Advertisement
नाम : बासीश्वर सेन
जन्म दि: 1887
ठिकाण : विष्णूपुर
व्यावसाय : वैज्ञानिक कृषक
पिता : रामेश्वर सेन
मृत्यू: 31 अगस्ता 1971
प्रारंभिक जीवनी :
बासीश्वार सेन का जन्म 1887 को बंगाल को विष्णूपूर क्षेत्र मे हुआ था | उनके पिता का नाम रामेश्वर सेन था, जो बंगाल के बांकुरा जिले से कलकत्ता विश्वाविदयालय के पहले स्त्रातक थे | उनकी माता का जन्म प्रसन्नामोई देवी था | उनके बडे भाई सुरेश्वर सेन पवित्र माता श्री शारदा देवी के एक भक्त थे | रामेश्वर कि असामयिक मृत्यू के कारण, सेन परिवार अर्थिक तनाव मे था | रांची मे एक बहन के साथ रहकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कि थी |
उन्होने कलकता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीएससी कि परिक्षा उत्तीर्ण कि थी | उन्हे रामकृष्ण आदेश का परिचय उनकी मित्र विभूति भूषण घोष ने दिया था | वह स्वामी सदानंद के साथ अंतरंग रुप से जुडे हुए थे | जिन्हें गुप्ता महाराज भी कहा जाता है | जो स्वामी विवेकानंद के प्रत्यक्ष मठवासी शिष्याथे | बोशी ने पवित्र मॉ श्री शारदादेवी कि कुछ तस्वीरें भी लीं थी |
कार्य :
बश्वीश्वर सेन एक भारतीय वैज्ञानिक और कृषक थे | वह हरित क्रांती आंदोजन के अग्रणी थे | जिन्होंने प्रचूर मात्रा मे खाघान्ना उगाकर भारत के खाघ परिदृश्या को बदल दिया, जिससे देश मे किसी भी अकाल कि संभावना कम हो गई थी | उसकी पत्नी गुर्ट्रूड समर्सन सेन, एक अमेरिकी लेखक औरएशिया कि विशेषज्ञ थी |
उन्हेांने हिमालय के अल्मोडा क्षेत्र मे विवेकानंद प्रयोगशाला कि स्थापना कि थी | बोसी ने सर जगदीश चंद्र बोस के साथ संस्थान मे कई वर्षा तक काम किया था | और यहां तक कि उनके साथ लंदन भी गए थे | 1923 मे उन्होने एक अमेरिकी वैज्ञानिक ग्लैन ओवरटन के निमंत्रण्ं पर संयुक्त राजया अमेरिका कि यात्रा कि थी | भारत लौटने के बाद बोसी स्वतंत्र अनुसंधान करना चाहते थे | और उन्होने डॉक्टर के बाद बोसी स्वतंत्र अनुसंधान करना चाहते थे |
और उन्होने डॉक्टर जेसी बोस से भाग लिया और बोसपारा लेन, बागबाजार मे एक छोटी सी रसोई मे अपनी प्रयोगशाला स्थापित कि थी , जहाँ वे उहरे थे | प्रयोग शाला का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा गया था | बोशी कि मुलाकात 1928 मे रोमेन रौलेंड से हुई थी | और उनके साथ रामकृष्ण और विवेकानंद के जीवन पर चर्चा हुई थी | 1930 मे बर्लिन मे आइंस्टिन से मुलाकात कि और विज्ञान औरधर्म पर चर्चा कि थी |
अल्मोडा बोशी मे उनकी मुलाकात गुर्ट्रड एमर्सेन से हुई थी | जो एक खोजकर्ता, लेखक और सेासाइटी ऑफ वुमन जयोग्राफर्स के संस्थापक सदस्या है | वह शिकागो विश्वाविदयालय से स्त्रातक थे | जो रॉयल जियोग्राफीकल सोसायटी के साथी थे | 1932 मे बोसी और गुर्टूड ने एक दुसरे से शादी कि थी वह गुर्टूड एमर्सन सेन बन गई थी |
उनके पास कुंदन हाऊस मे उनके परिचितों के रुप मे कई गणमान्या व्याक्ति थे | जिनमे सबसे उल्लेखनीय रवींद्रनाथ टैगोर, रहस्यावादी कवि और नोबेल पूरस्कार विजेता जवाहलाल नेहरु, जूलियन हक्सले, नोट नृत्याकार उदय शंकर, स्वामी विरजानंद रामकृष्ण आदेश के तत्कालीन प्रमूख कार्ल वागंग आदि थे | 1959 मे उनकी प्रयोगशाला को उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत ले गया और वैज्ञानिक शोध हेतू 235 एकर भूमिक प्रदान कि गयी थी |
पूरस्कार और सम्मान :
1) कृषि विज्ञान एवं अभियांत्रिकि के क्षेत्र मे अपने असामान्या योगदान के लिए सन 1957 मे उन्हे पदमभूषण् से सम्मानित किया गया था |
2) 1962 मे उन्हें वॉटमल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था |
पूस्तके :
1) पुथ्वी के निकट स्वर्ग : बॉश सेन और गुर्ट्रड एमर्सन सेन का जीवन और समय, गिरीश एन मेहरा व्दारा |