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कलाकार

चार्ली चैप्लिन जीवनी - Biography of Charlie Chaplin in Hindi Jivani

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प्रारंभिक जीवन :


        चार्ली चैप्लिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को लंदन में हुआ था। माँ हैना चैप्लिन और पिता चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन, सीनियर म्युजिक हॉल में गाते और अभिनय करते थे। शुरुवात के तीन वर्षों को छोङकर चार्ली का बचपन बहुत ही मुश्किलों से गुजरा था। एक बार जब माँ गाना गा रही थी तभी उसकी आवाज बंद हो गई वो स्टेज पर गाना न गा सकी। बाहर बैठे दर्शक जोर-जोर चिल्लाने लगे, ऐसे में मैनेजर ने लगभग पाँच साल के चार्ली को स्टेज पर खाङा कर दिया। इस प्रकार पहली बार चार्ली दर्शकों से मुखातिब हुआ।


        उसने अपनी भोली आवाज में माँ के गाने की नकल की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा और स्टेज पर सिक्कों की बारिश होने लगी। यही चार्ली की पहली कमाई थी। शायद तभी चार्ली के बाल मन ने हास्य के उस सिद्धान्त को गढ लिया था कि असल में जो बातें दुःख का कारण होती हैं वो नाट्य या फिल्म में हास्य का कारण बनती हैं। यही वजह है कि आगे चलकर चार्ली की फिल्मों में दुःख, दरिद्रता, अकेलापन तथा बेरोजगारी का चित्रण किया गया है। माता-पिता के अलग हो जाने से चार्ली का बचपन बहुत मुश्किलों में गुजरा।


        गरीबी और बदहाली की वजह से चार्ली को अपनी माँ और भाई के साथ यतीमखाने में भी रहना पङा था। माँ के पागल हो जाने की वजह से उसे एंव उसके भाई को कोर्ट के आदेशानुसार पिता चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन के साथ रहना पङा, जहाँ उसे सौतीली माँ की प्रताङना भी सहनी पङी। जब पागलखाने से माँ ठीक होकर वापस आई तो जीवन में माँ के लौटने से खुशियाँ वापस आने लगी थी।


        चैप्लिन के पिता, चार्ल्स चैप्लिन सीनियर, एक शराबी थे और अपने बेटे के साथ उनका कम संपर्क रहा, हालांकि चैप्लिन और उनका सौतेला भाई कुछ समय के लिए अपने पिता और उनकी उपपत्नी लुईस के साथ 287 केंन्निगटन रोड में रहे हैं, जहां एक पट्टिका अब इस तथ्य की स्मृति है | उनका सौतेला भाई वहाँ रहता था जब उनकी मानसिक रूप से बीमार माँ कॉउल्सडॉन में केन हिल अस्पताल में रहती थी। चैप्लिन के पिता की उपपत्नी ने उसे आर्कबिशप मंदिर लड़कों के स्कूल में भेजा था। शराब पीने की वजह से 1901 में उनके पिता की मृत्यु हो गई.


        सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे। चैप्लिन, सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक होने के अलावा अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य तक एक महत्वपूर्ण फिल्म निर्माता, संगीतकार और संगीतज्ञ थे। चैप्लिन, मूक फिल्म युग के सबसे रचनात्मक और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे जिन्होंने अपनी फिल्मों में अभिनय, निर्देशन, पटकथा, निर्माण और अंततः संगीत दिया.


        मनोरंजन के कार्य में उनके जीवन के 75 वर्ष बीते, विक्टोरियन मंच और यूनाइटेड किंगडम के संगीत कक्ष में एक शिशु कलाकार से लेकर 88 वर्ष की आयु में लगभग उनकी मृत्यु तक। उनकी उच्च-स्तरीय सार्वजनिक और निजी जिंदगी में अतिप्रशंसा और विवाद दोनों सम्मिलित हैं। 1919 में मेरी पिकफोर्ड, डगलस फेयरबैंक्स और डी.डब्ल्यू.ग्रिफ़िथ के साथ चैप्लिन ने यूनाइटेङ आर्टिस्टस की सह-स्थापना की।


