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सोनू निगम हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ. वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, आसामीज़, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं. इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कई हिंदी फिल्मों में काम भी किया है.
प्रारंभिक जीवन :
सोनू का जन्म एक कायस्थ परिवार में फरीदाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी गायकी का करियर 4 साल की उम्र में ही शुरू कर दिया था जब उन्होंने एक स्टेज पर आकर अपने पिता अगम निगम के साथ मोहम्मद रफी के गाने ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गाने को गाना शुरू कर दिया। उसके बाद से वे अपने पिता के साथ शादियों और पार्टियों में गाने लगे। 19 साल की उम्र में वे गायकी को अपना करियर बनाने के लिए अपने पिता के साथ मुंबई आ गए।
उन्होंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल गायक उस्ताद गंुलाम मुस्तफा खान से प्रशिक्षण लिया। अपने पिता के गाइडेंस में ही सोनू ने अपना कॅरियर आगे बढ़ाया| 12वीं तक दिल्ली में पढ़ने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई कॉरेस्पॉंडेंस से की| दिल्ली के बाद सोनू मुंबई आए, वो न सिर्फ मुंबई आये, बल्कि तमाम रुकावटों को पार करते हुए अपना अलग मुकाम भी बनाने की कोशिश की|
यहां भी उन्हें कड़े इम्तिहानों से गुजरना पड़ा| शुरुआत में सोनू निगम ने कई शो में हिस्सा लेकर अपनी गायकी का लोहा मनवाया| एक समय ऐसा भी आया जब सोनू निगम को बतौर कॉम्पिटिटिव किसी भी म्यूजिक शो में हिस्सा नहीं लेने दिया जाता था क्योंकि हर बार वही जीतते थे| उसके बाद सोनू निगम को बतौर जज या गेस्ट बुलाया जाने लगा|
सोनू निगम चार साल की उम्र से गाते आ रहे हैं। उन्होने सबसे पहले अपने पिताजी के साथ मंच पर मोहम्मद रफ़ी का गीत 'क्या हुआ तेरा वादा' गाया था। तभी से शादियों और पार्टियों में वे अपने पिताजी के साथ गाने लगे। कुछ और बड़े होने पर वे संगीत प्रतियोगितओं में भाग लेने लगे। १९ वर्ष कि आयु में गायन को अपना व्यवसाय बनाने के लिए वे अपने पिताजी के साथ मुम्बई आ गए। उन्होने शास्त्रीय गायक उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा ख़ान से शिक्षा ली।
शुरु के कुछ साल सोनू को अपना नाम बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होने मुख्य रूप से टी-सीरीज़ की रफ़ी की यादें नामक एल्बमों के लिए मोहम्म्द रफ़ी के गाने गाना शुरु किया। टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार ने उन्हें ज़्यादा लोगों तक पहुँचने का अवसर दिया। पार्श्व गायक के रूप में सोनू ने अपना पहला गीत फ़िल्म 'जनम' के लिए गाया, जो कि कभी औपचारिक तौर पर रिलीज़ नहीं हुआ। तभी उन्होने रेडियो पर विज्ञापन बनाना शुरु किया और साथ-साथ १९९५ में ज़ी टी. वी. के प्रसिद्ध कार्यक्रम सा रे गा मा का संचालन शुरु किया।
1995 में वे पापुलर टीवी शो सा रे गा मा पा होस्ट करने लगे। इसके बाद, उन्होंनेे फिल्म बेवफा सनम का गाना ‘अच्छा सिला दिया’ गाया। उन्होंनेे फिल्म बाॅर्डर में अनु मलिक द्वारा कम्पोज किए गए सांग ‘सन्देसे आते हैं’ को भी गाया जो कि काफी हिट हुआ और लोगों की जुबान पर चढ़ गया। वहीं फिल्म परदेस में ‘ये दिल’ गाने ने भी लोगों का दिल जीता। 1999 में टी सीरीज ने निगम का अल्बम दीवाना रिलीज किया, इसका संगीत साजिद वाजिद ने दिया था।
सोनू ने हिन्दी की कई अन्य फिल्मों में भी गाने गाए और कई पुरस्कार जीतें। उन्हें फिल्म कल हो ना हो के टाइटल सांग और फिल्म अग्निपथ के गाने ‘अभी मुझमें कही’ के लिए काफी सराहना मिली। उन्होंने रोमांटिक, राॅक, सैड, देशभक्ति जैसी हर तरह की शैलियों के गाने गाए है। उनकी पहली मुख्य सफलता 1995 में ‘बॉर्डर’ फ़िल्म के गीत ‘संदेशे आते हैं’ के रूप में सामने आई. 1999 में उनकी पहली एल्बम ‘दीवाना’ आई, यह एल्बम भारत की सबसे सफल एल्बम में से एक है.
