Advertisement
नाम : मोहन आर वानी
जन्म : 1965
ठिकाण : महाराष्ट्रा, भारत
व्यावसाय : जीवविज्ञानी
प्रारंभिक जीवनी :
मोहन आर वानी का पूरा नाम मोहन रामचंद्र वानी है | उनका जन्म भारत के महाराष्ट्र राजया मे हुआ है | मोहन आर वानी एक भारतीय सेल जीवविज्ञानी प्रतिरक्षा विज्ञानी और नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस के वैज्ञानिक है | मोहन वानी ने नागपूर वेटरनरी कॉलेज से पशू चिकित्सा विज्ञान मे स्त्रातक किया है |
डॉ. पंजाबराव देशमूख कृषि विज्ञापीठ PDKV से अपनी मास्टार डिग्री प्राप्ता कि है | उन्हेांने अपनी डॉक्टरेट कि पढाई लंदन विश्वाविघ्यालय से कि है | उन्हें डॉक्टरेट कि पढाई के लिए कॉमन वेल्था फेलोशिप मिली है | मोहन आर महाराष्ट्र के पूणे मे गणेश काइंड विश्वाविघ्यालय परिसर मे रहते है |
कार्य :
अपनी पीएचडी के बाद वे भारत के सावित्रीबाई पुणे विश्वाविघ्यालय के नेशनल सेंटर फॉर साइंस NCCS मे शामिल हो गए |NCCS मे वे वेंचर सेंटर आउटरीच सेंटर मे एक ग्रेड एक वैज्ञानिक के रुपप मे कार्यरित रहे है | एनसीसीएस सेल संगठन और कार्य, रोगजनन और सेलूलर सिस्पॉन्सा के साथ साथ स्टेम सेल और पुनर्जनन पर अनुसंधान समूहों का एक हिस्सा है |
डॅा. वानी का अनूसंधान फोकस अगर देखा जाए तो, हड्रडी और उपास्थि कोशिका जीव विज्ञान, ऑप्टियोइम्यूनोलॉजी गठिया, स्टेम सेल विज्ञान और पूनर्योजी चिकित्सा के क्षेत्रो मे है | उन्हेांने पुन: संयोजक माऊस के उपर अधिकतर काम किया है | उन्हेांने मनूष्यों मे सांधिशोथ के माऊस मॉडल विकिसीत करने का कार्य भी किया है |
उॉ. मोन भारत सरकार के जैव प्रौघोगिकि विभाग के स्टैम सेल अनूसंधान और पुनर्योजी चिकित्सा पर टास्क फोर्स् के सदस्या भी रहे है | उनहेांने इस विषय पर अतिथी व्याख्यान देने का कार्य भी किया है | डॉ. मोहन जर्नल ॲनिमल साइंस ऑफ द लेबोरेटरी एनिमल साइंसेज एसोसिएशन इंडिया के संपादकिया बोर्ड के सदस्या के रुप मे भी कार्यरीत है |
उपलब्धि :
पूरस्कार और सम्मान :
1) डॉ. वानी को सन 2004 मे बीएम बिडला विज्ञान केंद्र व्दारा बीएम बिरला विज्ञान पूरस्कार मिला है |
2) 2006 को उन्हें क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के युवा वैज्ञानिक के लिए प्री बी के बछावत अंतर्राष्ट्रीय यात्रा अनुदान प्रापता हुआ है |
3) भारत सरकार के जैव प्रौघोगिकी विभाग उीबीटी व्दारा डॉ. मोहन को कैरियर विकास के लिए राष्ट्रीय जैव विज्ञान पूरस्कार से सन 2009 मे सम्मानित किया है |
4) सन 2011 मे डॉ मोहन नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज मे भारत व्दारा चुने हुए साथी रहे है |
5) डॉ. मेाहन गुहा अनूसंधान सम्मेलन के निर्वाचित सदस्या भी है |
पुस्तक :
उॅा. मोहन ने उनके अध्यायनों को कई लेखो के माध्याम से प्रलेखित किया गया है | रिसर्चगेट, वैज्ञानिक लेखो के एक ऑनलाइन भंडार ने उनमे से 50को सूचीबध्दा किया है |
1) हयूमन जिवजीवा डिराईव्हड मेसिन किमल सिम सेल्स आर सुपेरियर टू बोन मॅरो डिराईव्हड मेसिनकेमल स्टिम सेल्सा फॉर सेल थेरिपि इन रीजनरेटिव्ह मेडीसीन यह पुस्तक सन 2010 को डॉ. मोहन और उनके साथि योध्दादारा लिखित प्रकाशित हुआ है |
2) असेलुलार उरमल मॅट्रीक्सा सीडेड वीथ ऑटोलॉगस जिवजीवल फाइब्रोब्लास्टास फॉर द ट्रीटमेनट ऑफ जिनजिवल रिसेझान : अ प्रूफ ऑफ कन्सेप्ट स्टडी यह एम एस चवहान, विजय एल देशमूख, और उॉ. मोहन वानी व्दारा लिखित है |