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नाम : देवव्रत बसू
जन्म तिथी : 5 जुलाई 1924
ठिकाण : बंगाल
व्यावसाय : सांख्यिकिविद
मृत्यू : 24 मार्च 2001
प्रारंभिक जीवनी :
देवव्रत बसू का जन्म 5 जुलाई 1924 को बंगाल जो अब ढाका है, मे हुआ था | उनके पिता, एनएम बसू, गणितज्ञ थे, जो संख्या सिध्दांत के विशेषज्ञ थे | युवा बसू ने डेक्का विश्वाविदयालय मे गणित का अध्यायन किया था | उन्होने गणित मे अंडर ग्रेजूएट ऑनर्स प्रोग्राम के एक भाग के रुप मे सांख्यिकि मे एक कोर्स किया था | लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा एक शुध्दा गणितज्ञ बनने कि थी | डक्का यूनविर्सिटी से अपनी मास्टार डिग्री प्रापता करने के बाद, बसू ने 1994 तक कहां पढाया था |
उन्हेांने 1952 मे कल्याणी रे से शादी कि और बाद मे उनके दो बच्चे हुए, मोनीमाला मोनी बसू और शांतनू बसू | मोनी फलोरिडा विश्वाविदयालय मे पत्रकारिता के प्रोफेसर है | और पूर्व सीएनएन रिपोर्टर और शंतनू पश्चिमी ओन्टेरियो विश्वाविध्यालय मे एक खगोल भौतिकीविदू है |
कार्य :
देवव्रत बसू एक भारतीय सांख्यिकिविदू थे | जिन्हेांने सांख्यिकि कि निव मे मौलिक योगदान दिया था | बसू ने सरल उदाहरणों का अविष्कार किया, जो संभावना : आधारित अकडो और लगातार आंकडो कि कुछ कठिनाइयों केा प्रदर्शित करता है | सर्वेक्षण के नमुने के विकास मे बसू के विरोधाभास विशेषरु से महत्वापूर्ण थे | सांख्यिकिय सिध्दांत मे, बसू के प्रमेय मे एक पूर्ण पर्याप्ता सांख्यिकिय और सहायक सांख्यिकिय की स्वतंत्रता स्थापित कि थी |
भारतीय सांख्यिकि संस्थान और दुनिया भर के विभिन्न विश्वाविदयालयों मे पढाया था | वह संयुक्त राजया अमेरिका चले गए और 1975 से 1990 तक फलोरिडा स्टैट यूनिवर्सिटी मे सांख्यिकि पढाया जब उनहे एक एमिरेटस प्रोफेसर बनाया गया था | उन्होंने छह पीएचडी छात्रों की देखरेख कि है | 1999 मे उन्हें अमेरिकन स्टैटिस्टिकल एसोसिएश्ंन का फेलो चुना गया था |
पूस्तके :
बासू के मुख्या लेखों को बसू डी 1988 मे उनकी टिपपाणियों के साथ पुनर्मुद्रित किया गया है |
1) सांख्यिकिय जानकारी और संभावना 1980|
2) आलोचनात्माक निबंधों का संग्रह |
3) प्रायोगिक डेटा का रैंडमाइजेशन विश्लेषण्: फशर रैंडमाइजेशन टैस्टा |