उन्होने नदीम-श्रवण द्वारा संगीत-निर्देशित ‘परदेस’ फ़िल्म का गीत ‘ये दिल दीवाना’ गाया. सोनू भारतीय संगीत जगत में एक प्रमुख हस्ती बन चुके हैं. उन्होने कई फिल्मों में पार्श्वगायन किया है और कई पुरस्कार भी जीते हैं. हर तरह के गीत गाने के साथ-साथ उन्होने अनेक भाषाओं में गाने गाए हैं, जैसे कि कन्नड़, आसामी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेज़ी, भोजपुरी, उर्दू, नेपाली, छत्तीसगढ़ी, मलयालम और मराठी. वह कई रियलिटी शो में बतौर जज की भूमिका निभा चुके है. सोनू कई फिल्मों में अभिनय भी कर चुके हैं.
सोनू निगम ने कई एलबमों में काम किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने कई भक्ति गीत भी गाए हैं। उन्हें ज्यादातर मोहम्मद रफी के गीतों के लिए जाना जाता है। उन्होंने सितंबर 2007 में 6 डिस्क संग्रह किया जिसमें उनके लगभग 100 हिट गीत शामिल है। पिछले वर्षो में सोनू निगम ने अपना संगीत प्रदर्शन संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन के साथ-साथ कई देशों में स्टेज शो कर चुके है। अप्रैल 2008 में उन्होंने भारत के विभिन्न शहरों का दौरा कर मैराथन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए।
आज सोनू निगम बॉलिवुड के सबसे डिमांडिग सिंगर हैं| उनका हर गाना सक्सेस की गारंटी होता है| पर उन्होने भी कभी आम आदमी की ही तरह शुरुआत की थी| बॉलीवुड की राह इतनी आसान नहीं, जितनी कि यह बाहर से नज़र आती है। सोनू को यह बात समझने में देर नहीं लगी। 1991 में मुंबई आने से पहले वो कई सिंगिंग कम्पेटीशन्स जीत चुके थे।
कई लोगों ने उसकी आवाज को सराहा था। कईयों ने बेहतर भविष्य की कामना भी की थी। लेकिन, मुंबई पहुंचने के बाद सोनू का पता चला कि यहां कोई किसी का पलकें बिछाकर इंतजार नहीं करता। यहां की दुनिया उनकी दुनिया से अलग है। मुंबई में फरीदाबाद और दिल्ली से अलग अपनी रफ्तार है।
कुछ समय की परेशानियों के बाद सोनू को काम मिला। सोनू का पहला गाना गुलशन कुमार की फिल्म 'आजा मेरी जान' के लिए सोनू ने बतौर प्लेबैक सिंगर अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया पर, बदकिस्मती से यह फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हुई और इसके बाद सोनू को एक बेहतरीन मौका मिला, टी-सीरीज के लिए एलबम रिकॉर्ड करने का| इस तरह सोनू निगन ने “रफ़ी की यादें” से अपने कॅरियर की शुरुआत की| लोगों को आवाज़ पसंद आई। पर, जिसने भी सुना उसे ये रफी का क्लोन लगा। बेशक, मोहम्मद रफी सोनू की पसंदीदा गायक थे। सोनू उन्हें बेहद पसंद भी करते थे।
इस हक़ीकत का भी उन्हें अंदाजा था कि अगर बॉलीवुड में टिकना है तो अपनी अलग पहचान बनानी होगी। यहां किसी की नकल बनकर लंबे समय तक अपने पैर जमाए रखना आसान नहीं| बॉलीवुड के मशहूर सिंगरों में शामिल सिंगर सोनू निगम जो कि अपनी दिलकश आवाज से सभी को अपना दीवाना बना चुके है. देखा जाए तो आज लाखो दिलो को अपनी सिंगिंग का दीवाना बनाने वाले सोनू निगम को कौन नहीं जानता है.
42 साल के हो चुके हैं सोनू निगम ने अपने एक बयान में कहा है कि आज संगीत जगत पूरी तरह से बदल गया है और उनके जैसे कलाकारों के पास सीमित विकल्प है. बता दे कि फ़रीदाबाद मे जन्मे सोनू को बचपन से ही सिंगिंग का शोक था| सात साल पहले मैंने रहमान को भी ऐसे ही एक गाने के लिए मना कर दिया था। मुझे ‘रोबोट’ का एक गाना पसंद नहीं आया तो मैंने इनकार कर दिया था। ऐसा ही हिमेश के गाने के साथ भी हुआ था। इसके बाद उन्होंने तो वो गाना नहीं बनाया लेकिन रहमान ने बनाया था।
सोनू निगम अपनी वर्सटैलिटी के लिए जाने जाते हैं। सोनू निगम मोहम्मद रफी को अपनी प्रेरणा मानते हैं और संगीत को जानने वाले कहते हैं कि सोनू की शैली रफी जैसी है। सोनू ने 12 भाषाओं में अलग- अलग जॉनर के कई हिट गाने गाए हैं। जन्मदिन के मौके पर आइए सुनते हैं सोनू निगम के 10 गाने जो लोकप्रिय रहे। सोनू कहते हैं, "मैंने करियर की शुरुआत में जरूर ऐसे कुछ गाने गाए जिनमें द्विअर्थी शब्द थे. लेकिन उस वक्त मेरे हाथों में कोई ताकत नहीं थे.
