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अन्यवैज्ञानिकSCIENTIST

अवधेश सुरोलिया की जीवनी - Biography of Avadhesha Surolia in hindi jivani

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नाम : अवधेश सुरोलिया

जन्म तिथी : 3 डिसंबर 1947

ठिकाण : किशनगड, राजस्थान

व्यवसाय : ग्लाइकोबोलॉनिस्टा


प्रारंभिक जिवनी :


        अवधेश सुरोनिया का जन्म 3 दिसंबर 1947 को किशनगढ राजस्थान मे हुआ था | सुरोलिया ने 1970 मे जोधपूर विश्वाविदयालय से रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान मे स्त्रातक की उपाधि प्राप्ता कि थी | उन्होंने 1972 मे महाराज सयाजीराव विश्वाविदयाल, बडौदा से बायोकेमेस्ट्रि मे मास्टार डिग्री प्राप्ता की थी | उन्होंने मद्रास विश्वाविदयालय से प्रोफेसर बी के बच्चावत के मार्गदर्शन मे पी एच डी पूरी की थी | 1976 मे मद्रास विश्वाविदयालय व्दारा 1978 मे उन्हें डी एस सी डिग्री प्रदान की गई थी | 


        डॉक्टारेट की पढाई के बाद वे 1977 तक 1981 एक वैज्ञानिक के रुप मे कलकत्ता, भारत के इंडियन इंर्स्टीटयूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी IICB मे शामिल हुए थे | उन्होंने आगे 1986 तक IICB मे आणविक बायोफिजिक्सा यूनिट MBU मे शामिल हो गए थे| चिकित्सा और विज्ञान मे उनके योगदान के लिए उन्हें 2013 मे व्कीन यूनिवर्सिटी, बेलफास्टा यूके व्दारा मानद डी एस सी डिग्री प्रदान की गई थी |


कार्य :


        अवधेश युरोलिया भारतीय विज्ञान संस्थान IISV बैंगलोर मे ग्लाइकोबोलॉजिस्टा है | वर्तमान मे वह आगविक जैव भौतिकी इकाई MBU IISC के मानद प्रोफेसर है | उन्हें लेक्टिन संरचना और इंटरैक्शन सेल सरफेस कार्बोहाइड्रैट रिसेप्टर्स और प्रोटीन फोल्डिंग, डायबिटिज एंटी महोरियत्सा और एंटी कैंसर एजेंटस जैसे करक्यूमिन फलोवोनोइडस इत्यादी न्यूरोपैथिक दर्द के आधार पर अपने काम के लिए जाना जाता है | विकारों और प्रतिरक्षा और जुनूनी बाध्याकारी विकार के बीच की कडी उनके वर्तमान हित के क्षेत्र है |


        सूरोलिया ने लेपोसोन्सा का उपयोग कर लेक्टिन ग्लाइकोलिपिड इंटरेक्शन पर अध्यायन के माध्याम से जैविक रिसेप्टर्स के रुप मे ग्लाइकोस्फिगोलिपिडस की भूमिका को स्पष्टा किया है | उन्होंने उपन्यास ग्लड ग्रूप और टयूमर एंटीजन विशिष्ट व्याख्यानों और प्रोटीन चीनी मान्यता के ऊर्जावान और तंत्र को खत्मा करने की दिशा मे मूल योगदान दिया है | उन्होंने कैंसर के संभावित चिकित्सीय के रुप मे एक रोडानिन, बी सी एफ एम टी विकसीत किया है | प्रणलुकस्टा ने माइकोबैक्टीरीया टयूबरकुलोसिस के पूर्व वैज्ञानिक मॉडल मे उल्लेखनीय दक्षता का प्रदर्शन किया था | मधूमेह मेलेटस के लंबे समय तक चलने वाले उपचार के लिए इंसुलिन सुप्रामोलॉजिकल इंसुलिन असेंबली II SIA:II का एक उपन्यास रुप विकसीत किया है |


