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नाम : मलय घोष
जन्म : 15 अप्रैल 1944
ठिकाण : कोलकत्ता, भारत
व्यावसाय : सांख्यिकिविद
प्रारंभिक जीवन :
मलय घोष एक भारतीय साख्यिकीविदू है | और फडोरिडा विश्वाविघालय मे एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर भी रहे है | उनका जन्म 15 अप्रैल 1944 को भारत के कोलकत्ता शहर मे हुआ था | उन्होंने सन 1962 मे कलकत्ता विश्वाविदयालय से बीए और सन 1964 मे एम किया है |
फिर मलय घोघ आपने उच्चा शैक्षणिक अध्यायन को आगे बढाने के लिए संयुक्त राजया अमेरिका चले गए | उन्होंने प्रणव के सेन की देखरेख मे सन 1969 मे चैपल हिल मे उत्तरी कैरोलिना विश्वाविध्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्ता की है | नितिस मुखोपाध्याय पार्थसारथी लाहिडी और गौरी श्ंकरयह सभी उनके छात्र रहे है |
कार्य :
मलय घोष ने 1970 के दशक मे आयोवा स्टेट युनिव्हार्सिटी मे शामिल होने से पहले भारतीय सांख्यिकी संस्थान मे संकाय सदस्या थै | सन 1982 मे मलय घोष ने फलोरिडा विश्वाविघालय मे प्रवेश किया था | घोष अपने शोध के लिए जाने जाते है |
अप्रकाशित अनुमान, अनुक्रमिका विश्लेषण निर्णय सिदधांत बायेसियन सांख्यिकी और छोटे क्षेत्र के आकलन के लिए उन्हें महत्वापूर्ण माना जाता है | सन 1996 से 2001 तक घोष ने संयुक्त राजया की जनगणना सलाहकार समिति मे सेवा की है | जिसे घोष के मौलिक योगदान कहा जाता है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) घोष को गणितीय सांख्यिकी संस्थान के चुने हुए साथी बनने का अवसर मिला |
2) सन 1984 मे वे अमेरिकन स्टैटीकल एसेासिएशन के चुने हुए साथी थे |
3) 1993 से 1994 मे घोष लुकास प्रतिष्ठित प्रोफेसर रहे है
4) मई 2014 को कॉलेज पार्क मैरीलैंड मे घोष के सम्मान हेतु एक सम्मेलन आयोजित किया गया था |
पूस्तक :
प्रोफेसर घोष ने दो पुस्तकों और 250 से अधिक शोध प्रकाशनों का सह लेखन किया है
1) सन 1997 मे 14 मार्च को मलय घोष लिखित पुस्तक सिक्वेंरीअल इस्टीमेंशन प्रकाशित काया गया था |
2) सन 1992 मे करन्टा इश्यू इ स्टूटीस्टीकल इफरेन्सा एसेसू इन ऑनर ऑफ डी बासू यह पुस्तक घोष और बासू प्रमोद के पाठक यह उनके सहसाथीव्दारा लिखित है |