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नाम : चंदन दासगुप्ता
जन्म दि : 1951
ठिकाण : कलकत्ता, पश्चिम बंगाल
व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी
प्रारंभिक जीवनी :
चंदन दास गुप्ता का जन्म 1951 को पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता शहर मे हुआ था | चंदन दास गुप्ता ने 1971 मे प्रेसिडेंसी कॉलेज, कलकत्ता विश्वाविदयालय से बीएससी कि डिग्री हासिल कि थी | 1973 मे दिलली विश्वाविदयालय से एमएससी कि उपाधि प्राप्ता कि थी |
उन्हेाने प्रोफेसर एबी हैरिस कि देखरेख मे अमेरिका के पेसिल्वेनिया विश्वाविदयालय मे डॉक्टरेट का शोध किया और भौतिक मे पीएचडी कि डिग्री हासिल कि थी | 1978 मे उन्हेांने कैलिफोर्निया विश्वाविघ्यालय सैन डिएगो मे शांग केंग मा और बर्ट्रेड हैल्परिन के साा हार्वर्ड विश्वाविघ्यालय मे डॉक्टरेट अनुसंधान किया था|
कार्य :
एक भारतीय सैध्दांतिक भौतिक विज्ञानी है | जो सबंधित पदार्थ भौतिकी और सांख्यिकिय भौतिकी मे उनके योगदान के लिए जाने जाते है | वह वर्तमान मे भारतीय विज्ञान संसथान बैंगलोर मे प्रोफेसर है वह भारतीय विज्ञान संस्थान मे स्त्रातक का्र्यक्रम के पूर्व डीन थे |
विश्वाविदयालय के भौतिकी और खगोल विज्ञान मे एक संकाय सदस्या के रुप मे काम किया था |कुछ वर्षो के लिए मिनेसोटा के वह 1987 मे भारतीय विज्ञान संस्थान मे शामिल हुए थे | जहाँ वर्तमान मे, वह प्रोफेसर है | प्रोफेसर दासगुप्ता ने 1998 मे भारतीय विज्ञान संस्थान मे पदार्थ सिध्दांत के केंद्र कि स्थापना मे एक प्रमूख भूमिका थी |
और केद्र 1998: 2005 के संयोजक के रुप मे कार्य किया था | वह जवाहरलाल नेहरु सेंटर फॉर एडवांस्डा सांइटिफीक रिसर्च के मानद प्रोफेसर है| वह प्रोफेसरशिप लेते है |
प्रोफेसर चंदन दास गुप्ता के विशेषज्ञता का क्षेत्र सांख्यिकिय यांत्रिकि पर जोद देने के साथ सैध्दांतिक सबंनित पदार्थ भौतिकी है|
1) सूपरकूल तरल और कांच संक्रमण|
2) सूपरकंडक्टिविटी और सुपरफलूइडिटी|
3) नोकिलीब्रियम सिस्टाम कि गतिशिलता|
4) नैनोस्केन मे भौतिकी|
पूरस्कार और सम्मान :
1) विश्वाविघ्यालय अनुदान आयोग व्दारा चंदन दासगुप्ता को 2006 मे भौतिक विज्ञान मे अनुसंधान के लिए सर सी वी रमन पुरस्कार से सम्मानति किया गया था |
2) उन्हें द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक साथी के रुप मे चुना गया था |
3) उन्हे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी व्दारा 2011 मे द सत्येंद्रनाथ बोस मेडल से सम्मानित किया गया था |
4) वार्नर टुटसच मेमोरियल प्राईज 1974|
5) अल्फ्रेड पी स्लोन फाउंडेशन कि फैलोशिप 1984: 87|
6) डीएई राजा रमन्ना पूरस्कार से सम्मानित 1999|
7) विकासशील दुनिया के लिए विज्ञान अकादमी के साथी TWAS 2007|