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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

अमिया चरण बैनर्जी की जीवनी - Biography of Amiya Charan Banerjee in hindi jivani

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नाम : अमिया चरण बैनर्जी 

जन्म दि : 23 जनवरी 1891

ठिकाण : भागलपूर बंगाल

व्यावसाय : गणितज्ञ

पत्नी : सुभा

मर गए : 31 मई 1968 आयू 77 वर्षे कलकत्ता भारत.


प्रारंभिक जीवनी :


        अमिया चरण बनर्जी का जनम 23 फरवरी 1891 को उनके नाना के घर भागलपूर मे हुआ था | उनके पिता ज्ञान चंद्र बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज के मेधावी छात्र थे | और जब उन्होंने कानून की पढाई की थी तब वे नरेंद्रनाथ दत्ता बादम मे वह स्वामी विवेकानंद के क्लास मेट थे | वह 24 परगना जिले मे महेशलता के जमीदार परिवार से था, जो अब पश्चिम बंगाल मे है | केंशुब चंदर सेन के कुछ भाषणों को सुनने के बाद, एक छात्र ब्रम्हा समाज के प्रति आकर्षित हुआ | 


        जब वह ब्रम्हा समाज मे परिवर्तित हो गया, तो उसके पिता ने उसे बलपूर्वक घर वापस लाने की कोशिश की लेकिन जब वह ऐसा करने मे असफल रहा तो उसने उसे निर्वस्त्रा कर दिया | वह बिहार मै न्यायिक सेवा मे शामिल हो गए और दूसरों ने जो सोचा और किया उससे एक स्वातंत्र जीवन जीया | उन्होंने ब्राम्हो नेता निबरन चंद्र मूखर्जी की बेटी मृणालिनी से शादी की |  


        जैसा कि उनके पिता के पास एक हस्तांतरणीय नौकरी थी, वे जयादातर भागलपूर जिला स्कूल मे पढे थे | वे मैट्रिक परिक्षा मे प्रथम स्थान पर रहे है और कोलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज मे दाखिला लिया | वह एक टॉपर थे और गणित मे स्त्रातकोत्तर की पढाई पूरी करने के बाद, इंग्लेड जाने के लिए बिहार सरकार की छात्रवृत्ति हासिल की | वे क्लेयर कॉलेज, कैम्ब्रिज से रैंगलर और फाउंडेशन स्कॉलर बने |


        कैब्रिज मे एक साथी छात्र, और बाद मे उनके बहनोई और ओडिशा के मुख्या सचिव, नीलमणि सेनापति ने उन्हें अपने सबसे मिलनसार स्वाभाव के लिए कैम्ब्रिज मे फादर बनर्जी कहा जाता था | उन्होंने 1920 मे हजारीबाग के ब्रेजा कुमार और चंचला नियोगी की बेटी सुभा से शादी की थी | वह समाजिक कल्याण गतिविधियों मे सक्रिय रुप से शामिल थी | इलाहाबाद नगरपालिका आयुक्त और एक महिला मजिस्ट्रेट थी, जिन्हे घर पर अदालत मे रखा गया था | उनके बडे बेटे कल्याण बनर्जी का 4 जून 1975 को समय से पहले निधन हो गया जब वे भारतीय स्टैट बैंक के उपप्रबंध निदेशक थे | उनकी बेटी, आरती ने एन आर दत्ता से शादी कि थी, जो इस्पात उघोग मे एक सफल व्यावसाय प्रबंधक था | 9 जुलाई 2010 को उनका उनके छोटे बेटे थे जिनकी मृत्यू 16 जूलाई 210 को हुई थी |


        उनके पोते, प्रदिप बनर्जी कल्याण बनर्जी के बेटे ने कोलंबिया विश्वाविदयालय, न्यूयॉर्क से स्त्रातक किया, और वर्तमान मे आई टी उघोग मे एक सफल पेशेवर के रुप मे लंदन मे स्थित है |

उनके पोते देबाल बनर्जी मिलन बनर्जी के बेटे कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रिम कोर्ट मे प्रैक्टिस करने वाले एक वरिष्ठा वकिल है | उनके पोते, गौड बनर्जी मिलन बनर्जी के छोटे बेटे भारत के अतिरिक्ता सॉलिसिटर जनरल थे |


कार्य :


        अमिया चरण बनर्जी एक भारतीय गणितज्ञ थे | देश लौटने पर, उन्होंने पटना मे कुछ समय बिताया लेकिन जब उनके लिए कोई उपयुक्त पद खाली नही था | वे इलाहाबाद चले गए और एक प्रोफेसर के रुप मे अपने शिक्षण कैरियर की शुरुआत की | इलाहाबाद विश्वाविदयालय मेघनाद साहा और नील रतन धर जैसे वैज्ञानिकों के साथ चर्चा का एक बडा केंद्र थ | बनर्जी ने जयोतिष भौतिकी और गांगेय गतिकी के क्षित्र मे उल्लेखनिय योगदान दिया | 


        वह 1953:55 से इलाहाबाद विश्वाविदयालय के कुलपति थे | वह भारत और विदेशों मे कई विश्वाविदयालयों के लिए डॉक्टरेट थीसिस के लिए परीक्षक थे, और व्याख्यान दौरों पर कई बार विदेश गए | भारत सरकार ने उन्हें यूरोप और अमेरिका मे वेघशालाओं के अध्यायन और भारतीय वेधशालाओं के सुधारों की शिफारिश करने के लिए परियोजना सौंपी थी | सेवानिवृत्ती पर उन्होंने पश्चिम बंगाल के हाबरा मे श्री चैतन्या कॉलेज को विकसित करने मे मदद की |


        उन्होंने 1957 मे आयोजित अखिल भारतीय ब्रम्हा संम्मेलन की अध्याक्षता की | प्रो बनर्जी को 1969 मे मुंबई मे आयोजित होने वाले भारतीय विज्ञान कॉग्रेस के 56 वें सत्र का अध्यक्ष मनोनित किया गया था | लेकिन 31 र्म 1968 को उनकी मृत्यू हो गई |

वह खगोल विज्ञान पर व्याख्यान देते थे | उन्होंने 1946 मे भारतीय विज्ञान अकादमी के इलाहाबाद सत्र मे स्टैलर इवोल्यूशन पर बात की इलाहाबाद मे उनके घर के सामने सडक का नाम उनके नाम पर रखा गया था