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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

चिदंबर चंद्रशेखरन की जीवनी - Biography of Chidambar Chandrashekharan in hindi jivani

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नाम : चिदंबर चंद्रशेखरन

जन्म दि : 1911

ठिकाण : नागपूर

व्यावसाय : सांख्यिकिविद

मृत्यू : 2000


प्रारंभिक जीवनी :


        चिदंबर चंद्रशेखरन का जन्म 1911 को नागपूर जिल्हे मे हुआ था | उन्होने मोरिस कॉलेज नागपूर से बीएससी किडिग्री प्राप्ता कि थी | इसके बाद एमएससी कि नागपूर विश्वाविघ्यालय से डिग्री हासिल कि थी | और 1938 मे यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से सांख्यिकि मे पीएचडी कि डिग्री हासिल कि थी |


        उन्हें 1947 मे जॉन्सा हॉपकिन्सा सकूल ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ से एमपीएच कि डिग्री भी प्रदान कि गई थी | वह दो नोबे पूरस्कार विजेताओं से संबंधित से सीवीरमन उनके चाचा थे और सुब्रहमण्यान चंद्रशेखर उनके चचेरे भाई थे |


कार्य :


        चिदंबर चंद्रेशखरन को भारतीय जनसांख्यिकि और सांख्यिकिविदू के रुप मे जाना जाता था | वह भारत , ब्रिटेन और अमेरिका मे शिखित थे | उन्होंने विभिन्ना क्षमताओं मे संयुक्ता राष्ट्र और विश्वाबैंक के लिए काम किया था | उन्हें जनसंख्या के वैज्ञानिक अध्यायन आययुएसएसपी के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ के अध्याक्ष के रुप मे चुना गया था | और 1969: 73 तक इस पद रहे है |


        उन्होने विभिन्ना भारतीय विश्वाविदयालयों मे अकादमिक पद संभाला था | 1941 और 1954 तक ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ मे बायोस्टैटिस्टिक्सा के प्रोफेसर थे | इसके बाद 1959: 64 तक जनसांख्यिकि प्रशिक्षण और केंद्र मुंबई जिसे बाद मे अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या संस्थान का नाम दिया गया के निदेशक के रुप मे एक कार्यकाल के बाद शुरु हुआ था |


        जनसांख्यिकि के क्षेत्र मे उनके सबसे महत्वापूर्ण योगदानों मे दो अलगअलग प्रणालियों के परिणमों कि तुलना करके महत्वापूर्ण घटनाओ कि संख्या का अनुमान लगाने कि तकनीक विकसित करना था | इस तकनीक को आमतौर पर चंद्रा डेमिंग सूत्र दोहरी रिकॉर्ड प्रणाली के रुप मे भी जाना जाता है | के रुप मे जाना जाता है इसे पहली बार 1949 मे एंक लेख मे जन्म और मृत्यू दर और पंजीकरण सीमा का आकलन करने के तरीके पर प्रस्तावित किया गया था |


        जन्म और मृत्यू दर का अनुमान लगाने के लिए इस पध्दति के विभिन्ना सुधार और अनूकूलन अब आमतौंर पर भारत सहित विकासशील देशों मे उपयोग किए जाते है | चंद्रशेखर ने संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार व्दारा वित्ता पोषित मैसूर जनसंख्या अध्यायन के प्रमूख अन्वेषक थे | जो एक विकासशील देश मे और गर्भनिरोधक उपयोग सहित प्रजनन संबंधी जानकारी के लिए इस तरह के डेटा का उपयोग किया जा सकता है |


        प्रजनन निर्धारकों का विश्लेषण मे उन्हेाने भारत के परसियों के जनसंख्या परिवर्तन और बंगाली महिलाओं के प्रजनन कि भी जाँच कि थी | चंद्रेशखरन भारत मे परिवार नियेजन नितियों के सक्रीय प्रवर्तक थे | और कम से कम बारएक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु को जनसांख्यिकिय संक्रमण मे सलाह दि थी |


पूस्तके :


1) द लाइफ एंड वकर्स् ऑफ द डेमोग्राफर : एन ऑटोबायोग्राफी 1999|