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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

थॉमस एडीसन जीवनी - Biography of Thomas Edison in Hindi Jivani

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नाम : थॉमस अल्वा एडिसन.

जन्म : 11 फ़रवरी 1847 मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका.

पिता : सेमुअल ओग्डेन एडिसन.

माता : नैंसी मैथ्यु इलियट.

पत्नी : मैरी स्टिलवेल (m. 1871–84), मीना मिलर (m. 1886–1931).


        थॉमस एल्वा एडिसन महान अमरीकी आविष्कारक एवं व्यवसायी थे। एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों युक्तियाँ विकसित कीं जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये। "मेन्लो पार्क के जादूगर" के नाम से प्रख्यात, भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले वे पहले अनुसंधानकर्ता थे। इसलिये एडिसन को ही प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका में अकेले १०९३ पेटेन्ट कराने वाले एडिसन विश्व के सबसे महान आविष्कारकों में गिने जाते हैं।


आरंभिक जीवन :


        स्कूल में युवा एडिसन का दिमाग बहोत ही भ्रमित था और उनके शिक्षक रेवेरेंड इंगले उन्हें “व्याकुल” कहकर बुलाते थे। और लगभग पुरे 3 महीने एडिसन ने स्कूल में बिताये। बाद में उनकी माता ने एडिसन को घर पर ही पढाना शुरू किया। एडिसन ने अपनी ज्यादातर शिक्षा आर.जी. पार्कर स्कूल से और दी कूपर यूनियन स्कूल ऑफ़ साइंस एंड आर्ट से ग्रहण किया। एडिसन 12 वर्ष की आयु में फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का धंधा करके परिवार को प्रति दिन एक डालर की सहायता देने लगे। वे रेल में पत्र छापते और वैज्ञानिक प्रयोग करते।


        तार प्रेषण में निपुणता प्राप्त कर 20 वर्ष की आयु तक, एडिसन ने तार कर्मचारी के रूप में नौकरी की। जीविकोपार्जन से बचे समय को एडिसन प्रयोग और परीक्षण में लगाते थे। एडिसन ने बचत के कुल धन से एक स्थानीय औषधालय से रसायन खरीदे और बोतल ,तार एवं प्रयोग में उपयोग आने वाली अन्य वस्तुए इक्ठटा की थी | जिस समय उनकी आयु दस वर्ष थी , तभी उन्होंने अपने भवन के भूतल में एक विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण किया था बाद में अपने जीवन में एडिसन ने कहा था कि उनकी सफलता में उनकी माता का महान योगदान था | निरंतर अध्ययन और प्रयोगों को दोहराकर उन्होंने स्वयं को पढ़ाया | उन्होने कभी किसी तकनीकी स्कूल या विश्वविद्यालय में प्रवेश नही लिया था | उनके माता पिता ने उनमे अच्छे साहित्य एवं इतिहास के प्रति रुझान विकसित किया था |


        एडिसन को बचपन से ही सुनने में तकलीफ होती थी। ये सब तब से चल रहा था जब से बचपन में उन्हें एक तेज़ बुखार आया था और उस से उबरते समय उनके दाहिने कान में चोट आ गयी थी। तभी से उन्हें सुनने में थोड़ी-बहोत परेशानी होती थी। उनके करियर के मध्य, उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में बताया की जब वे ट्रेन में सफ़र कर रहे थे तभी एक केमिकल में आग लग गयी, जिस वजह से वे ट्रेन के बाहर फेके गये और उनके कान में चोट आ गयी। कुछ साल बाद ही, उन्होंने इस कहानी को तोड़ते हुए एक नहीं कहानी बनाई और कहने लगे की जब चलती ट्रेन में कंडक्टर उनकी मदद कर रहा था, तभी अचानक उनके कान में चोट लगी थी।

        पुस्तक अध्ययन कर Thomas Edison एडिसन ने ना केवल पुस्तक में दिए गये सभी प्रयोगों को किया बल्कि रसायन विज्ञान में भी रूचि विकसित कर ली थी | एडिसन के विषय में एक रोचक बात यह है कि उनको स्कूल में यह कहकर निकाल दिया गया था कि एडिसन मंदबुद्धि है | कदाचित उनके बहरेपन की वजह से यह सब किया गया था | हकीकत में किसी को भी निश्चित रूप से यह पता नही था कि एडिसन अपनी अधिकांश श्रवण क्षमता खो बैठे थे | यद्यपि इस विषय में एक कहानी बतायी जाती है कि बचपन में स्कॉटलेट ज्वर से पीड़ित होने के पश्चात एडसिन की श्रवण क्षमता कम होने लगी थी |


