Deoxa Indonesian Channels

lisensi

Advertisement

" />
, 13:28 WIB
अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

राजेश्वरी चटर्जी की जीवनी - Biography of Rajeshwari Chatterjee in hindi jivani

Advertisement



 

नाम : राजेश्वरी चटर्जी

जनम तिथी : 24 जनवरी 1922

ठिकाण : कर्नाटका, भारत

पति : सिसिरकुमार चटर्जी

व्यावसाय : प्रोफेसर, वैज्ञानिक


प्रारंभिक जीवनी :


        राजेश्वरी चटर्जी एक भारतीय वैज्ञानिक और आकदमीक थी | भारतीय विज्ञान संस्थान आयआयएससी बैंगलोर मे, वह इलेब्र्ट्रिकल कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर और अध्याक्ष भी रही है | राजेश्वरी का जनम 24 जनवरी 1922 मे भारत के कर्नाटक राजया मे हुआ था |उनके पीता का नाम BM&hirvaramajah है वह नानजिंगुड मे एक वकिल थे |


        राजेश्वरी ने सन 1953 मे आईआईएससी के संकाय सिसिर कुमार चटर्जी से शादी कि थी | उनकी एक बेटी है | इंदिरा चटर्जी जो अमेरिका के नेवाडा मे एक प्रोफेसर है | राजेश्वरी कि प्रारंभिक शिक्षा उनके दादी व्दारा स्थापित एक विशेष अंग्रेजी स्कूल मे हुई थी | उनहेांने सेंट्रल कॉलेज ऑफ बैंगलोर से गणित मे बीएससी ऑनर्स और एमएससी कि उपाधि प्रात्पा कि थी |


        उन्होंने अमेरिका के मिशिगन विश्वाविघ्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से अपनी मास्टार कि उपाधि प्रात्प कि है | उन्होंने वाशिंग्टन डी सी मे राष्ट्रीय मानक ब्यूरो मे रेडियो फिक्वेंसी माप के डिवीजन मे आठ महिने का व्यावहारिक प्रशिक्षण लिया था | उनहेाने सन 1953 मे प्रोफेसर विलियम गोल्ड डॉव के मार्गदर्शन मे पीएचडी कि उपाधि प्राप्त कि थी |


कार्य :


        राजेश्वरी ने अपने पीएचडी के बाद भारत मे आईआईएससी विदयूत संचार इंजिनियरींग विभाग मे एक संकाय सदस्या के रुप मे काम किया था | उन्हेांने एक प्रोफेसर के रुप मे विदयूत चुंम्बकीय सिध्दांत इलेक्ट्रॉन टयूब सर्किट माईक्रोवेव प्रौधोगिकी और रेडियो इंजिनियरिंग मे पढाया है | राजेश्वरी ने अपनी शादी के बाद अपने पती किमाइक्रेविव अनूसंधान प्रयोगशाला का निर्माण किया था | और माइक्रोविव इंजिनियरींग के क्षेंत्र मे शोध शुरु किया जो भारत मे पहला ऐसा शोध था |


उपलब्धि :


पूरस्कार और सम्मान :


1) राजेश्वरी को बीएससी ऑनर्स मे प्रथम रैंक के लिए मममदी कृष्णराज पेाडेयार पूरस्कार प्रात्प हुआ था |

2) राजेश्वरी को एमएससी मे प्रथम रैंक के लिए नारायण अयंगर पूरस्कार और वाल्टर्स मेमोरियल पूरस्कार मिला था |

3) राजेश्वरी को यु के से माऊटब्रेटन पूरस्कार प्राप्ता हुआ था |

4) राजेश्वरी को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए जेसी बोस मेमोरियल पूरस्कार प्रदान कीया गया था |


पुस्तके :


        राजेश्वरी ने 100 से अधिक शोध पत्र लीखे थे और सात पुस्तके लिखी थी |


1) 1988 मे प्रकाशित : अन्टेना थिअरी एंड प्रॅक्टीस|

2) 1985 : डायइलेक्ट्रीक एंड डायइलेक्ट्रीक लेडिड एन्टेनास|

3) 2003 एन्टेनासू फॉर इन्फॉर्मेशन सूपर स्कायवेझू ऍन एक्सपोझीशन ऑन आउटोर एंड|