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नाम : सरेाज नलिन दता
जन्म तिथी : 9 अक्टूबर 1887
ठिकाण : बंदेल, हुगली, बंगाल, भारत
पति : गुरुसदाय दत्ता
व्यावासाय : नारीवादी, समाजसूधारक
प्रारंभिक जीवनी :
सरोज निलीनी दत्ता का भारतीय नारीवादी और समाज सुधारक थी | सरोज नलिनी दत्ता का जन्म 9 अक्टूबर 1887 मे भारत तब ब्रिटीश भारत मे बंगाल प्रांत के बंदेल मे हुआ था | उनके पिता का नाम बजेंद्रनाथ डे है |
उन्हेांने एक टयूटर और एक शासन के तहत एक शिक्षा साझाा कि थी | सरोज एक एमबीई भी थी | उन्होने सन 1905 मे गुरुसदासस दत्ता से शादी कि थी | उनहें सन 1909 मे एक बच्चा हुआ था | जिसका नाम बीरेंद्रदास दता था |
कार्य :
सरोज बंगाल मे महिलाओं के उत्थान के लिए एक सुधारक और आंदोलन कि अग्रणी रही है | उन्होंने बंगाल मे महिला समितीयों के गठन का बीडा उठाया था | उन्हेांने सन 1913 मे पाबना जिले मे अपनी पहिली महिला समिती कि शुरुआत कि थी |
जिसकेव्दारे उन्होंने पूरदाहनाशिन महिलाओं के बीच मैत्रीपूर्ण सहयोग विकसीत करने का कार्य किया था | उन्होंने क्रमश्: बीरभूम मे सन 1916 केा सूलत्लान पूर मे 1917 को और 1918 मे रामपूरहाट आदी जिलों के महिला समितीयों की शूरुआत कि थी |
सरोज कलकत्ता लीग ऑफ वूमेन वर्कर्स नारी शिक्षा समिी कि परिषद कि सदस्या रुप मे कार्यरित है | उन्हेांने कलकत्त्ता नगर निगम कि समिती के सदस्या रुप मे महिलाओं केा परिषों का चुनाव करने कि उपयूक्ता व्यावस्था करने का काम किया था | सरोज सीलहट जीले मे महिला शिक्षा को बढावा देने के लिए गठित एक संघ कि उपाध्याक्ष भी थी |
उपलब्धि :
पूरस्कार और सम्मान :
1) सन 1918 मे सरोज का ब्रिटीश साम्रा्जया कि सबसे उत्कृष्ट आदेश एनबीई से पूरस्कूत किया गया था |
2) सन 1925 मे उनके नाम पर सरोज नलिनी दत्ता मेमोरियल एसोसिएशन थी |
पूस्तके/ग्रंथ :
1) 1933 मे प्रकाशित : इंडियन वमन्या वर्क एन्यूअल रिपोर्ट ऑफ द सरोज नलिनी दत्त मेमोरियल असोसिएशन फॉर 1932|
2) सरोजी नलिनी दत्ता का पीलीया के कारण 19 जनवरी 1925 मे निधन हुआ था कलकत्ता मे |