        1869 ई. में एडिसन ने अपने सर्वप्रथम आविष्कार "विद्युत् मतदानगणक" को पेटेंट कराया। नौकरी छोड़कर प्रयोगशाला में आविष्कार करने का निश्चय कर निर्धन एडिसन ने अदम्य आत्मविश्वास का परिचय दिया। 1870-76 ई. के बीच एडिसन ने अनेक आविष्कार किए। एक ही तार पर चार, छह, संदेश अलग अलग भेजने की विधि खोजी, स्टाक एक्सचेंज के लिए तार छापने की स्वचालित मशीन को सुधारा, तथा बेल टेलीफोन यंत्र का विकास किया। उन्होंने 1875 ई. में "सायंटिफ़िक अमेरिकन" में "ईथरीय बल" पर खोजपूर्ण लेख प्रकाशित किया; 1878 ई. में फोनोग्राफ मशीन पेटेंट कराई जिसकी २०10 ई. में अनेक सुधारों के बाद वर्तमान रूप मिला।


        सन 1862 की बात हैं जब इन्होने अपनी जान पर खेलकर स्टेशन मास्टर के बच्चे को एक रेल दुर्घटना मे मरने से बचाया। एडीसन के इस कारनामे से स्टेशन मास्टर बहुत प्रसन्न हुआ। उसके पास धन के रूप मे तो कुछ देने को था नही, लेकिन उसने एडीसन को टेलिग्राफ सिखाने का वचन दिया। एडीसन ने इस व्यक्ति से टेलिग्राफ सीखी और सन 1868 मे उन्होने अपना टेलिग्राफ पर पहला पेटेंट कराया। उसी वर्ष उन्होने वोट रेकॉर्ड करने की मशीन का अविष्कार किया।


        एडिसन ने विद्युत प्रकाश के अलावा सिनेमा, टेलीफोन, रिकॉर्ड और सीडी का सृजन किया और योगदान दिया था। उनके समस्त अविष्कार आज किसी न किसी रूप में उपयोग में है। एडीसन के शोधो के आधार पर ही बाद मे रेमिँगटन टाइप रायटर विकसित किया गया। इन्होने एक विद्युत से चलने वाला पेन भी खोजा, जो बाद मे मिमोग्रफ के रूप मे विकसित हुआ। सन् 1889 मे उन्होने चलचित्र कैमरा भी विकसित किया।


        एडिसन की टेलीग्राफिक थ्योरी के आधार पर पर ही माइक्रोफोन (Microphone) और फैक्स मशीन (Fax Machine) जैसी वस्तुएं अस्तित्व में आईं. टेलीफोन के रिसीवर में प्रयोग होने वाला कार्बन माइक्रोफोन (Carbon Microphone) एडिसन का ही अविष्कार था जो पूरे सौ साल तक प्रयोग होता रहा. किंतु एडिसन का सबसे चर्चित अविष्कार निस्संदेह विद्युत बल्ब (Electric Bulb) है.


        पूरे दो साल की जीतोड़ मेहनत के बाद एडिसन ने ऐसा बल्ब बनाने में सफलता प्राप्त की जो सस्ता, टिकाऊ था और जिसका बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन किया जा सकता था.इस बल्ब में कार्बन फिलामेंट (Carbon Filament) का प्रयोग किया गया था. वर्तमान में टंगस्टन (Tungsten) का फिलामेंट प्रयोग होता है. X-Ray रेडिओग्राफ उतरने के लिए एडिसन ने फ्लोरोस्कोप (Fluoroscope) का अविष्कार किया. वर्तमान में यही तकनीक इस्तेमाल होती है.