        प्रोटीन – चीनी के अलावा उनका शोध न्यूरोपैथिक दर्द, न्यूरोडीजेनेरेटीव विकारों और प्रतिरक्षा और जुनूननी बाहयकारी विकार के बीच संबंध पर भी केंद्रीत है | कर्क्यूमिन और इसके डिजाइन किए गए एनालॉग्सा को इन बीमारियों और कैंसर के लिए प्रायोगिक चिकित्सा विज्ञान के रुप मे विकसीत कियाजा रहा है | उनके पास लगभग 19 राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पेटेंट है | यूरोलिया ने उच्चा प्रभाव कारक की सहकर्मी की समीक्षा की पत्रिकाओं मे लगभग 360 वैाज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए है | उनके पास 41 का एच इंडेक्स है | और उनके प्रकाशनों को 5000 से अधिक बार उदधूत किया गया है | सुरोलिया इसके सदस्या है | 


        थर्ड वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज TWAS ट्रएस्टे, इटली और इंटरनेशनल मॉलिक्यूलर साइकोजॉजिस्ट नेटवर्क है | वह देश के सभी विज्ञान अकादमियों के साथी है | राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और भारतीय विज्ञान अकादमी वह बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज, हयूमन फ्रंटियर साइंटिफिक प्रोग्राम HFSPस्ट्रासवर्ग के सदस्या थे | अंतर्राष्ट्रीय ग्लाईकोकोनजुगेट संगठन के एकमात्र भारतीय सदस्या है| वह मैसाचुसेटस इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड और युनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, यूएसए मे बिजिटिंग साइंटिस्टा रह चूके है | 


        उन्होंने जैव प्रौघोगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौघोगिकी विभाग और सीएसआईआर भारत के कई अध्यायन वर्गा की अध्यक्षता की है | वे वर्तमान मे सी एस आई आर भारत के भटनागर फैलो है |डी एस टी भारत मानद प्रोफेसर भारतीय विज्ञान संस्थान के जैसी बोस फेलो और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ बायेाकैमिस्ट्री एंड मॉलिक्यूलर साइकोलॉजी आईयूबीएम बी के सदस्या कार्यकारी समितिके सदस्या थे | वह IUBMB:PLOS ONE के संपादक सलाहकार बोर्ड मे है | उन्होंने 1998 से 2001 तक भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की कार्यवाही के संपादक के रुप मे कार्य किया है | वह प्रोसिडिंग्सा ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया और इंडियन जर्नल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संपादकीय बोर्ड के सदस्या है |


पूरस्कार और सम्मान :


1) जवाहरलाल नेहरु जन्म शताब्दी व्याख्यान 2008

2) बी बच्छावत मेमोरियल अवार्ड 2007

3) जेसीबी फेलोशिप 2006

4) डॉ. बी. आर आंबेडकर शताब्दी पुरस्कार बायोमेडिकल रिसर्च 2003 मे उत्कृष्टाता के लिए गोयल पूरस्कार

5) जीवन विज्ञान 2002

6) जीव विज्ञान मे TWAS पूरस्कार 2001

7) प्रोफेसर जी एन रामचंद्रन 60 वां जन्मदिन समारोह मेडल 2000

8) पूर्व छात्र पुरस्कार IISC, 1999

9) रैनवैक्सी साइंस फाउंडेशन बेसिक मेडिकल साइंसेज पुरस्कार 1995

10) श्री ओम प्रकाश भसीन अवार्ड बायोटेक्नोलॉजी 1993

11) जैव विज्ञान मे उत्कृष्टा शोध के लिए फिक्की पूरस्कार 1993

12) डब्ल्यूएच स्टिलमार्क पूरस्कार मानद उपाधि व्याख्यान के लिए उत्कृष्टा शोध योगदान के लिए 1990

13) जैविक विज्ञान मे उत्कृष्टा अनुसंधान के लिए एस एस भटनागर पूरस्कार

14) आई एन एस ए युवा वैज्ञानिक पदक 1916