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नाम : भारत विष्णू रात्रा
जन्म दि : 26 जनवरी 1960
ठिकाण : बॉम्बे मुंबई
व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी
प्रारंभिक जीवनी :
भारत रात्रा का जन्म 26 जनवरी 1960 को बॉम्बे मुंबई मे हुआ था | उन्हेांने 1982 मे भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान दिल्ली से भौतिकी मे मास्टार ऑफ साइंस मे स्त्रातक कि उपाधि प्रापत कि थी | और 1986 मे स्टैनफोर्ड विश्वाविदयालय मे लियोनार्ड सुस्कंड और माइकल पेस्किन कि देखरेख मे भौतिकी मे डॉक्टरेट की पढाई पूरी कि थी |
स्टैनफोर्ड लिनियर एक्सीलरेटर सेंटर प्रिसटन युनिवर्सिटी कैलिफोर्निया इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी और मैसाचुसेटस इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी मे पेास्टा डॉक्टरलफेलो थै | उनहोंने 1996 मे भौतिकी के साहायक प्रोफेसर के रुप मे कैनसस स्टेट युनिवर्सिटी मे प्रेवश लिया था | उनहें 2001 मे एसोसिएट प्रोफेसर और 2004 मे प्रोफेसर के रुप मे पदोन्नत किया गया था |
कार्य :
भारत विष्णू रात्रा का एक भारतीय अमेरीकि भौतिक विज्ञानी और सैघ्दांतिक ब्रम्हांड विज्ञानी और खगोल विज्ञान है | जो वर्तमान मे कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी मे भौतिकी प्रोफेसर के रु मे प्रतिष्ठित है | उनहें डायनेमिक डार्क एनर्जी और ऊर्जा धनत्वा कि व्कांटम मैकेनिकल पीढी और मुद्रास्फिती के दौरान चुंबकीय क्षैत्र मे उतार चढाव पर अपने काम के लिए जाता है |
रात्रा ने ब्रम्हांड विज्ञान और खगोल विज्ञान और प्रांरभिक ब्रम्हांड भौतिकी के कई क्षेत्रों मे काम किया है | 1988 मे प्रिसटन विश्वाविदयालय के रात्रा और जीम पीबल्सा ने पहली डायनेमिक डार्क एनर्जी स्केलर फील्ड या व्किटेसेंस मॉडल का प्रस्ताव दिया था | डार्क एनर्जी उस तंत्र के लिए अग्रणी उम्मीदवार है |
जो अवलोकन किए गए ब्रम्हाड संबंधी विस्तार के कारण जिम्मेदार है | रात्रा और उनके छात्रों और सहयोगियों ने पहले के युग के बीच संक्रमण के पुनर्वितरण के मापन का बीडा उठाया है | जब कॉस्मोलॉजिकल विस्तार कम हो गया है, क्योकी डार्क और बायोरोनिक साधारण पदार्थ ब्रम्हाण्डीय ऊर्जा बजट पर हावी हो गए है | और वर्तमान एपिलेशन जहॉ कॉस्मोलोजिकल विस्तार मे तेजी लाता है, क्योकि वर्तमान ब्रहमाण्ड संबंधी ऊर्जा बजट है |
रात्रा के प्रांरभिक ब्रम्हांड अनुसंधान मे मद्रास फिति से ऊर्जा घन्त्वा गडबडी के स्पेक्ट्रम का पहला सुसंगत अर्घशास्त्रीय संगणना शामिल है | उन्होंने ऑस्टिन मे टैक्सास विश्वाविदयालय के विली फिशरले और स्टैनफोर्ड विश्वाविदयालय के लियोनार्ड सुस्किन्द के साथ इस संगणना मे सहयोग किया था |
रात्रा ने पहले मुद्रास्फिति मॉडल का भी प्रस्ताव किया था | जो व्कांटम उतार चढाव से उत्पन्ना हो सकता है | एक बडे पर्याप्त प्राइमर्डियल कॉस्मोलॉजिकल चुंबकीय क्षेत्र मे मनाया गेलेक्टिक चुंबकीय क्षेत्रो कि व्याख्या करने मे सक्षम होना चाहिए |
सम्मान और पूरस्कार :
1) राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन कैरियर अवार्ड 1999|
2) फेलो ऑफ द अमेरीकन फिजिकल सोसायटी 2002|
3) विज्ञान कि उन्नति के लिए अमेरिकन एसोसिएशन के फेलो 2005|
4) बेसिक साइंस मे ओलिनपेटीफिश अवार्ड 2017|