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रघुराम राजन जीवनी - Biography of Raghuram Rajan in Hindi Jivani

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रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर । 4 सितम्बर 2013 को डी॰ सुब्बाराव की सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया। इससे पूर्व वह प्रधानमन्त्री, मनमोहन सिंह के प्रमुख आर्थिक सलाहकार व शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में एरिक॰ जे॰ ग्लीचर फाईनेंस के गणमान्य सर्विस प्रोफेसर थे। 2003 से 2006 तक वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख अर्थशास्त्री व अनुसंधान निदेशक रहे और भारत में वित्तीय सुधार के लिये योजना आयोग द्वारा नियुक्त समिति का नेतृत्व भी किया


        राजन मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के अर्थशास्त्र विभाग और स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट; नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलौग स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट और स्टॉकहोम स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में अतिथि प्रोफेसर भी रहे हैं। उन्होंने भारतीय वित्त मन्त्रालय, विश्व बैंक, फेडरल रिजर्व बोर्ड और स्वीडिश संसदीय आयोग के सलाहकार के रूप में भी काम किया है। सन् 2011 मे़ं वे अमेरिकन फाइनेंस ऐसोसिएशन के अध्यक्ष थे तथा वर्तमान समय में अमेरिकन अकैडमी ऑफ आर्ट्स एण्ड साइंसेज़ के सदस्य हैं।


        रघुराम राजन का जन्म भारत के भोपाल शहर में 3 फ़रवरी 1963 को हुआ था। 1985 में उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की। इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट, अहमदाबाद से उन्होंने 1987 में एम॰बी॰ए॰ किया। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1991 में उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीएच॰डी॰ की।


शिक्षा :


        Raghuram Rajan के करियर की बात करें तो उन्हें हम एक बेहद योग्य अर्थशास्त्री कह सकते है क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र का बहुत सालों का अनुभव रहा है और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर के तौर पर उन्होंने 4 सितम्बर 2013 को उस समय के गवर्नर डी सुब्बाराव सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने यह पद ग्रहण किया और इस से पहले वो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी रह चुके है |


        Raghuram Rajan 2003 से 2006 तक अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसन्धान निदेशक भी रह चुके है | साथ ही उन्होंने भारत के योजना आयोग द्वारा भारत में वित्तीय सुधार के लिए गठित की गयी कमेटी को लीड करने वाले सदस्य भी रह चुके है यह नवम्बर 2008 का समय था | इसलिए हम कह सकते है कि आर्थिक जगत में Raghuram Rajan एक जाना पहचाना नाम है | American Finance Association के प्रेसिडेंट के तौर पर भी राजन में 2011 में काम किया है |


बैंकों के दोस्त :


        बैंक लोन और मुद्रास्फीति में राजन का कोई जवाब नहीं है। उन्होंने हर बार मौद्रिक नीति पर नए सिरे से काम किया। बैंकिंग सेक्टर में उन्होंने कई नई पहल की। उन्होंने आईएफडीसी और बंधन जैसे माइक्रोफाइनेंशियल शाखों को बैंक के रूप में खोलेन की घोषणा की। पिछले दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है। बैंकों का कहना था कि उनके कार्यकाल के दौरान ब्याज दर हमेशा ही न्यूनतम रही, जिसकी वजह से महंगाई पर बहुत ज्यादा कोई असर नहीं हुआ।


        सोशल मीडिया और राजनीति की ओर से उन पर खूब वाप हुए, लेकिन उन्होंने कभी भी नकारात्मक रवैया नहीं अपनाया। उन पर कई बार निजी हमले भी हुए, फिर भी उन्होंने अपना काम सही ढंग से किया। एक समझदार और संजीदा गर्वनर के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। स्मॉल फाइनेंस और एनपीए खोलने की योजना बनाई। पेटीएम और एयरटेल मशीन भी उनके दौर में बाज़ार में आई। राजन ने जब चार्ज लिया उस वक्त मुद्रास्फीति चरम पर थी, लेकिन उन्होंने सेंट्रल बैंक की नीतियों पर काम किया। हालांकि आज भी हम महंगाई से लड़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने भी इस बात को माना है।


        साल 2015 के नवंबर में उन्होंने एसेट क्वालिटी में सुधार किया। राजन ने जब साल 2013 में काम संभाला, तब महंगाई 9 फीसदी थी और थोक महंगाई 7 फीसदी, लेकिन तीन साल के भीतर खुदरा महंगाई 4 के नीचे चली गई। एक बात याद रखने की है कि उनके समय में रुपया खूब मजबूत हुआ। शेयर बाज़ार में भी ऐतिहासिक उछाल आया था। एक साल के अंदर रुपया 60 रुपए से ज्यादा मजबूत हुआ।


Personal Life :


         राजन की निजी जिन्दगी की बात करें तो उन्होंने Radhika Puri Rajan से शादी की जिन्हें वो आईआईएम अहमदाबाद में अपनी पढाई के दौरान मिले थे | राधिका अब University of Chicago Law School में पढ़ाती है | राजन के एक बेटा और एक बेटी है | उनके बड़े भाई अमेरिका एक एक सोलर कम्पनी में काम करते है और उनकी बहन की शादी एक आईएस ऑफिसर से हुई है और वो दिल्ली में फ्रेंच टीचर है |


पुरस्कार और सम्मान :


1. सन 2003 में उन्हें ‘अमेरिकन फाइनेंस एसोसिएशन’ द्वारा प्रथम ‘फिशर ब्लैक प्राइज’ दिया गया

2. सन 2013 में उन्हें ‘ड्यूश बैंक प्राइज फॉर फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स’ प्रदान किया गया

3. सन 2014 में ‘यूरोमनी पत्रिका’ ने उन्हें ‘बेस्ट सेंट्रल बैंक गवर्नर अवार्ड फॉर 2014’ से सम्मानित किया

4. लन्दन स्थित आरती पत्र ‘सेंट्रल बैंकिंग’ ने उन्हें ‘गवर्नर ऑफ़ द इयर अवार्ड 2014’ से सम्मानित किया

5. सन 2010 में उन्हें ‘फाइनेंसियल टाइम्स-गोलमैन सैक्स’ ‘बेस्ट बिज़नस बुक’ पुरस्कार दिया गया


घटनाक्रम :


1. 1963 : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जन्म हुआ

2. 1985 : आई.आई.टी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किया

3. 1987 : आई.आई.एम. अहमदाबाद से प्रबंधन की पढ़ाई की

4. 1991 : एम.आई.टी के स्लोअन बिज़नस स्कूल से पी.एचडी. किया

5. 1991 : शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपना करियर प्रारंभ किया

6. 1995 : पूर्ण प्रोफेसर बन गए

7. 2003 : ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ में बतौर आर्थिक सलाहकार और अनुसंधान निदेशक (मुख्य अर्थशास्त्री) नियुक्त हुए

8. 2003 : ‘अमेरिकन फाइनेंस एसोसिएशन’ द्वारा प्रथम ‘फिशर ब्लैक प्राइज’ प्राप्त हुआ

9. 2007 : वापस शिक्षण कार्य में चले गए

10. 2008 : भारतीय योजना आयोग द्वारा नियुक्त वित्तीय सुधार समिति का अध्यक्ष बनाया गया

11. 2010 : ‘फाइनेंसियल टाइम्स-गोलमैन सैक्स’ ‘बेस्ट बिज़नस बुक’ पुरस्कार दिया गया

12. 2012 : 10 अगस्त को भारत सरकार का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया

13. 2013 : 4 सितम्बर को उन्हें डी. सुब्बाराव के स्थान पर भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया