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नाम : असोक कुमार बरुआ
जन्म दि : 01 जुलाई 1936
ठिकाण : कोलकाता, पश्चिम बंगाल
व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी
प्रारंभिक जीवनी :
असोक कुमार बरुआ का जन्म 1 जुलाई 1936 को भारत के पश्चिम बंगाल राजया के कोलकता मे हुआ था | उन्होने अपनी स्कूली शिक्षा हरे स्कूल से की और भौतिक मे स्त्रातक की उपाधि प्रेजिडेंसी कॉलेज, कोलकता से प्राप्ता की थी | उनकी मास्टर्स की पढाई कोलकता विश्वाविदयाल 1956 मे हुई थी | जिसके बाद उन्होने 1960 मे अपनी पीएचडी हासिल की थी |
प्रोफेसर एसएन श्रीवास्ताव के मार्गदर्शन मे इंडियन एसोसिासन ऑफ द कल्टिवेशन ऑफ साइंस IACS से की थी | संयुक्ता राजया अमेरिका मे डॉक्टरेट के बाद के शोध को पूरा करने बाद, उन्होने 1964 मे IACS से जुडकर अपना करियर शुरु किया है | जहाँ वे 1991 मे प्रोफेसर बने | 1992 मे एक निर्देशक और तक वहाँ काम किया है |
कार्य :
असोफ कुमार बरुआ एक भारतीय संघनित भौतिक विज्ञानी और भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौघोगिकी संस्थान, शिबपूर के मानद एमेरिटस प्रोफेसर है | जो प्रकाशिकी और ऑप्टोइलेकट्रॉनिक मे अनुसंधान किया है | और उत्पादन तकनीक और उपकरण सहित अनाकार सिलिकॉन ए सी सौर कोशिकाओं और मॉडयूल के स्वदेशी विकास का श्रेय दिया गया है | उन्हेांने यह भी जाना जाता है | कि विमान कैनोपियों और के रडार अपारदर्शी कोटिंग के लिए एक प्रक्रिया विकसित की है | उनके शोध को 300 से अधिक वैज्ञानिक पत्रों के माध्याम से प्रलेखित किया गया है | जो अंतरराष्ट्रीय कद के साथीयों की समीक्षा की गई है | उन्हेांने अपने डॉक्टरल शोध मे कई छात्रों का उल्लेख भी किया है |
2010 से भारतीय अभियोत्रिकी विज्ञान औ प्रौघोगिकी संस्थान, शिबपूर एक मानद प्रेाफेसर थे | बरुआ भारतीय विज्ञान अकादमी, बैंगलोर और पश्चिम बंगाल विज्ञान और प्रौघोगिकी अकादमी के एक निर्वाचित साथी है | उन्होंने सौर फोटोवोल्टिक पर जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत नवीन सौर नवीकरणीय ऊर्जा मत्रालय की अनुसंधान और विकास समिति की अध्याक्षता की है |
वह विज्ञान और प्रौधोगिकी विभाग व्दारा स्थापित सौर अनुसंधान पहल पर टास्का फोर्स के सदस्या रहे है | उन्होने अपने सदस्या के रुप मे एशिया पैसिफक एकेडमी ऑफ मैटरियल्सा की सेवा की है | छठे अंतर्राष्ट्रीय फोटोवोल्टिक विज्ञान और इंजीनियरिंग सम्मेलन के अध्याक्षता के रुप मे रहे है | बिडला इंडस्ट्रियल एंड टैक्नोलॉलिकल म्यूजियम निदेशक के रुप मे एचएचबी सेंटर फॉर एडवांस्डा फोटो वोल्टिक टैक्नोलॉजीक जी जुडे है |
पूरस्कार और सम्मान :
1) बरुआ को 2002 मे मैटेरियल्सा रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया की और से प्रतिष्ठित साम्रगी वैज्ञानिक का पूरस्कार मिला
2) भारत सरकार ने उन्हे 2003 मे पदमश्री के नागरिक पूरस्कार से सम्मानित किया |
3) सोलार एनर्जी सोसाइटी ऑफ इंडिया के फोटोवोल्टाइक एंड इंजिनियरिंग कॉन्फ्रेंस अवार्ड से सम्मानित
4) मटेरियल रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिरूा के आईसीएससी मैटेरियल्सा साइंस पुरस्कार के प्राप्ताकर्ता भी है|