएशन के एक निर्वाचित फेलो है |
2) सन 2010 मे चॅटर्जी केा सार्वजनिक स्वास्था के उत्कृष्टा योगदान के लिए मोर्टिमर स्पीगलमैन पुरस्कार प्राप्ता हुआ है |
3) सन 2011 मे उनहें बायोमिट्री के सिध्दांत मे महत्वापुर्ण् येागदान के लिए COPSS राष्ट्रपति पूरस्कार प्रापता हुआ है |
4) 2011 मे चूटर्जी को स्नेडेकर अवार्ड से सम्मानित किय गया है |
5) सन 2015 मे उनहें ब्लुमबर्ग विशिष्टा प्रोफेसर पद प्रापता हुआ |