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व्यवसायी

कुमार मंगलम बिड़ला जीवनी - Biography of Kumar Mangalam Birla in Hindi Jivani

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 कुमार मंगलम बिड़ला (जन्म 14 जून 1967) एक भारतीय उद्योगपति और आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष हैं, भारत में जिनकी कंपनियों में शामिल हैं ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल और कनाडा में आदित्य बिरला मिनिक्स और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के वे कुलाधिपति हैं। कुमार मंगलम बिरला विभिन्न नियामक और व्यावसायिक बोर्डों पर कई महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर प्रतिष्ठित रहे हैं और अभी भी हैं


कुमार मंगलम बिड़ला का जन्म राजस्थान राज्य के एक मारवाड़ी व्यवसायी बिड़ला परिवार में हुआ था। चार्टर्ड एकाउंटेंट कुमार मंगलम बिड़ला ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की, जहां के वे एक मानद सदस्य भी हैं। श्री बिरला और उनकी पत्नी, श्रीमती नीरजा कस्लीवाल के तीन बच्चें हैं, अनन्याश्री, आर्यमन विक्रम और अद्वैतेषा.


40 देशों में है बिजनेस, 1.5 लाख है कर्मचारी :


आदित्य बिड़ला समूह की 40 देशों में इंडस्ट्रीज है। इस समूह में 1.5 लोग काम करते हैं। कुमार का विवाह एस कुमार ग्रुप के संस्थापक इंदौर के निवासी शंभु कुमार कासलीवाल की बेटी नीरजा के साथ हुई है। बताया जाता है कि नीरजा का जन्म और शिक्षा इंदौर में हुई है। पिता शंभु कुमार कासलीवाल ने अपने घर का नाम भी बेटी नीरजा के नाम पर ही रखा है। वहीं नीरजा के पति कुमार मंगलम भारत के 9 वें सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार हैं। फोब्र्स मैगजीन के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 8.9 बिलियन डालर यानी करीब 5 लाख 90 हजार करोड़ है।


पिता के जाने के बाद ऐसे संभाला कारोबार :


पिता की मृत्यु के बाद कारोबार की भागदौड़ अचानक से कुमार मंगलम के कंधों पर आ गई। वे सिर्फ 28 साल की उम्र में अपने पूरे समूह की भागदौड़ संभालना एक बड़ी चुनौति थी, लेकिन उन्होंने व्यापार में आक्रामकता और व्यवहार में विनम्रता दिखाकर एक नया मुकाम हासिल किया। बीते 12 साल में भारत के बाहर उन्होंने 36 कंपनियों का अधिग्रहण कर आदित्य बिड़ला समूह को ग्लोबल के रूप में पहचान दी।


कुमार मंगलम बिड़ला आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन हैं। इंडिया में उनकी कंपनियों में शामिल ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल शामिल हैं। कनाडा में आदित्य बिरला मिनिक्स और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के वह चांसलर हैं। कुमार मंगलम बिरला कई कंपनियों के बोर्ड में महत्वपूर्ण पदों में भी शामिल हैं।


 नीरजा बिड़ला :


नीरजा भारत के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार कुमार मंगलम बिड़ला की पत्नी हैं। वे आदित्य बिड़ला ट्रस्ट की वाइस चेयरपर्सन हैं। कुमार बिड़ला और नीरजा के तीन बच्चे अनन्याश्री, आर्यमन विक्रम और अद्वैतेषा हैं। जब कुमार बिड़ला 22 वर्ष के थे तब उनकी शादी नीरजा से हुई थी।


करियर :


सन 1995 में अपने पिता आदित्य बिड़ला के अकस्मात् निधन के बाद कुमार मंगलम बिड़ला समूह के अध्यक्ष बनाये गए। उस समय उनकी उम्र मात्र 28 साल थी और लोगों ने इतने बड़े बिड़ला साम्राज्य को चलाने में उनकी काबिलियत पर प्रश्न उठाये पर उन्होंने अपने कौशल, लगन, मेहनत और सोच से न सिर्फ आदित्य बिड़ला समूह को आगे बढ़ाया बल्कि नए क्षेत्रों में भी कंपनी का विस्तार किया। उन्होंने दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और बी.पी.ओ. जैसे क्षेत्रों में कंपनी का विस्तार किया और पहले से मौजूद धंधों (टेक्सटाइल, सीमेंट, एल्युमीनियम, उर्वरक आदि) को मजबूती प्रदान की।


