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इसरार अहमद का जन्म 26 अप्रैल 1932 को ब्रिटीश भारतीय साम्रा्जया के पूर्वी पंजाब के एक प्रांत हिसार मे हुआ था | उनके पिता ब्रिटीश सरकार मे एक सिविल सेवक थे | जिन्होंने अपने परिवार को हिसार से मौटगोमरीअब साहीवाल मे स्थानांतरीत कर दिया था |
एक स्थानीय हाई स्कूल से स्त्रातक होने के बाद अहमद 1950 मे किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी मे भाग लेने के लिए लाहौर चले गए थे उन्हेांने 1954 मे किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी मे एमबीबीएस कि डिग्री प्रापता कि थी | और चिकित्सा का अभ्यास शूरु किया था | इसके अलावा उन्होंने 1965 मे कराची विश्वाविघ्यालय से इस्लामिक स्टडीज मे मास्टार्स किया था |
1950 मे वह अबूल अला मोदी कि जमात ए इस्लामी मे शामिल हो गए लेकिन पार्टी छोड दी जब बाद मे 1957 मे चुनाबी राजनिती मे भाग लेने का विकल्प चुना गया था | इस्लाम और दर्शन मे उनकी रुचि और बढी और बाद मे 1960के दशक मे सिंध प्रांत के कराची चले गए थे | जाहं उन्हेांने कराची विश्वाविघ्यालय मे दाखिला लिया था |
कार्य :
इसरार अहमद एक पाकिस्तानी इस्लामी धर्मशास्त्री दार्शनिक और इस्लामिक विव्दान थे | जिनका विशेष रुप से दक्षिण एशिया के साथ साथ दक्षिण एशियाई मुसलमानो व्दारा मध्या मे पालन किया गया था | वह तंजीम ए इस्लामी के संस्थापकथे | जो दक्षिणपंथी जमात ए इस्लामी के वंशज थे | अहमद ने इस्लाम और धर्म के विभिन्ना पहलूओं पर 60 पूस्ताकें लिखी थी | जिनमे से नौ का अंग्रेजी अनूवाद किया गया था |
उन्हेांने आधूनिक लोकतंत्र और प्रचलित चुनाव प्रणाली कि आलोचना कि थी | और तर्क दिया कि एक इस्लामी राजया किा प्रमूख एक निर्वोचित विधानसभा के बहूमत के फैसले को अस्वीकार किया सकता है | खराब स्वास्था के कारण अहमद ने अक्टूबर 2002 मे तन्जीम ए इस्लामी के नेतृत्वा केा त्याग दिया था हाफिज अफिक सईद, तन्जीम के वर्तमान अमीर है | जिनके लिए तन्जीम के सभी रफका ने अपनी बियाह कि प्रतिमा को नवीनीकृत किया था |
एक प्रमूख पाकिस्तानी अग्रेजी भाषा के अखबार ने उनकी मृत्यू के बाद टिप्पाणी कि अंतूमन एक खूदामूल कुरान तन्जीम ए इस्लामी और तहरीक ए खिलाफत जैसे कई संगठनो के संस्थापक पाकिस्तान, भारत और खाडी देशों मे उनके अनूयायी थै | उन्हेांने कूरआन आघारित इस्लामी दर्शन मे रुचि रखने कि कोशिश मे लगभग चार दशक बिताए थे |
पूरस्कार और सम्मान :
1) सीताए इम्तियाज स्टार ऑफ एक्सीलेंस पूरस्कार 1981 मे पाकिस्तान के राष्ट्रपति व्दारा धार्मिक शिक्षा के क्षेत्र मे उनकी सेवाओं के लिए दिया गया था |
पूस्तके :
1) मुस्लिम महिलाओं के धार्मिक दायित्वा|
2) कर्बला कि त्रासदी |
3) बायनुल कूरान खंड 5|
4) मुतलह कुरआन हकीम का मुन्तखब निसाब खंड 1