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नाम : डेवेडर एस. मलिक
जन्म तिथी : 14 अगस्ता 1958 आयू 61 वर्षे
ठिकाण :
व्यावसाय : प्रोफेसर, गणितज्ञ
प्रारंभिक जीवनी :
मलिका का जन्म 14 अगस्ता 1958 को हुआ था | मलिक ने भारत के नई दिल्ली विश्वाविघ्यालय मे भाग लिया था | और गणित मे स्त्रातक और मास्टार डिग्री हासिल कि थी | उन्होंने अपने उच्च अंको के लिए 1980 मे प्रोफेसर राम बिहारी स्वर्ण पदक जीता था |फिर कॅनडा के औंटारियो मे वाटरलू विश्वाविघ्यालय मे उन्हेाने शुध्दा गणित मे स्त्रातकोत्तर कि उपाधि प्राप्ता कि थी |
संयुक्त राजया अमेरिका मे मलिक ओहियो विश्वाविघ्यालय गए थे | उन्होने कंप्यूटर विज्ञान मे एमएस किया था और पीएचडी कि डिग्री हासिल कि थी | 1985 मे गणित मे ए स्टडी ऑफ क्यू हाइपर साहक्लिक रिंग्सा पर उनका शोध प्रबंध है |
कार्य :
डेवेडर मलिक एक भारतीय अमेरीकि गणितज्ञ है | और क्रेयटन विश्वाविघ्यालय मे गणित और कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर है | 1985 मे मलिक, क्रेयटन विश्वाविघ्यालय मे संकाय मे शामिल हुए, गणित विभाग मे अध्यायन करने के लिए 2013 मे वह फ्रेडरिक एचके पहले धारक बने और गणित मे अन्ना के शेहरर एंडगार्ड चेअर थे |
उनके शोध मे रिंग थ्योरी अमूर्त बहजगणित, सूचना विज्ञान, और फजी गणित पर ध्यान केंद्रीत किया गया है | जिसमे फजी ऑटामोटा सिध्दांत फजी लौजिक और अन्या विषयो मे फजी सेट सिध्दांत के अनुप्रयोग शामिल है |
शैक्षणिक समुदाय मे, मलिक अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी और फी कप्पा कि के सदस्या रहे है | उनके समूदाय के भीतर एक सह कार्यक्रम बनाया गया था | जिसमे संकाय क्षेत्र के हाई स्कूल के छात्रों को वैज्ञानिक शेध करने, अपने स्वयं के छा9 पत्रिका मे प्रकाशित होने मे मदद करने है |
मलिक ने 45 से अधिक पत्र और 48 पूस्तके प्रकाशित कि है | उन्होने पाठयापूस्ताकेां कि एक कंम्यूटर साइंस लाइन बनाई है जिसमे व्यापक और संपूर्ण प्रोगा्रमिंग उदाहरण अभ्यास और केस स्टडीज जैसे प्रोग्रामिक भाषाओं का उपयोग करके सी++ और जावा शामिल है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) उन्होने उच्चा अंको के लिए 1980 मे प्रोफेसर रामबिहारी स्वर्ण पदक जीता था |
पूस्तके :
उन्होने जो किताबे लिखी है , उनमे शामिल है :
1) सी++ प्रोग्रामिंग प्रॉब्लम एनालिसिस से प्रोग्राम डिजाइन 2002|