भारत के अलावा आदित्य बिड़ला ग्रुप का कारोबार लगभग 40 देशों में फैला है जिनमे प्रमुख हैं थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फ़िलीपीन्स, मिस्र, कनाडा, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी फैला है। सन 1995 में जब उन्होंने आदित्य बिड़ला का कमान संभाला था तब ग्रुप का टर्नओवर था 2 अरब अमेरिकी डॉलर जो उनके नेतृत्व में बढ़कर लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। समूह लगभग 130000 लोगों को रोज़गार प्रदान करता है और इसकी कमाई का कुल हिस्से का लगभग 60 प्रतिशत विदेशों से आता है।


आदित्य बिड़ला ग्रुप कंपनियों के अलावा कुमार मंगलम बिड़ला समय-समय पर विभिन्न नियामक और व्यावसायिक बोर्डों पर कई महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर रहे हैं। वे सन 2006 और 2007 में कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित सलाहकार समिति के अध्यक्ष थे। वे प्रधानमंत्री द्वारा गठित व्यापार और उद्योग के सलाहकार समिति के सदस्य भी थे। इसके अलावा वे उद्योग और वाणिज्य मंत्री द्वारा गठित व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष और भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के सदस्य भी थे।


शिक्षा के लिए सर्जनात्मक योजनाएं :


बिट्स पिलानी विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के बाद, उन्होंने बिट्स को दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक बनाने के लिए मिशन 2012 और विजन 2020 तैयार किया है। भारत की पहली इनोवेशन फेस्ट - क्वार्क (QUARK) 2010 की शुरूआत के लिए बिट्स परिसर का पहली बार मुआयना करने के लिए वे गोवा परिसर गए थे। क्वार्क, भारत का शीर्ष तकनीकी उत्सव है जिसका आयोजन हर साल किया जाता है, जिसमें भारत भर के कॉलेजों के छात्र भाग लेने के लिए आते हैं।


पुरस्कार और सम्मान :


1. सन 2005 में उन्हें “वर्ष के अर्न्स्ट एण्ड यंग उद्यमी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया – भारत”।


2. सन 2005 में उन्हें बिजनेस टूडे द्वारा “सीईओ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ युवा प्रदर्शन” के लिए नामांकित किया गया।


3. सन 2005 में पीएचडी चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने उन्हें ‘उद्योग रत्न’ से सम्मानित किया।


4. सन 2004 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डावोस) द्वारा उन्हें ‘यंग ग्लोबल लीडर्स’ में से एक के रूप में चुना गया।


5. भारतीय उद्योग जगत में उनके अनुकरणीय योगदान के सम्मान में, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने बिड़ला को सन 2004 में डी. लिट (होनोरिस कौजा) डिग्री से सम्मानित किया।


6. सन 2004 में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन ने उन्हें अपनी “मानद फैलोशिप” प्रदान की।


7. सन 2003 में उन्हें इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स द्वारा “द बिजनेस लीडर ऑफ द इयर” का पुरस्कार दिया गया।


8. जनेस इंडिया ने उन्हें “बिज़नेस मैन ऑफ़ द इअर – 2003″ चुना।


9. द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीअल इंजीनियरिंग (NITIE) – “द लक्ष्य – बिजनेस विज़नरी पुरस्कार” भी उन्हें सन 2003 में दिया गया।


10. सन 2003 में भारत-अमेरिकी सोसायटी के “यंग अचिवर पुरस्कार” से सम्मानित किये गए।


11. सन 2002 में सीएनबीसी/आईएनएसईएडी द्वारा प्रायोजित “एशियाई बिजनेस लीडर पुरस्कार 2002″ के लिए पहले पांच एशियाई व्यापार नेताओं में स्थान दिया गया।


12. सन 2001 में उन्हें “व्यावसायिक उत्कृष्टता और उद्योग में उनके योगदान” के लिए द जायंट्स इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


13. सन 2000 में बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कुमार मंगलम बिरला को “द मैनेजमेंट मैन ऑफ द इयर 1999-2000″ के रूप में सम्मानित किया