मैं इंडस्ट्री में नया-नया था. मुझे काम की तलाश थी. मैंने एक गाना गाया था, तेरा पांव भारी हो गया. गाने में खासे अश्लील शब्द थे. लेकिन अब मैं परिपक्व हो चुका हूं. एक गायक के तौर पर स्थापित हो चुका हूं. अब मैं ऐसे गाने मना कर सकता हूं. एक कलाकार को कई बार अपने आप पर अंकुश लगाना जरूरी हो जाता है." सोनू निगम ने बताया कि कुछ साल पहले हिमेश रेशमिया ने उन्हें एक गाने की रिकॉर्डिंग के लिए बुलाया लेकिन गाने के बोल उन्हें 'अश्लील' लगे तो उन्होंने गाना गाने से इनकार कर दिया. तब हिमेश ने उनसे कहा, "आपके इनकार ने मेरी भी हिम्मत बढ़ा दी और मैं भी अब इस गाने को रिकॉर्ड नहीं करूंगा."
सोनू निगम के 10 खूबसूरत गाने :
1. फिल्म 'अग्निपथ' का 'अभी मुझमें कहीं’
2. फिल्म 'बॉर्डर' के 'संदेशे आते हैं...' गाने के लिए सोनू निगम को 'बेस्ट प्लेबैक सिंगर'के कई अवॉर्ड मिले
3. फिल्म 'कल हो न हो' के टाइटल सॉन्ग के लिए सोनू निगम को फिल्मफेयर (2003), आइफा (2003), राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2004) समेत कई पु्रस्कार मिले।
4. वर्ष 1995 में आई फिल्म 'बेवफा सनम' के गाने 'अच्छा सिला दिया...' से सोनू निगम को फिल्म इंडस्ट्री में पहचान मिली।
5. जून 2005 में रिलीज हुई फिल्म 'पहेली' के 'धीरे जलना...' लिए सोनू निगम को बेस्ट प्ले बैक सिंगर का स्टार स्क्रीन अवॉर्ड दिया गया।
6. फिल्म 'दिल चाहता है' का 'तन्हाई...' गीत युवाओं में काफी पसंद किया गया। इस गाने के सोनू निगम को स्टार स्क्रीन अवॉर्ड (2001) दिया गया।
7. साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म 'साथिया' के टाइटल सॉन्ग के लिए सोनू निगम को साल 2002 में फिल्मफेयर, आइफा और जी सिने समेत 5 पुरस्कार मिले।
8. 1999 में आए सोनू निगम के 'दीवाना' एल्बम का 'अब मुझे रात दिन’
9. साल 2008 में आई आमिर खान की फिल्म 'गजनी' का 'है गुज़ारिश’
10. साल 2001 में आई फिल्म 'कभी खुशा कभी गम' के 'सूरज हुआ मध्धम...' गाने के लिए सोनू को 2001 में आईफा और ज़ी सिने अवॉर्ड दिए गए।
अवार्ड्स :
• 2013 – MTV म्यूजिक एंड विडियो अवार्ड.
• 2013 – बेस्ट मेल वोकलिस्ट फॉर अभी मुझमे कही.
• 2013 – लायंस गोल्ड अवार्ड फॉर अभी मुझमे कही.
• 2013 – जी सिने अवार्ड फॉर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर फॉर अभी मुझमे कही.
• 2013 – बिग स्टार एंटरटेनमेंट अवार्ड फॉर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर फॉर अभी मुझमे कही.
• 2013 – रॉयल स्टैग मिर्ची म्यूजिक अवार्ड फॉर बेस्ट मेल वोकलिस्ट फॉर अभी मुझमे कही.
• 2012 – लायंस गोल्ड अवार्ड फॉर फेवरेट एवरग्रीन सिंगर.
• 2012 – GIMA फॉर बेस्ट ग्लोबल इंडियन कोलाब्रेशन.
• 2011 – GIMA फॉर MTV यूथ आइकॉन.
• 2011 – गीतांजलि वोव्व अवार्ड फॉर लाइव पर्सनालिटी.
• 2010 – GIMA फॉर बेस्ट लाइव परफ़ॉर्मर मेल.
• 2010 – GIMA फॉर मोस्ट पॉपुलर सोंग आल इज वेल.
• 2010 – अमर रिश्ते अवार्ड फॉर जी आइकॉन.
• 2010 – बिग स्टार एंटरटेनमेंट अवार्ड फॉर सिंगर ऑफ़ डिकेड.
• 2009 – इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड फॉर बेस्ट मेल सिंगर.
• 2009 – फिल्म फयर अवार्ड.
• 2008 – एनुअल सेंट्रल यूरोपियन अवार्ड.
• 2008 – GBPA अवार्ड फॉर बेस्ट सिंगर.
• 2008 – फिल्म फेयर अवार्ड फॉर कन्नडा बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर.
• 2008 – इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड फॉर बेस्ट सिंगर मेल