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नाम : मंगला नार्लीकर
जन्म : 1946
ठिकाण : मंगला राजवाडे, मुंबई
पति : जयंत नार्लीकर
व्यावसाय : गणितज्ञ
प्रारंभिक जीवन :
मंगला नार्लीकर भारतीय गणितज्ञ थी | मंगला नार्लीकर ने उन्न्त गणित और सरल अंकगणित दोनो मे काम किया और पढाया है | नार्लीकर ने बॉम्बे विश्वाविदयालय से अध्यायन किया है | सन 1962 मे उन्हेांने बी ए मैथ्स की डिग्री प्राप्ता कि थी | सन 1964 मे एम ए मैथ्स करते हुए उन्हे प्रथम रैंक के साथ चांसबर का स्वर्ण पदक भी प्राप्ता हुआ था सन 1966 मे उन्होंने विवाह किया है |
उनका विवाह उस समय के प्रसिध्दा ब्रम्हांड विज्ञानी और भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर से हुआ | गीत, गिरिजा और लीलावती यह उनकी तीन बेटीयाँ है | यह तीनोंने भी विज्ञान के क्षेत्र मे ही करियर किया है | उनकी बेटी गीता कैलिफोर्निया विश्वाविदयालय, सैन फ्रॉसिस्को मे जैव रसायन की ए प्रोफेसर है और दोन बेटियॉ कंम्यूटर विज्ञान मे है | मंगला नार्लीक को रियल और कॉम्लेक्सा एनालिसिस एनालिटिक जयोमेट्री नंबर थ्योरी बीजगणित और टोपोलॉजी मे मुख्या रुप से रुचि थी |
कार्य :
मंगली नार्लीकर ने सन 1964 से 1966 तक टाटा ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के स्कूल ऑफ मैथमेटिक्सा मे रिसर्च स्टूडेंट और रिसर्च एसोसिएट के रुप मे काम किया है | मंगला ने 1967 से 1969 तक कैम्ब्रिज विश्वाविदयालय के स्त्रातक विघालय मे पढाया है |
सन 1974 से 1980 तक उन्होंने TIFR के गणित के स्कुल मे काम किया है | मंगला नार्लीकर ने अपने शादी के 16 सालके बाद बॉम्बे विश्वाविदयालय से गणित मे पी एच डी प्राप्ता की थी | उन्होंने सन 1981 मे विश्लेषणात्माक संख्या सिध्दांत के विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्ता कि थी | उसके बाद वे 1982 से 1985 तक स्कुल ऑफ मैथेमॅटिक्सा मे पूल अधिकारी के रुप मे TIFR के साथ भी कार्य किया है |
उन्होने बॉम्बे विश्वाविदयालय मे गणित विभगा मे एम फिल वर्ग को अध्यायन करने का कार्य भी किया है |
मंगला ने सन 1989 से 2002 तक पूणे विश्वाविदयालय के गणित मे अंतराल पर भी पढाया है | इतना ही नही बल्की उन्होने सन 2006 से 2010 तक भास्काराचार्य प्रतिष्ठित केंद्रा मे एम एससी छात्रों को भी पढाने का कार्य किया है |
उपलब्धि :
पूरस्कार और सम्मान :
1) नार्वीकर मुंबई मे टाटा इंन्सीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च TIFR मे काम करने का अवसर मिला |
2) नर्वीकर को अपनी मराठी पूस्ताक के लिए विश्वानाथ पार्वती गोखले पूरस्कार 2002 प्राप्ता हुआ है
3) 1964 मे एम ए मैथ्स मे प्रथम रैंक के साथ उन्हे चांसलर का स्वर्ण पदक मिला था |
पूस्तक ग्रंथ :
1) नार्लीकर ने कई वैज्ञानिक पत्र और पुस्ताकें प्रकाशित की है
2) मराठी स्कूली बच्चे के लिए उन्होंने सन 1 जुलै 2014 को गणित गप्पा पुस्ताक प्रकाशित किया |
3) सन 2000 मे उनके पती जयंत नार्वीकर के साथ उन्होने अ कॉस्मीक ॲडव्हॅचर पुस्ताक प्रकाशिीत किया था |
4) 1 जानेवारी 2017 मे उन्होंने गोष्टी गणिताशी मराठी पुस्ताक प्रकाशित किया |
5) नभात हसरे तारे यह मराठी पूस्ताक भी नार्लीकर लिखित है |
6) पाहीलेले देश भेटलेली मानस यह मराठी पूस्ताक 1 जानेवारी 2019 को नार्लीकर ने प्रसिध्दा किया है |