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नाम : मधू भास्करन
ठिकाण : चेन्नाई, भारत
व्यवसाय : इंजनियर प्रोफेसर
प्रारंभिक जीवन :
मधू भास्करन एक इंजीनियर है | और आरएमआईटी विश्वाविध्यालय मे प्रोफेसर है | उनका जन्म केरल के गॉव मे हुआ था | वे एक गरिब और अकादमिक रुप से अशिक्षित परिवार मे पैदा हुए थे | वो जब चार साल के थे तब माता पिता के पित्तय संघर्ष के कारण उन्हे उनके पास ही के रा्जया तमीलनाडू मे जाना पडा |
उनके पिता मनानाई के पासवाले गॉव एडथेरु मे एक चाय की दुकान शुरु की | और इस तरह उनका परिवार उसपर ही आमदनी के लिए निर्भर होता था | ऐंसे हालाथ मे वे शिक्षा के लिए अधिक खर्चा नही कर सकते थ | तो उन्हेांने नेशनल मीरीट स्कॉलरशिप के साथ एक तमिल मिडियम स्कुल मे अपनी पढाई की | फीर वे 17 साल बाद केरल लौट आए |
उन्होंने एर्नाकुलम मे महाराणा कॉलेज से स्त्रातंक की पढाई पूरी की | उन्होंने स्त्रातक स्तार के पढाई के बाद स्कृल के छात्रों के लिए होम टयूशन लेना स्टार्ट किया | इसके साथ वे एक पेट्रोल पंप मे भी काम किया करते थे | इसतरह उन्होंने खूद को प्रशिक्षण क्षेत्र मे स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष किया है |
कार्य :
1) मधू भास्करन ने 2010 मे कार्यात्मक सामग्री और माइक्रोसिस्टाम्सा रिसर्च ग्रूप की सह स्थापना की और उसका सह नेतृत्वा भी किया|
2) भास्करन इलेक्ट्रॉनिक्सा उपकरणों और सेंसर के साथ हमारे व्दारा उपयोग और बातचीत करने के तरीकों बदल रहे है |
3) लोचदार और प्लास्टिक सामग्री के साथ उच्चा तापमान पर संसाधित कार्यात्माक ऑक्साइड सामग्री के संयोजन पर उनकी सफलता ने स्ट्रेचेबल इलेक्ट्रॉनिक्सा और सेंसर का नेतृत्वा किया है | जिससे की, इलेक्ट्रॉनिक त्वचा के रुप मे पहना जा सकता है |
4) उत्कूष्ठा कैरियर शोधकर्ता 2017 के लिए युरेका पूरस्कार प्राप्ता हुआ |
5) बैटरहैम मेडलिस्टा, ऑस्ट्रेलियाई प्रौघोगिकी और इंजीनियरिंग अकादमी से है |
पूस्तक :
1) मधू भास्करनव्दारा लिखित पुस्तक बीषाक्कलिलिनु विजयथिलेक्कू|
2) लक्ष्यम नादा सरियाया थेरुमानंगल यह भी पूस्ताक मधू भास्कारव्दारा लिखित रुप से है |
3) कर्योत्क सामग्री और माइक्रोसिस्टम्सा के साथ ऊर्जा संचयन यह भास्करन और उनके साथी शरथ श्रीराम, एट एल व्दारा लिखित पुस्तक है |