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व्यवसायी

मोहन सिंह ओबेरॉय जीवनी - Biography Of Mohan Singh Oberoi in Hindi Jivani

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नाम :– मोहन सिंह ओबेरॉय।

जन्म :– 15 अगस्त 1898, झेलम जिला, पंजाब ।


प्रारम्भिक जीवन :


        झेलम जिले के भाऊन में एक सामान्य से परिवार में जन्में मोहन सिंह जब केवल छह माह के थे तभी उनके सर से पिता का साया उठ गया था। ऐसी हालत में घर चलाने और बच्चों को पालने की जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई। उन दिनों एक महिला के लिए इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाना कतई आसान नहीं होता था। गांव में किसी तरह स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मोहन सिंह रावलपिंडी चले आए। यहां उन्होंने एक सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे नौकरी की तलाश में निकले, लेकिन काफी भटकने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली।


        नौकरी की तलाश में भटक रहे मोहन सिंह को उनके एक मित्र ने टाइपिंग और स्टेनोग्राफी सीखने की सलाह दी। उन्होंने अमृतसर में एक टाइपिंग इंस्टीट्यूट में टाइपिंग सीखना शुरू किया, लेकिन जल्द ही उन्हें यह अहसास होने लगा कि इससे भी उन्हें नौकरी नहीं मिलने वाली। इन दिनों वे केवल यही सोचते थे कि कैसे भी उन्हें कोई नौकरी मिल जाए, जिससे वे अपनी मां के कंधों का बोझ कम कर सके।


         लेकिन नौकरी न मिलने की वजह से वे असहाय महसूस करने लगे थे। अमृतसर जैसे शहर में रहने के एवज में उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे थे। जब उनके पैसे खत्म होने को आए तो वे 1920 में अपने गांव वापस चले आए। गांव वापस आने पर उनकी शादी कोलकाता के एक परिवार से हो गई। 


होटल :


        राय बहादुर मोहन सिंह ओबेराय समूह के संस्थापक अध्यक्ष ने साल १९३४ को एक अंग्रेज से दो प्रापर्टी– थी क्लार्कस दिल्ली और थी क्लार्कस शिमला को खरीदा। बाद में आये वर्षों में अपने दो बेटों, तिलक राज सिंह ओबरॉय और पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय के सहायता के साथ भारत में और विदेशों में ओबेराय समूह का विस्तार जारी रखा। थी ओबेराय गुरगावं के अलावा, ओबेराय ब्रांड के अधीकार में १८ लक्श्वरी होटेल्स और३ लक्श्वरी जहाज भारत, मॉरीशस, ईगिप्त, इन्डोनेशिया और सौदी अरेबिया में है।


        मोहन सिंह ओबेराय और उनकी पत्नी ईसार देवी होटल के लिए मीट और सब्जियां खुद खरीदने जाते थे। उन्होंने इस बिल में 50 फीसदी की कमी ला दी। किताब के अनुसार मोहन सिंह ओबेराय ने अपने संस्मरण में लिखा है कि मेरे सिसिल होटल में नौकरी ग्रहण करने के शीघ्र बाद ही होटल के प्रबंधन मे महत्वपूर्ण तब्दीली आई। मिस्टर ग्रोव से क्लार्क ने कार्यभार संभाला।


        पहली बार भाग्य ने साथ दिया और मेरे स्टेनोग्राफी के ज्ञान के कारण मुझे कैशियर और स्टेनोग्राफर दोनों का पदभार मिला। ओबेराय वन्य्विलास, रणथंभौर को २०१२ में कोंडे नास्ट ट्रैवलर, संयुक्त राज्य अमेरिका के पाठकों द्वारा एशिया में शीर्ष १५ रिसॉर्ट्स में स्थान दिया गया है। इस के अलावा, ओबेराय अमर्विलास, आगरा को दुनिया में ५ वां सबसे अच्छे होटल का स्थान दिया गया है। ओबेराय राजविलास, जयपुर को दुनिया में १३ वीं सबसे अच्छे होटल का स्थान दिया गया और ओबेराय उदयविलास, उदयपुर को दुनिया में ४ वां सबसे अच्छे होटल का स्थान दिया गया। इसी सर्वेक्षण में एशिया में शीर्ष ४ होटलों में वे शुमार है।


        ओबरॉय होटल्स एंड रिसॉर्ट्स को २००७ में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर सर्वश्रेष्ठ होटल चेन के रूप में और २००८ में ब्रिटेन के बाहर सर्वश्रेष्ठ होटल चेन के रूप में सम्मानित किया गया। ट्राइडेंट होटलस को 'बेस्ट फर्स्ट क्लास होटल ब्रांड' का स्थान गैलीलियो एक्सप्रेस ट्रेवल वर्ल्ड अवार्ड्स में २००४ के बाद से लगातार चार साल तक दिया गया। मुंबई के ओबेराय होटल को सीएनबीसी आवाज ट्रैवल अवार्ड्स द्वारा २००८ में 'भारत में बेस्ट बिजनेस होटल' का स्थान दिया गया।