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वैज्ञानिक

मोती लाल धर की जीवनी - Biography of Moti Lal Dhar in hindi jivani

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नाम : मोती लाल धर

 जन्म दि : 22 अक्टूबर 1914

ठिकाण : श्रीनगर, कश्मीर, भारत

व्यावसाय : ड्रग केमिस्टा, विज्ञान प्रशासक, बनारस हिंदू विश्वाविघ्यालय के पूर्व कुलपति


प्रारंभिक जीवनी :


        मोती लाल धर भारत मे प्रख्यात ड्रग केमिस्टा और विज्ञान प्राशासक थे | मोती लाल धर कुलपति के रुप मे सेवा करणे वाले एकमात्र कश्मीरी पंडित रहे है | मोती लाल धर का जन्म 22 अक्टूबर 1914 को भारत मे कश्मीर के श्रीनगर जिले मे हुआ था | मोती लाल धर एक माध्याम वर्गीय कश्मीरी पंडीत परिवार के थै |


        उन्होंने इस्टा डिविजन मे श्री प्रताप कॉलेज से इंटरमीडिएट कि परीक्षा उत्तीर्ण कि थी | उस समय कश्मीर घाटी मे विज्ञान मे उच्चा अध्यायन के लिए कोई प्रावधान नही था | इसिलीए मोती लाल धर आगे कि शिक्षा के लिए पंजाब के लाहौर मे चले गए | मोती ने पंजाब युनिवर्सिटी से ऑरगॅनीक केमिस्ट्री मे पोस्टा ग्रॅ्जुएशन किया था |


        सन 1938 मे वे अपनी डॉक्टरेट कि शिक्षा के लिए इंग्लंड चले गऐ | वहाँ उन्होंने रसायन विज्ञान मे थिसिस पर पीएचडी प्राप्ता कि थी | वह कश्मीर घाटी से पहले कश्मीर पंडित थे जिन्होंने पीएचडी प्राप्ता कि थी | उन्हेांने सन 1940 मे लंदन विश्वविघ्यालय से रसायन विज्ञान मे डिग्री पीएचडी प्राप्ता कि थी |


कार्य :


        मोती लाल धर ने जम्मू मे नवस्थापित प्रयोगशाला मे मुख्या रसायन और वर्क्स मैनेजर के रुप मे काम मे कार्य किया था | सन 1950 मे उन्होंने लखनऊ मे केंद्रीय औषधी अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर के औषधीय रसायन विज्ञान विभाग के प्रमूख के रुप मे कार्य किया था | 1963 मे डॉ. धर केंद्रीय औषधी अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक बने थे |


        मोती लाल धर ने 2 फरवरी 1977 को बनारस हिंदू विश्वाविघ्यालय के वाराणसी का कुलपति बनया था | दिसंबंर तक वहाँ वे कुलपति के रुप मे कार्यरित रहे किन्तू इस पद से जुडे कुछ राजनेताओं से वे तंग आ चुके थे | इसिलीए उन्होंने 15 दिसंबर 1977 को इस पद से इस्तीफा दे दिया था |


उपलब्धि : 


पूरस्कार और सम्मान :


1) मोती लाल धर कुलपति के रुप मे सेवा करने वाले मात्र कश्मीरी पंडीत रहे है |

2) 1975 मे डॉ. धर भरतीय प्रौघोगिकी संस्थान, कानपूर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स् के अध्याक्ष रहे है |

3) भारत सरकार ने डॉ. धर को औषधीय रसायन विज्ञान विशेष रुप से कोमोथेरेपी के क्षेत्र मे अनुसंधान करने के लिए 1971 मे पघश्री पूरस्कार से सम्मानित किया था |


        20 जनवरी 2002को नई दिल्ली मे डॉ धर का निधन हुआ था |