        चैप्लिन: अ लाइफ (2008) किताब की समीक्षा में, मार्टिन सिएफ्फ़ ने लिखा की: "चैप्लिन सिर्फ 'बड़े' ही नहीं थे, वे विराट् थे। 1915 में, वे एक युद्ध प्रभावित विश्व में हास्य, हँसी और राहत का उपहार लाए जब यह प्रथम विश्व युद्ध के बाद बिखर रहा था। अगले 25 वर्षों में, महामंदी और हिटलर के उत्कर्ष के दौरान, वह अपना काम करते रहे। वह सबसे बड़े थे। यह संदिग्ध है की किसी व्यक्ति ने कभी भी इतने सारे मनुष्यों को इससे अधिक मनोरंजन, सुख और राहत दी हो जब उनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।


        जब वे 12 साल के हुए, तब उन्हें एक लेजिटिमेट (legitimate) मंच के कार्यक्रम में नाटक प्रस्तुत करने का मौका मिला, और “शर्लाक होल्म्स” में विलियम जिल्लेट के सहयोग में पेज बॉय “बिल्ली” के रूप में उपस्थित हुए. इसके पश्चात सन 1908 में चार्ली ने वौडेविल्ले कंपनी (Vaudeville) में हास्य कलाकार के रूप में कैरियर की शुरुआत की, जिससे आखिरकार उन्हें सन 1910 में यूनाइटेड स्टेट्स की “फ्रेड कार्नो रेपेर्टिरे कंपनी” के साथ प्रधान अभिनेता बना दिया गया.


        सन 1914 में चार्ली चैपलिन ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की. सेंनेट फिल्मों में दुसरे अभिनेताओं को खुद से अलग करने के लिए, चैपलिन ने एक विशेष तरह के चरित्र में काम करने का फैसला किया. तब ट्रम्प करके चलने वाला छोटा बच्चा पैदा हुआ. जनता को उनका यह अभिनय बहुत पसंद आया. अगले एक साल में चैपलिन 35 फिल्मों में दिखाई दिए, इनमें एक लाइनअप की ‘टिल्लिस पंक्चर्ड रोमांस’ फ़िल्म भी शामिल है, यह फ़िल्म पूरी हास्य फ़िल्म थी.


        इस कॉन्ट्रैक्ट को ख़तम करने के बाद चैपलिन सन 1915 में “इस्सानय कंपनी” में काम करने लगे, जहाँ उन्हेंने 1250 $ पर सप्ताह स्वीकार किये. इस कम्पनी के साथ चैपलिन ने 14 फिल्में की. चैपलिन के किरदार को प्रत्याशित नायक के रूप में स्थापित किया है. जब वह किसान की बेटी को लुटेरों से बचाता है, आम तौर इनकी यह पहली क्लासिक फ़िल्म थी.

     

        चार्ली के जीवन में एक ऐसा दौरा भी आया जब वह सभाओं-गोष्ठियों में वामपंथी पक्ष लेते हुए दिखता था। प्रेस ने चार्ली पर रूसी एंजेंट होने का आरोप मढा। चार्ली के जीवन में दस सालों का एक ऐसा कालखंड रहा, जिसमें अमेरिकी सरकार और मिडिया हमेशा चार्ली के लिये आफत का कारण रही। चार्ली की फिल्म लाइमलाइट 1952 में रिलीज हुई लेकिन उसे अमेरीका में प्रतिबंधित कर दिया गया।


        अमेरिका से चार्ली को बहुत लगाव था इसिलिये वह अपने वतन इंग्लैंड से भी दूर गया किन्तु अमेरिका की बेरुखी ने उसे अंदर तक हिला दिया था। उसकी पत्नी ऊना ओनिल ने भी अमेरिका की नागरिकता को छोङ दिया और चार्ली के साथ लंदन चली आई परंतु वहाँ सही घर न मिलने की वजह से वे लोग स्विट्जर लैंड में जाकर रहने लगे। यहीं पर चार्ली की मुलाकातजवाहरलाल नेहरु और इंदिरा गाँधी से हुई थी। उस समय नेहरु जी भारत के प्रधानमंत्री थे।

        

