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नाम : मंजू जैदका
जन्म : हरियाणा, भारत
पति : विक्रम जैदका
व्यावसाय : प्रोफेसर
प्रारंभिक जीवन :
मंजू जैदका चंदीगढ के पंजाबी विश्वाविदयालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर है | उन्हें एक अग्रणी भारतीय आकदमिक माना जाता है | मंजू जैदका का जन्म हरियाणा के करनाल जिले के हाथवाला गाव मे सन 1953 मे हुआ था | बचपन मे उनकी पढाई अंबाला के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कुल मे हुअी| उसके बाद वह सिंकदराबाद चली गई |
वहाँ उन्होने सेंट एनीज से हाई स्कूल पूरा किया | सरकार के कॉलेज फॉर विमेन चंदीगढ मे उन्होंने स्त्रातक की पढाई की | और स्त्राकोत्तार डॉ.क्टरेट की उपाधि पंजाबी विश्वाविदयालय के अंग्रजी विभाग से प्राप्ता की | उनकी शादी विक्रम जैदका के साथ हुई है | ओर उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा था | किन्तु उनका बेटा राघव 1977 मे हुआ था पर नवबंर 2014 मे वे मर गया |
कार्य :
मंजू जैदका बीसवी शताब्दी की अंग्रजी और अमेरिकी कविता भारत मे अमेरिकी अध्यायन और विश्वासाहित्या मे उनके योगदान के लिए जानी जाती है | मंजू क्षेत्र मे मानक ग्रंथो के रुप मे मानी जानेवाली महत्वापूर्ण पुस्ताकेा की लेखिका है | वह अपने शिक्षण कार्य को अपना सबसे महत्वापूर्ण कार्य मानती है | जैदका चंदीगढ साहित्या अकादमी की अध्याक्षा के रुप मे कार्यरीत है | इस क्षमता मे उन्होने चंदीगढ मे साहित्या और संस्कृति को बढावा देने की दिक्षा मे एक जबरदस्ता योगदान दिया है |
मंजू जैदका को 1981 मे सल्विया प्लाय की कविता पर अपने डॉक्टरेल शोध प्रबंध लिखा था | तब से कई पोस्टडॉक्टरेट अनुसंधान परियोजनाओं के कार्य मे लगी हुई है | उन्हेांने बीसवी सदी के ब्रिटीश और अमेरिकी कविता, डायस्पोरिक राइटिंग फ्रॉम इंडिया नैरटिल एंड नैरोटोलॅाजी और कंटम्परेरी वर्ल्ड लिटरेचर पर काम किया है| इतना ही नही बल्की उन्होने एम फिल की देखरेख करने का कार्य भी कीया है छात्रवृत्ति के आदान प्रदान के लिए समान विचारधारा वाले शिक्षाविंदो के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का निर्माण करना यह उनका मुख्या कार्य है | जिसे वो पहले दो दशकों से सफलतापूर्वक कर रही है |
भारत मे एक प्रमूख शैक्षणिक संगठन की स्थापना के लिए उन्हे मुख्या रुप से क्षेत्र दिया जाता है | यह संगठन अमेरिका स्थित एमईएलयुएस, द सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ द मल्टी एथनिक लिटरेचर ऑफ द अमेरिका के इंडिया चेप्टार मे शुरु हुआ | अब वह मैलो मे विस्तारीत हुआ है |
उपलब्धि :
पुस्तक :
1) सन 2011 मे मंजू व्दारा लिखित पूस्ताक स्कॅनडल पॉईट यह प्रकाशित हुआ
2) टी एस इलीओटस युज ऑफ पॉपुलर सोअर्सेस यह मंलूव्दारा लिखित पुस्ताक सन 1997 मे प्रकाशि हुआ था |
3) स्पॉटस ऑफ टाईम आ नोवेल यह पूस्ताक 2013 मे प्रकाशित हुआ |
4) सन 1995 मे उन्होंने Tiresis of other masks इंग्लीश & अमेरिकनन पोइट्री अक्टार द वेस्टा लॅन्डा यह पुस्ताक प्रकाशित किया |
5) लीटरेचर, सोसाइटी एंड पोलीटीक्सा सलेक्टेड एसेस प्रझेंनटेड ॲट द 15 कॉनफरन्सा हेल्डा सन फेब्रूवरी 2016 यह पूस्ताक 21 फेबरी 2017 को प्रकाशित हुआ था |
पूरस्कार और सम्मान :
सन 1991 मार्च मे उन्हे ऑलिवआई रेडिक को इंडियन एसोसिएशन फॉर अमेरिकन स्टडीज अवार्ड बॉम्बे के वार्षिक सम्मेलन मे प्रस्तुत सर्वश्रेष्ठ साहितया पत्र के लिए दिया गया |
1) सन 1994 मे उन्हे विश्वाविदयालय अनुदान आयोग पाठया पूस्ताक पूरस्कार से सम्मानित किया गया |
2) सन 2016 मे उन्हे चंदीगढ साहित्या अकादमी से साहित्या के लिए लाइफटाइम योगदान के लिए पूरस्कार मिला |
3) सन 2015 मे न्यूयॉर्क विश्वाविदयालय मे जैदका को विजिटिंग प्रोफेसरशिप मिली |
4) मार्च अप्रैल 2008 को, जैदका को सिमोन डी बेपॉयर इंस्टीटयूट फॉर फेमिनिस्टा स्टडीज कॉनकॉर्डिया यूनीवर्सिटी मॉन्ट्रियल कनाडा व्दारा लिलियन रॉबिन्सान फैलोशिप से सम्मानित किया गया | मंजू जैदका भारत और विदेश मे कई सम्मेलनों मे आमंत्रित प्लेनरी मुख्या वक्ता रहे है |