Advertisement
नाम : गारिकपाति नरहरि शास्त्री
जनम तिथी : 1966
ठिकाण : आंध्रप्रदेश, भारत
व्यावसाय : रसायनतज्ञ
प्रारंभिक जीवनी :
गारिफपति नरहरी शास्त्री का जनम 1966 को आंध्रप्रदेश राजया मे हुआ था | उन्होंने बीएससी और उस्मानिया विश्वाविदयालय से रसायन विज्ञान मे एमएससी कि पढाई पूरी कि थी | उन्हें हैदराबाद विश्वविदयालय से पीएचडी से सम्मानित किया गया था |
उन्होंने दिसंबर 1997 मे रसायन विज्ञान विभाग, पॉन्डिचेरी विश्वाविदयालय मे शामिल होने से पहले स्विटजरलैंड टौर इजराइल मे अपना पोस्ट डॉक्टरल काम किया था | वह 2002 मे आयाआयसीटी चले गए थे |
कार्य :
गारिकपति नरहरि शास्त्री एक भारतीय रसायनता है | उन्होंने 19 फरवरी 2019 को SIR-NORTH EAST INSTITUTE OF SCIENCE AND TECHNOLOGY, जोरहाट, आसाम के निदेशक के रुप मे कार्यभार संभाला है | वह हैदराबाद मे भारतीय रासायनिक प्रौघोगिकी संस्थान मे आणविक मॉडलिंग प्रभाग के प्रमूख है |
शास्त्री ने कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान और कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान के क्षेत्रों मे अग्रणी योगदान दिया है | उन्होंने 21 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्श्ंन किया है | 275 से अधिक पत्र प्रकाशित किए है | वर्तमान मे 12 सदस्या है |
जीएन शास्त्री का विज्ञान के लिए प्रमूख अनूसंधान योगदान 1) स्वदेशी का विकास दवा कि खोज के लिए सॉफटेवयर 2) अवधारण मे मौलिक योगदान गैर-सहसंयोजक बातचीत के सहकारी वह कुछ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के नियमित समीक्षक है |
और कृछ पत्रिकाओं के संपादकिय बोर्ड के अध्याक्ष है | उन्होंने आणविक मॉडलिंग और कंम्प्यूटर एडेड ड्रग डिजाइन पर शोध मे प्रकाश डाला था | वह आयएमएस जापान मे वजिटिंग प्रोफेसर थे |
पूरस्कार और सम्मान :
1) विज्ञान और प्रौघोगिकी विभाग, नई दिल्ली के जे सी बोस नेशनल फेलोशिनप के प्राप्ता कर्ता 2015|
2) विज्ञान और प्रौघोगिकी के लिए शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित 2011|
3) रसायन विज्ञान के लिए बीएम बिडला वैज्ञानिक पूरस्कार 2001|
4) अलेक्लेंडर वॉन हम्बोल्डट फैलोशिप से सम्मानित |
5) स्वर्णजयंती फैलोशिप 2005|
6) कैरियर विकास 2009 के लिए राष्ट्रीय जीव विज्ञान पूरस्कार से सम्मनित|
7) सीआरएसआई पदक 2010 से सम्मानित|
पूस्तके :
1) एलुवथिंगल डी जेमिस : थीयोरेटिकल केमिस्ट्री अकाउंटस थ्योरिटिकल केमिस्ट्री मे मूख्या बाते