        चार्ली को जीवन में अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। 1929 में अकादमी मानद पुरस्कार द सर्कस के लिये दिया गया। 1972 में लाइफ टाइम अकादमी पुरस्कार से अलंकृत किया गया। 1952 में सर्वोत्तम ओरिजनल म्युजिक स्कोर पुरस्कार लाइमलाइट के लिये प्राप्त हुआ। 1940 में द ग्रेट डिक्टेटर में किये अभिनय के लिये सर्वोत्तम अभिनेता पुरस्कार, न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक सर्कल अवार्ड से सम्मानित किया गया। 1972 में करिअर गोल्डन लायन लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


        चार्ली की प्रसिद्धी का आलम ये है कि, वर्ष 1995 में ऑस्कर अवार्ड के दौरान द गार्जियन अखबार ने एक सर्वेक्षण करके ये जानना चाहा कि फिल्म समिक्षकों और दर्शकों का सबसे पसंदीदा हीरो कौन है, तो सर्वे रिपोर्ट देखकर आश्चर्य हुआ कि, चार्ली की मृत्यु के दो दशक बाद भी चार्ली अधिकतर लोगों के पसंदीदा हीरो थे। ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि चार्ली आज भी लगभग सभी के दिलों में बसते हैं, उनके अभिनय से आज की पीढी भी आंनदित होती है। आज भी कई कलाकार उनके अभिनय की नकल करते हैं।


विचार :


• मैं हमेशा बरसात में घूमना पसंद करता हूं, ताकि कोई मुझे रोते हुए ना देख सके।

• हंसी के बिना बिताया हुआ दिन, बर्बाद किया हुआ दिन हैं।

• यदि आप केवल मुस्कुराएंगे तो आप पाएंगे कि जीवन अभी भी मूल्यवान हैं।

• असल में हंसी का कारण वही चीज़ बनती है जो कभी आपके दुख का कारण होती हैं।

• बिना कुछ किए, सिर्फ कल्पना करने का कोई मतलब नही हैं।

• सबसे दुखद जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूं वो है विलासता का आदी होना।

• किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है. जब वो नशे में होता हैं।

• ज़िंदगी करीब से देखने में एक त्रासदी है और दूर से देखने में कॉमेडी।

• मैं पैसों के लिए बिजनेस में गया, और वहीं से कला पैदा हुई. यदि इस टिप्पणी से लोगों का मोह भंग होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता. यही सच हैं।

• शीशा मेरा सबसे अच्छा मित्र है क्योंकि जब मै रोता हूं तो वह कभी नहीं हँसता।

• दुष्ट दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, हमारी मुसीबतें भी नहीं।

• मेरा दर्द किसी के हंसने का कारण हो सकता है पर मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द कारण नहीं होनी चाहिए।

• अपने अहम के प्रकाश में हम सब सम्राट है।

• ज़िन्दगी में एक बार अपने बारे में अवश्य सोचे अन्यथा आप संसार की सबसे बड़ी कॉमेडी मिस कर सकते है।

• हम सोचते बहुत हैं और महसूस बहुत कम करते हैं।

• असफलता महत्त्वहीन है। अपना मजाक बनाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है।

• इंसानों की नफरत ख़तम हो जाएगी, तानाशाह मर जायेंगे, और जो शक्ति उन्होंने लोगों से छीनी वो लोगों के पास वापस चली जायेगी। और जब तक लोग मरते रहेंगे, स्वतंत्रता कभी ख़त्म नहीं होगी।

• मुझे कैरेक्टर के बारे में कुछ पता नहीं था। लेकिन जैसे ही मैं तैयार हुआ, कपडे और मे-कप मुझे उस व्यक्ति की तरह महसूस कराने लगे। मैं उसे जानने लगा, और स्टेज पे जाते-जाते वो पूरी तरह से पैदा हो गया।

• मेरी सभी फिल्मे मुश्किल में पड़ने की योजना के इर्द- गिर्द बनती हैं , इसलिए मुझे गंभीरता से एक सामान्य सज्जन व्यक्ति दिखने का मौका देतीं हैं।

• मैं एक गरीब राजा की तुलना में जल्द ही एक सफल धूर्त कहलाना चाहूँगा।