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नाम : अमलेंदु चंद्रा
जन्म दि : 06 अक्टूबर 1963 आयु 56 वर्षे
ठिकाण : पश्चिम बंगाल, भारत
व्यावसाय : रसायनतज्ञ
प्रारंभिक जीवनी :
अमलेंदु चंद्रा 6 अक्टूबर 1963 को भारतीय राजया पश्चिम बंगाल मे जन्मे, 1984 मे बर्दमान विश्वाविदयालय से रसायन विज्ञान मे स्त्रातक की उपाधि प्राप्ता की और 1986 मे उसी विश्वाविदयालय से अपनी मास्टार डिग्री पूरी की उनकी डॉक्टारेट की पढाई भारतीय इंस्टीटयूट मे हुई विज्ञान और 1991 मे पीएचडी हासिल करने के बाद कनाडा चले गए | 1993 मे भारत लौटने पर, वह आइआई टी कानपूर मे शामिल हो गए जहाँ उन्होंने रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के रुप मे कार्य किया और विभागाध्याक्ष भी रहे |उन्होंने इस अवधि के दौरान दो अध्याक्षो की अध्याक्षता की राहुल और नमिता गौतम चेयर प्रोफेसर शिप 2008:11 और सजनी कुमार रॉय मेमेारियल चेयर प्रोफेसर शिप 2011 वह बिमान बागची के साथ भी जुडा हुआ है | और अपने अध्यायन मे उत्तरार्ध के नेतृत्वा वाले अनुसंधान समुह की सहायता करता है |
चंद्रा के शोध तरल पदार्थ इंटरफेस और समुहो के रिमुलेशन पर आधारित है और उन्हें सुक्ष्मा सिध्दांतो और भविष्या वाणियों को विकसित करने मे योगदान के लिए जाना जाता है | उन्होंने जटिल आणविक तरल पदार्थ और बल्का आयनिक समाधान के संतुलन ओर सैध्दांतिक व्यावहार के साथ साथ सैध्दांतिक और कम्प्यूटेशनल पध्दति का उपयोग करके आणविक समूहों की संचरना पर कथत रुप से व्यापक अध्यायन किया है | उन्होंने कई पीयर – रीव्यू लेखो मे अपने शोधो का दस्तावजीकरण किया है |
कार्य :
रिसर्चगेट वैज्ञानिक लेखों के एक ऑनलाइन भंडार उनमे से 11 को सूचीबध्दा किया है | एक भारतीय सैध्दांतिक भौतिक रसायनतज्ञ, एक प्रोफेसर और भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान, कानपूर मे रसायन विभाग के प्रमूख है | वह अपने सुक्ष्मा विध्दांतों और तरल पदार्थ, इंटरफेस और समुहों पर सिमुलेशन के लिए जाना जाता है | वह भारतीय विज्ञान अकादमी और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमि के ऐ निर्वाचित साथी है | वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारत सरकार की शीर्ष एजेंसी वह एक सुक्ष्मा सिध्दोंतो और सिमुलेशन पर अध्यायन के लिए जाना जाता है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) चंद्रा को 1993 मे 1998 से 1998 तक चलने वाले कार्यकाल के साथ अकादमी के एक सहयोगी के रुप मे भारतीय विज्ञान अकादमी व्दारा चूना गया था |
2) 1995 मे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने उन्हें यंग साइंटिस्टा मेडल से सम्मानित किया |
3) और उनके बाद 1997 मे अनिलकुमार बोस मेमोरियल अवार्ड के साथ
4) उन्होंने 2006 मे केमिकल रिसर्च सोसायटी ऑफ इंडिया का कांस्या पदक प्राप्ता किया |
5) समाज उन्हें 2015 मे सिल्ल्बर मेडल से सम्मानित करेगा |
6) वैज्ञानिक और औधोगिक अनुसंधान परिषद उन्हें 2000 मे सर्वोच्चा भारतीय विज्ञान पुरस्कारों मे से एक शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया |\
7) 2009 मे भारतीय विज्ञान अकादमी व्दारा एक सथी के रुप मे चुने गए थे |
8) वह 2015 मे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के एक निर्वाचित साथी बने |
9) उन्होंने अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्डट फैलोशिप 2002:03 और रमन्ना फैलोशिप 2006:09 और 2010:13 सहीत कई अन्या शोध फेलोशिप की, और जेसी बोस विज्ञान और प्रौधोगिकी विभाग की राष्ट्रीय फैलोशिप 2013.