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नाम : एवलिन मैरी
जन्म दि : 20 मार्च 1943
ठिकाण : भारत
व्यावसाय : समुद्री जीवविज्ञानी
प्रारंभिक जिवनी :
एकलिन मैरी का जन्म 20 मार्च 1943 कों भारत मे हुआ था | एवलिन मैरी ने अपनी पीएचडी मराठवाडा विश्वाविदयालय, औरंगाबाद से समुद्री जीवविज्ञान मे उपाधि प्राप्ता की थी | उन्होंने ओसबोर्न लेबोरेटरीज न्यूयॉर्क जूलॉजिकल सोसायटी और डयूक यूनिवर्सिटी मरीन लेबोरेटरीज ब्यूफोर्ट नॉर्थ कैरोलिना मे डॉक्टरेट के बाद का काम पूरा किया था | 1988 मे, वह अपना स्वातंत्र अनुसंधान समुह स्थापीत करने के लिए भारत लौट आई थी |
उसका अनुसंधान क्षेत्र बार्नाकल का जीव विज्ञान है | उसकी विशिष्टा रुचि प्राकृतिक स्त्रोंतों से वैकल्पिक यौगिकों के साथ समुद्र के वातावरण को प्राभावित करने वाले विषैले रसायनों के प्रतिस्थापन मे है | जो अन्या समूद्री जीवों पर विषाक्ता प्रभाव के बिना समान कार्यात्माक गुण हो सकते है |
कार्य :
सिस्टर एवलिन मैरी एक समुद्री जीवविज्ञानी है | और एक रोमन कैथोलिक नन है | जो मैरी के मैरी ऑफ सोरोस सर्वेटस ऑफ द मदर द कंग्रेशन से सबंधित है | वह सैक्रेड हार्ट मरीन रिसर्च सेंटर SHMRC तुतीकोरीन निदेशक है | एवलिन मैरी सेंट मैरी कॉलेज तुतीकोरीन मे महिलाओं की उच्चा शिक्षा के लिए कैथोलिक संस्था की प्रमूख थी |
1991 मे, उन्होंने समुद्री अनुसंधान और संरक्षण के उद्रदेश के लिए एक स्वातंत्र और लाभकारी संगठन के रुप मे सेक्रेड हार्ट मरीन रिसर्च सेंटर SHMRC की स्थापना की थी | वह वर्तमान मे संस्थान के निदेशक है | जो यू स आधारित अनुसंधान और विकास कंपनी पोसिडॉन ओशन साइंसेज इंक से संबध्दा है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) कैम्ब्रिज में अतर्राष्ट्रीय जीवनी अनुसंधान केंद्र व्दारा उसे 20 वी शताब्दी के 2000 उत्कूष्टा वैज्ञानिकों मे से एक नामित किया गया था|
2) 1999 मे , अमेरिकी जीवनी संस्थान ने उन्हे वुमन ऑफ द ईयर 1998 चुना था
3) 2002 मे उन्हें नई दिल्ली मे भारत के राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी NESA व्दारा वर्षे के 14 वैज्ञानिकों मे से एक के रुप मे मान्याता दी गई थी | उन्हें कलकत्ता मे पूरस्कार मिला था |
4) जनवरी 2003 मे, वह जागूति किरण फाउंडेशन के 2003 नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय पूरस्कार के 12 पूरस्कारों मे से एक थी|