Advertisement
नाम : देबाशीष मुखर्जी
जन्म तिथी : 17 दिसंबर 1946
ठिकाण : नैहाटी, पश्चिम बंगाल
व्यावसाय : रसायन शास्त्री
प्रारंभिक जीवनी :
देबाशीष मुखर्जी का जन्म 17 दिसंबर 1946 मे पश्चिम बंगाल के नैहाटी मे हुआ था | उनहेाने रसायन विज्ञान मे ऑनर्स के साथ विज्ञान स्त्रातक, प्रेसीउेंसी कॉलेज कोलकत्ता से किया था | एक स्त्रातक के रुप मे उन्होंने परिचय परिक्षा मे सर्वोच्चा अंक प्रापता करने के लिए कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज का छात्र था |
उन्होंने रसायन विज्ञान मे मास्टार्स कलकत्ता विश्वाविघ्यालय से डिग्री प्रापता कि थी | रसायन विज्ञान मे पीएचडी, कलकत्ता विश्वाविदयालय मे उन्हेांने मिहिर चौधरी,एक अच्छे स्पेक्ट्रोस्कोपिस्टा और एक प्रेरणादायक शिक्षक कि देखरेख मे पीएचडी का काम शुरु किया था | उन्होंने कलकत्ता विश्वाविदयालय से पीएचडी कि उपाधि प्रापता कि थी |
कार्य :
देबाशीष मुखर्जी एक सैध्दांतिक रसायनशास्त्री है | जो आणविक कई शरीर सिध्दांत सैध्दांतिक स्पेक्ट्रोस्कोपी परिमिती तापमन गैर अनुदारक कई शरी सिध्दांतों के क्षेत्र मे अपने शोध के लिए जाने जात है | मुखर्जी इलेक्ट्रॉनिक संरचना के लिए कई निकाय विधियों के एक वर्ग को विकसित करने और लागू करने वाले पहले व्याकित रहे है | जो अब मे मानक कार्य कर रहे है |
मुखर्जी ने सामानया रुप से उर्सेल मेयर क्लस्टार विस्तार के सामान्यीकरण का उपयोग करके संदर्भ कार्यो के संयोजन से शुरु करके दृढता से सहसंबध्दा प्रणालियों के लिए एक इलेक्ट्रॉन सहसंबंध सिध्दांत तैयार किया है | सामान्यीकृत विक के प्रमेय से एक महत्वापूर्ण स्पिन ऑफ सामान्यीकृत विक के सामन्यीकृत विक प्रमेय से शुरु होने वाले ऐसे तरीके विकसति किए है |
देभाशीष मुखर्जी वर्तमान मे इंडियन ऐसासिएशन ऑफ द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, कोलकत्ता मे रमन सेंटर फॉर एटॉमिक मॉलिक्यूलर एंड ऑपिटकल साइंसेज मे प्रोफेसर एमेरिटस है | वह 1985 मे प्रोफेसर के पद से उठे और विभाग प्रमूख के रुप मे कार्य किया था | उन्हेांने 1999 से 2008 तक आयएसीएस के निदेशक के रुप कार्य किया है | हव आयएसीएस से 2010 मे अध्याक्ष के रुप मे सेवानिवृत्ता हुए थे |
पुरस्कार और सम्मान :
1) मुखर्जी इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ व्कांटम मॉलिक्यूलर साइंस के साथी है |
2) वह प्रतिष्ठित हम्बोल्ट पूरस्कार से सम्मानित
3) जिन्हे भारत के पहले सैध्दांतिक रसायनता ने यह गौरव पूरा किया था |
4) उनहे अमेरिकन इंस्टीटयूट ऑफ केमिस्ट्री का केमिकल पायनियर अवार्ड भी मिला है |
5) 1987 मे इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज कि फैलोशिप
6) 1991 मे इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी से सम्मानित किया गया था
7) उनहें सैध्दांतिक रसायन विज्ञान मे उनके उत्कृष्ठा दान के लिए प्रतिष्ठित फुकूई पदक से सम्मानित किया गया है |
8) जगदीश शंकर मेमोरियल अवार्ड और इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी से रसायन विज्ञान मे साधू बसू मेमोरियल अवार्ड और वैज्ञनिक और औघोगिक अनुसंधान परिषद भारत मे शांतिस्वरुप भटनागर पूरस्कार शामिल है |
पूस्तके :
1) ओपन रोल सहसंबंध समस्या मे कलस्टार विस्तार विधियों का उपयोग 1989|
2) बहू निर्धारक राजया क्रम क्रं संबंध सामन्या आदेश और एक विकार जैसी कमी प्रमेय 1997|
3) डी मुखर्जी और पीके रसायन 1979|
4) एम आकार संगत राजया विशिष्ठा बहूप्रतिष्ठित युग्मित क्लस्टार सिध्दांत औपचारिकविकास और आणविक अनुप्रयोग 1999|