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मानवतावादि

इला रमेश भट की जीवनी - Biography of Ila Ramesh Bhat in hindi jivani

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इला भट का जन्म 7 सितंबर 1933 को अहमदाबाद मे हुआ था | उनका बचपन सूरत शहर मे बीता जहाँ इनके पिता सुमत भट एक सफल वकिल थे | मॉ वनलीला व्यास महिलाओं के आंदोलन मे सक्रीय थी | भारत के स्वाधीनता संग्राम मे इला भट के परिवार के सदस्यों ने भी भाग लिया था |

        उनके नाना महत्मा गांधी के नमक सत्याग्रह मे शामिल थे और इसके लिए जेल भी गये थे | 1952 मे इला सुतर के एमबीटी महाविदयालय से कला मे स्त्रातक हुई थी | और फिर अहमदाबाद से 1954 मे कानून कि पढाई पूरी कि, जहाँ उन्हें हिंदू कानून पर अपने काम के लिए स्वर्णपदक भी दिया था | अपनी स्त्रातक उपाधि कि पढाई के दौरान इला कि मुलाकात एक निडर छात्र नेता रमेश भट से हुई |

        इला भट ने 1956 मे रमेश भट से शादी कि बाद मे इस दंपति के दो बच्चे हुए, अम्माय और मिहिर है | वह वर्तमान मे अहमदाबाद, गुजरात मे अपने परिवार के साथ रहती है|


कार्य :

        ईला रमेश भट भारत कि प्रख्यात सामाजिक कार्यकता है | जिन्होंने भारत कि महिलाओं के सामाजिक और आर्थीक विकास कि दिशा मे महत्वापूर्ण कार्य किया था | 1972 मे सेल्फ एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन सेवा नामक महिला व्यापार संघ कि स्थापना कि थी | 12 लाख से अधिक महिलांए इसकी सदस्या है | इसी तरह उन्होंने 1974 मे सेवाको ऑपरेटिव बैंक कि स्थापना कि थी | वर्तमान मे वे भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड कि एक निदेशक भी है |

        1971 मे अहमदाबाद कि बाजार हाथगाडी खीचने वाली और सर पर बोझाा ढालने वाली प्रवासी महिला कुलियों ने अपने सिर पर छत कि तलाश मे इला भट से मदद मॉगी थी | इला भट ने दिया कि ये सारी महिलाएँ खूली सडक पर रहने को मजबूर है और इनकी मजदूरी बेहद कम है |

        उन्होंने इस विषय पर स्थानीय अखबारो मे लिया था |कपडा व्यापारियों ने जवाबी लेख प्रकाशित करके इला भट के सारे आरोपों को खारिज कर दिया और महिला कुलिस्थो को उचित मजदूरी देने का दावा किया था | इला भट ने व्यापारियों वाले लेख कि अनेक प्रतियाँ बनवायी और महिला छपी मजदूरी कि हि माँग करे | इला भट कि इस युक्ति के कपडा व्यापारियों कि हेकडी निकल गयी | उन्होंने ईला से वार्ता कि पेशकश कि थी |

        दिसंबर 1971 मे इसी बैठक के लिए सौ महिला मजदूर जुटी सेवा संठन सेल्फ एम्प्लॉयड वुमॅन एसोसिएशन का जनम हुआ था | जब सेवा को एक मजबूर संगठन के रुप मे पंजीकृत करने का विचार हुआ तो श्रम विभाग ने साफ इनकार कर दिया था | तर्क यह था कि श्रमिक संगठन बनाना है | तो पहले मालिक का नाम बताया जाए जहॉ ये लो मजदूर थी | उनके पास कोई नियमित नौकरी नही थी | 1981 मे आरक्षण के विरोध मे उच्चा जातियों ने पिछडी जाति के लोगो के साथ मारपीट कि थी |

पुरस्कार और सम्मान :

1) वह 1979 मे एस्तेर ओक्लू और मिकेला वाल्श के साा महिला विश्वा बैकिंग के संस्थापकों मे से एक थी | 1980 से 1998 तक इसकी कुर्सी के रुप मे कार्य किया था |

2) उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स के अंतर्राष्ट्रीय एलायंस कि होमनेट के SEWA सहकारी बैंक के अध्याक्ष के रुप कार्य किया है | और पूर्व मे WIEGO के निदेशक है | वह रॉकफेलर फाउंडेशन कि ट्रस्टी भी थी |

3) इला भट को 1985 मे भारत सरकार व्दारा पदमश्री से सम्मानित किया गया था |

4) 1986 मे पदमभूषण के नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया गया था |

5) उन्हें 1977 मे सामूदायिक नेतूत्वा के लिए रैमन मैगसेसे पूरस्कार से सम्मानित किया गया था |

6) 1984 मे उन्हें राइट लाइवलीहुड पूरस्कार से सम्मानित किया गया था |

7) उन्हें 2010 के लिए निवानो शांति पूरस्कार के लिए चुना गया था |

8) नवंबर 2010 को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिटन ने भट को भारत मे दस लाख से अधिक गरिब महिलाओं को सम्मान और स्वतंत्रता कि स्थिति मे ले जाने मे मदद करने के लिए ग्लोबल फेयरनेस इमिशिएटिव अवार्ड से सम्मानित|

9) इला भट को 27 मई 2011 को रेडक्लिफ दिवस पर प्रतिष्ठित रेडक्लिक पदक से सम्मानित किया गया था |


पूस्तके :

1) हम गरीब है, लेकिन बहूत सारे है : भारत मे स्व- नियोजित महिलाओं कि कहानी-2006|

2) अनूबन्ध : सौ मीला का सामूदायिक भवन -2015