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नाम : अपर्णा दत्ता गुप्ता
जन्म दि : 11 मई 1953
ठिकाण :
व्यावसाय : वैज्ञानिक प्रोफेसर
प्रारंभिक जीवनी :
अपर्णा दत्ता गुप्ता का जन्म 11 मई 1953 को हुआ था | उन्होंने बनारस हिंदू विश्वाविदयालय से स्त्रातक, परस्त्रातक और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्ता कि थी | उसने बीड संख्या मे स्त्रातकोत्त्र छात्रों को प्रशिक्षित किया है | और 25 से अधिक पीएचडी छात्रों का उल्लेख किया गया है |
कार्य :
अपर्णा दत्ता गुप्ता एक भारतीय वैज्ञानिक और प्रोफेसर है | वह पशू जीव विज्ञान विभाग स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज, हैदाराबाद विश्वाविदयालय मे पढाती है | उनका शोध प्राणी विज्ञान, विकासात्माक जीव विज्ञान और एंडोक्रिनोलॉजी पर है | उसने कीट शरीर विज्ञान के क्षेत्र मे अनुसंधान किया है | जेा कीटों और उनके नियंत्रण पर ध्यान केंद्रीत कर रहा है | उनके उपन्यास योगदान मे शामिल है | जो कि कीट वसा शरीर हेक्सामेरिन जीन को व्याक्ता करता है | और व्याक्त् प्रोटीन पुरुष सहायक ग्रथियों सहित विभिन्न् ऊतकों व्दारा अनुक्रमित होते है | और प्रजनन मे भूमिका निभाते है |
वह एक फुलब्राइट स्कॉलर और विजिटिंग साइंटिस्टा, बायोलॉजी विभाग मार्केट यूनिवर्सिटी मिल्वौकी, यूएसए 1984-1985 तक थि | वह सेंटर फॉर बायोटेक्टनोलॉजी 2003-2006 की समन्वायक थी | और हैदराबाद विश्वाविदयालय मे पशु विज्ञान विभाग 2003-2007 के प्रमूख के रुप मे भी काम किया है | वह कीट जीव विज्ञान के क्षेत्र मे एक उत्कृष्टा शिक्षक और प्रसिध्दा शोधकर्ता है | और उन्होंने हैदराबाद विश्वाविदयालय मे 35 वर्षो से अधिक समय तक सेवा की है | वह मूख्या रुप से किडों के एक आर्थिक रुप से महत्त्वापूर्ण समूह पर काम करती है | जिसमें बडी संख्या मे संग्रहीत अनाज और कृषि कीट शामिल है |
जैव रासायनिक और आणविक उपकरणों का उपयोग करते हुए उनके अध्यायन ने विभिन्ना जीनों, उनके प्रोटीन और प्रोट्रीन और किडों में विशिष्टा शारिरिक प्रक्रियाओं के विकास और हार्मोनल विनियमन को उजागर किया है | उसका शोध घूमता है i वसा शरीर मे हेक्सामेरिन जीन अभिव्याक्ति और पश्चात वर्ती विकास के दौरान उनके हार्मानल विनियमन ii झिल्ली रिसेप्टार विभिन्ना ऊतकों व्दार हेक्सामेरिनों की मध्यास्थाता का मध्यस्थाता और प्रतिरक्षा, प्रजनन, रेशम स्त्राव मे उनकी भूमिका और कायापालट के दौरान iii प्रतिरक्षा समारोह के साथ उपन्यास उम्मीदवारों की पहचान iv बेसिलस युसिगिनेसिस की पहचान और लक्षण वर्गन लार्वा मिडगुट और अन्या आंतो के उनकेा मे टॉक्सिन बाइंडिंग रिसेप्टर्स v विभिन्न् लेपिडोप्टेशन कीडों मे बीटी विषाक्त् पदार्था के खिलाफ प्रतिरोध के विकास का आधार है | उसके समुह कई उम्मीदवार जीनों और उनके संबंधित प्रोटीनों की पहचान की है | जिनका उपयोग अणुओं और या विकास नियमाकों को वितरीत करने या लक्षित करने के लिए किया जा सकता है | जो कीट विकास और प्रजनन को बाधित करते है |
पुरस्कार और सम्मान :
1) NSA JSPS व्दिपक्षिय विनियम फेलो, मियाजाकी विश्वाविदयालय जपान 2012
2) INSA-DFG इंटरनेशनल एक्सचेंज फेलो, हैम्बर्ग यूनिवर्सिटी जर्मनी 2008
3) डी एस टी- डीएएटी एक्सचेंज फेलो, यूनिवसिटी ऑफ वुर्जबर्ग, जर्मनी 1999-2003
4) INSA एक्साचेंज फैलोशिप, चेक एकेडमी ऑफ साइंसेज, चेब गणरा्जय 2000
5) इंडों – जर्मन एक्सचेंज प्रोग्राम फेलो, यूनिवर्सिटी टयूनिंग जर्मनी 1991
प्रकाशन :
1) आरिफ ए दत्ता गुप्ता ए स्पेलर के 2003 टाइशेसिन किसने ने इक्डीसिस्टेरॉइडस व्दारा राइस मोथ कोरसीरा सेपोनोनिका मे हेक्सामेरिन सिसेप्टार की मध्यारचना फॉस्फोराइलेशन किया |
2) चैतन्या आरके, श्रीदेवी पी सेंथिल कुमारन बी , दत्ता- गुप्ता, 2012 किशोर हार्मेान एनालॉग का प्रभाव कोरिप्रा सेफेलोनिका के अंतिम इंस्टार लार्वा विकास के दौरान एच फाइब्रोइन विनियमन पर मेथोप्रेन
3) परिकिपांडला श्रीदेवी, आरके चैतन्या, अपर्णा दत्ता गुप्ता बाला सुब्रमण्याम सेथिल कुमारन 2012
4) परिकिपांडला श्रीदेवी अपर्णा दत्ता गुप्ता, बाल सुब्रमण्याम सेथील कुमारन 2011 एयरब्रीडिंग कैटरिश के मास्तिष्क् मे फयूसी टराजू कारक 1 का आणविक क्लोनिंग और अभिव्यक्ती विश्लेषण
5) मधुसूदन बुडडा, युइरेई जैकब निगशेन और अपर्णा दत्ता गुप्ता 2011 हेक्सामेरिन रिसेप्टार को आचे जानटा लेपिडोप्टिरा नोक्टूइडे मे एक जी पी आई लंगर डाले प्रोटीन
6) चैतन्या आरके, श्रीदेवी पी, सेथील कुमारन बी दत्ता गुप्ताए 2011 पिछले इंस्टार लार्वा डेवलपमेंट के दौरान संग्रहित अनाज कीट, कोरसीरा सेपोनोनिका मे एच फाइब्रोइन जीन का 20 हाइड्रॉक्सीसेडिसोन विनियमन
7) किरण कुमार एन इस्माइल एस एन दत्ता गुप्ता ए 1997 राइस मोथ मे स्टोरेज प्रोटीन का उठाव कोरिफ्रा सेफलोनिका वसा शरीर कोशिका झिल्ली मे भंडारण प्रोटीन बाइंडिग प्रोटीन की पहचान कीट जैव रसायन और आणविक जीवविज्ञन खंड 27.