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आर. पी. परांजपे की जीवनी - Biography of R. P. Paranjpe in hindi jivani

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आर. पी. परांजपे का पूरा नाम सर रघूनाथ पूरुषोत्ताम परांजपे था | वह कैम्ब्रिज विश्वाविघ्यालय मे सीनियर रैंगलर का प्रतिष्ठित खिताब हासलि करने वाले पहले भारतीय थे | आर पी परांजपे विश्वाविघलय के प्रशासक और भारतीय राजदूत भी थे | आर पी परांजपे का जनम 16 फरवरी 1876 मे भारत के महाराष्ट्रा राजया रत्नागिरी मे दापोली के एक गांव मुरडो मे हुआ था |

        उनके पीता का नाम पूरुषोत्ताम पंत था | वह एक दशग्रंथी ब्राम्हाण थे | शकूंतला परांजपे उनकी बेटी और साई परांजपे उनकी पोती है | इन दोनो को पघभूषण पुरस्कार प्राप्त हुआ है |

        रघूनाथ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मराठा हाई स्कूल बॉम्बे से पूरी कि थी | सन 1899 मे उनहेांने बी ए वरिष्ठा रैंगलर के रुप मे फगर्यूसन कॉलेज पूणे से स्त्रातक किया था | सन 1901 मे उनहें सेंट जॉनस कॉलेज का फेलो चुना गया था |

आर पी परांजपे का 6 मे 1966 मे निधन हुआ था |


कार्य :

        रधूनाथ ने 1902 मे फर्ग्यूसन कॉलेज मे गणित के प्रोफेसर के रुप मे काम किया था |सन 1907 मे रधूनाथ फर्ग्यूसन कॉलेज मे इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी के पहले लाइब्ररियन बने थे | उनहेांने सन 1926 तक एक प्राचार्य के रुप मे वहाँ पर काम किया है |

        इसके बाद रघूनाथ बॉम्बे विश्वाविघ्यालय के कुलपति के रुप मे कार्यरित रहे थे | रघूनाथ 1912 मे बॉम्बे विधान परीषद से लिए चूने गए थे | वह बॉम्बे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्वा करते थे | उनहे भारत सरकार अधिनियम 1919 के अनूसार बने हुए परिषद के लिए चुना गया था |

        रघूनाथ ने बॉमबे प्रेसीउेंसी मे दियार्कि के हिस्से के रुप मे शिक्षा मंत्री के रुप मे सन 1923 तक काम किया था | रघूनाथ ने ब्रिटीश राज से भारत स्वतंत्रपूर्व सन 1944 से 1947 मे ऑस्ट्रेलिया मे भारत के उच्चायूक्ता के रुप मे काम किया था |


उपलब्धि :

1) रधूनाथ को सन 1921 मे कलकत्ता विश्वाविदयालय ने डॉक्टरेट ऑफ साइंस कि उपाधि से सम्मानित किया था |

2) रघूनाथ को शिक्षा मंत्री के रुप मे चुना गया था |

3) 1949 मे चेन्नाई मे इंडियन रेश्ंनालिस्टा सोसिएशर के संस्थापक थे |

4) आचार्य आत्रे ने रैंगलर परांजपे के लिए अपनी आत्मकथा मे एक पूरा अधयाय परांजपे को समर्पित किया है |


पुस्तके/ग्रंथ :

1) ऑक्टोबर 2013 मे प्रकाशित व्यावहार मे तर्कवाद कमला व्याख्यान|