        थॉमस एडिसन अपने अविष्कार करने के पीछे कभी कभी तोह खाना खाना भी भूल जाते थे,और कई दिनों तक लगातार अपने अविष्कार को पूरा करने के लिए लगे रहते थे.इन्होने अपने जीवन में 1000 से ज्यादा अविष्कार किये है,उदहारण के तोर पर-विधुत बल्ब इनका सबसे प्रमुख अविष्कार है,इसके आलावा इन्होने फोनोग्राफ,हारमोनिक टेलीग्राफ,कार्बोन माइक्रोफोन,काइनेतोग्राफ(पहला मूवी कैमरा) आदि का अविष्कार किया,जो हम सभी जानते है।


        ये एक महान इंसान है,इनके बारे में बताकर में उन लोगो को सीख देना चाहता हु जिसको दुनिया कमजोर बोलती है अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तोह जागिये ,उठिए और उन लोगो को दिखा दीजिये जो आपको कमजोर कहते है क्योकि आप थॉमस अडिसन तोह बन नहीं सकते लेकिन हो सकता है आपभी कुछ अच्छा logo को करके दिखा सके क्योकि इंसान तोह आप भी हो ,और आप से बढ़कर कोई नहीं ,याद रखिये आप परमात्मा की वह कृति हो जो सबसे महत्वपूर्ण है.



        (थॉमस अल्वा एडिसन) Primary School में पढ़ते थे। एक दिन घर आये और अपनी मां को एक कागज देकर कहा – “यह Teacher ने दिया है”, कागज पढ़ कर मां की आंखों में आंसू आ गए। Edison ने अपनी माँ से पूछा – “इसमें क्या लिखा है माँ?” आंसू पोंछकर मां ने कहा – “इसमें लिखा है कि आपका बेटा बहुत होशियार (Genius) है, हमारा School low level का है, और Teacher भी बहुत Trained नहीं है, इसलिए हम इसे नहीं पढा सकते। इसे अब आप स्वयं शिक्षा दें।” कई वर्षों बाद मां गुजर गई, तब तक Edison famous Scientist (प्रसिद्ध वैज्ञानिक) बन चुके थे और उन्होंने फोनोग्राफ और इलेक्ट्रिक बल्ब Electric Bulb जैसे कई महान अविष्कार कर लिए थे।


        एक दिन फुर्सत के क्षणों में वह अपने पुरानी यादगार वस्तुओं को देख रहे थे। तभी उन्होंने आलमारी के एक कोने में एक पुराना खत देखा और उत्सुकतावश उसे खोलकर देखा और पढा। यह वही खत था जो बचपन में एडिसन के शिक्षक (teacher) ने उन्हें दिया था। उसमें लिखा था आपका बच्चा mentally weak (बौद्धिक तौर पर काफी कमजोर) है उसे अब school ना भेजें। Edison कई घंटों तक रोते रहे और फिर अपनी diary में लिखा – “एक महान मां ने बौद्धिक तौर पर काफी कमजोर बच्चे को सदी का महान वैज्ञानिक बना दिया.


विचार :


• व्यस्त होने का मतलब हकीकत में हमेशा काम होना नहीं है.

• अगर हम हर वो चीज कर दें जो हम कर सकते है तो सचमुच हम खुद को आश्चर्यचकित कर देंगे.

• आविष्कार करने के लिए आपको एक अच्छी कल्पना और कूड़े के ढेर की जरूरत होती है.

• मुझे आप पूर्ण रूप से कोई संतुष्ट व्यक्ति दिखाइए और मैं आपको एक असफल व्यक्ति दिखा दूंगा.

• जीवन में असफल व्यक्तियों में कई वे लोग होते हैं जिन्हें इस बात का पता नहीं होता कि जब उन्होंने हार मानी तो उस समय वे सफलता के कितने करीब थे.

• आप जो भी हैं वो आपके काम में दिखेगा.

• हम किसी चीज के बारे में 1% के दस लाखवें हिस्से के बराबर भी नहीं जानते है.

• 5 प्रतिशत लोग सोचते हैं, 10 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि वे सोचते हैं और बाकी के 85 प्रतिशत लोग सोचने से ज्यादा मरना पसंद करते हैं.

• मुझे अपनी सबसे बड़ी ख़ुशी और अपना इनाम उस काम में मिल जाता है. जिसे पूरी दुनिया सफलता कहती है.

• मैं पहले यह पता करता हूँ कि दुनिया को क्या चाहिए. फिर मैं उसकी ओर कदम बढाता हूँ और उसका आविष्कार करने की कोशिश करता हूँ.

• हम बिजली को इतना सस्ता बना देंगे कि मोमबत्तियां केवल अमीर लोग जलाएंगे.

• लगभग हर व्यक्ति जो किसी विचार को विकसित करता है उस पर उस समय तक काम करता है जब तक वो असंभव न लगने लगे और तब वो निराश हो जाता है.